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मध्यप्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन का संचालन मनमाने तरीके से क्यों, हाईकोर्ट ने मांगा BCCI से जवाब - एमपी क्रिकेट एसोसिएशन

HC Notice to BCCI : हाई कोर्ट ने मध्य प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन (MPCA) के मामले में सुनवाई करते हुए बीसीसीआई सहित केंद्र व राज्य सरकार से जवाब तलब किया है. याचिका में कहा गया है कि मध्यप्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन के संचालन में कई विसंगतियां हैं.

Madhya Pradesh Cricket Association run arbitraril
मध्यप्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन का संचालन मनमाने तरीके से क्यों
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jan 8, 2024, 3:50 PM IST

Updated : Jan 8, 2024, 4:06 PM IST

जबलपुर। मध्य प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन का संचालन मनमाने तरीके से करने के खिलाफ खिलाफ हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गयी. याचिका में कहा गया कि सर्वोच्च न्यायालय ने लोढ़ा समिति की सिफारिश पर बीसीसीआई को दिशा-निर्देश जारी किये थे. एमपीसीए के संचालन में उनका परिपालन नहीं हो रहा है. याचिका की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रवि विजय कुमार मलिमठ तथा जस्टिस विषाल मिश्रा की युगलपीठ ने अनावेदकों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है.

लोढ़ा कमेटी की सिफारिश का जिक्र : नर्मदापुरम निवासी आनंद मिश्रा की तरफ से दायर की गयी याचिका में कहा गया था कि सर्वोच्च न्यायालय ने लोढ़ा कमेटी की सिफारिश पर साल 2018 में बीसीसीआई को संचालन व्यवस्था के संबंध में दिशा-निर्देश जारी किये थे. बीसीसीआई से मान्यता प्राप्त राज्य किक्रेट एसोसिएशन को भी उनका पालन करना था. राज्य किक्रेट एसोसिएशन उन दिशा-निर्देश का परिपालन सुनिश्चित करे, यह जिम्मेदारी बीसीसीआई की है. याचिका में कहा गया कि एमपीसीए का संचालन आपत्तिजनक है.

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सभी अनावेदकों को नोटिस : याचिका में ये भी कहा गया कि एसोसिएशन में किसी प्रकार की कोई पारदर्शिता नहीं है. बैठकों का आयोजन से लेकर सदस्य का चयन में नियमों का पालन नहीं किया जाता. इसके अलावा बजट का उपयोग भी मनमाने तरीके से किया जाता है. जिस कारण प्रदेश में किक्रेट के खेल का भविष्य नष्ट हो रहा है. याचिका में केन्द्र व सरकार, बीसीसीआई, एमपीसीए, रजिस्टार फर्म एंड सोसायटी सहित नर्मदापुरम के क्रिकेट एसोसिएशन सहित अन्य को अनावेदक बनाया गया. युगलपीठ ने सुनवाई के बाद अनावेदकों को नोटिस जारी कर अगली सुनवाई चार सप्ताह बाद निर्धारित की है. याचिकाकर्ता की तरफ से अधिवक्ता काजी फखरुद्दीन ने की.

जबलपुर। मध्य प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन का संचालन मनमाने तरीके से करने के खिलाफ खिलाफ हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गयी. याचिका में कहा गया कि सर्वोच्च न्यायालय ने लोढ़ा समिति की सिफारिश पर बीसीसीआई को दिशा-निर्देश जारी किये थे. एमपीसीए के संचालन में उनका परिपालन नहीं हो रहा है. याचिका की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रवि विजय कुमार मलिमठ तथा जस्टिस विषाल मिश्रा की युगलपीठ ने अनावेदकों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है.

लोढ़ा कमेटी की सिफारिश का जिक्र : नर्मदापुरम निवासी आनंद मिश्रा की तरफ से दायर की गयी याचिका में कहा गया था कि सर्वोच्च न्यायालय ने लोढ़ा कमेटी की सिफारिश पर साल 2018 में बीसीसीआई को संचालन व्यवस्था के संबंध में दिशा-निर्देश जारी किये थे. बीसीसीआई से मान्यता प्राप्त राज्य किक्रेट एसोसिएशन को भी उनका पालन करना था. राज्य किक्रेट एसोसिएशन उन दिशा-निर्देश का परिपालन सुनिश्चित करे, यह जिम्मेदारी बीसीसीआई की है. याचिका में कहा गया कि एमपीसीए का संचालन आपत्तिजनक है.

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सभी अनावेदकों को नोटिस : याचिका में ये भी कहा गया कि एसोसिएशन में किसी प्रकार की कोई पारदर्शिता नहीं है. बैठकों का आयोजन से लेकर सदस्य का चयन में नियमों का पालन नहीं किया जाता. इसके अलावा बजट का उपयोग भी मनमाने तरीके से किया जाता है. जिस कारण प्रदेश में किक्रेट के खेल का भविष्य नष्ट हो रहा है. याचिका में केन्द्र व सरकार, बीसीसीआई, एमपीसीए, रजिस्टार फर्म एंड सोसायटी सहित नर्मदापुरम के क्रिकेट एसोसिएशन सहित अन्य को अनावेदक बनाया गया. युगलपीठ ने सुनवाई के बाद अनावेदकों को नोटिस जारी कर अगली सुनवाई चार सप्ताह बाद निर्धारित की है. याचिकाकर्ता की तरफ से अधिवक्ता काजी फखरुद्दीन ने की.

Last Updated : Jan 8, 2024, 4:06 PM IST
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