जबलपुर| रेल प्रशासन के विरोध में डब्ल्यूसीआर के आवाहन पर आज पश्चिम मध्य रेलवे के डीआरएम कार्यालय में रनिंग स्टाफ ने धरना देकर विरोध जताया है. विरोध जता रहे लोको पायलट और गार्ड का कहना है कि जबलपुर रेल मंडल के अधिकारी रेलवे बोर्ड के निर्देशों का पालन नहीं कर रहे हैं और तानाशाही रवैया अपनाते हुए नौ से 10 घंटे की ड्यूटी होने के बाद भी रिलीव ना कर जबरदस्ती ट्रेन आगे ले जाने को मजबूर कर रहे हैं.
प्रदर्शनकारियों का कहना है कि एक बार में 12 से 15 घंटे की नौकरी किसी बड़े हादसे का कारण बन सकती है. यही वजह है कि इस असुरक्षित शॉर्टकट कार्यप्रणाली के कारण लोको पायलट और गार्ड परेशान और तनावग्रस्त हो गए हैं. इसके साथ-साथ विरोध जता रहे कर्मचारियों ने मंडल शासन पर सुरक्षा को लेकर गंभीर आरोप लगाए हैं. कर्मचारियों का कहना है कि बीते 18 जून 2019 को पश्चिम मध्य रेलवे के महाप्रबंधक द्वारा जारी पत्र में स्पष्ट रूप से जीएम और चीफ सेफ्टी ऑफिसर ने कहा है कि किसी भी लोको पायलट से एक बार में डीजल लोको, इलेक्ट्रिक लोको में से किसी एक ट्रेक्शन पर ही कार्य कराया जाए.
विरोध जता रहे लोको पायलट और गार्ड ने चेतावनी देते हुए कहा है कि जबलपुर रेल मंडल में रेलवे बोर्ड और पश्चिम मध्य रेल के महाप्रबंधक के आदेशों का पालन नहीं किया गया तो वो अपनी मांगे मनवाने के लिए हड़ताल करने सहित ट्रेनों के चक्के तक जाम कर देंगे.