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जबलपुर में लाखों क्विंटल धान हुआ बर्बाद, सामने आई अधिकारियों की लापरवाही

जिले के गोसलपुर इलाके में खुले में रखी लाखों क्विंटल की धान पर पानी फिर गया. इसमें अधिकारियों की बड़ी लापरवाही सामने आई है. जिसकी वजह से किसानों को काफी नुकसान हो रहा है.

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Published : Jul 5, 2019, 9:44 AM IST

जबलपुर में लाखों क्विंटल धान हुआ बर्बाद

जबलपुर। जिले के गोसलपुर इलाके में खुले आसमान के नीचे लाखों क्विंटल धान रखा गया है. अधिकारियों की लापरवाही की वजह से धान को ऊपर से त्रिपाल या प्लास्टिक से नहीं ढाका गया और तेज बारिश की वजह से पूरा धान पानी में बैठ गया. भाजयुमो के कार्यकर्ताओं ने बताया कि किसानों का लाखों का नुकसान हुआ है जिसकी सुध लेने वाला कोई नहीं है.

जबलपुर में लाखों क्विंटल धान हुआ बर्बाद

देश में खाद्य सुरक्षा अधिनियम की वजह से इतना खाद्यान्न सुरक्षित रखना जरूरी है जिससे कि आपात स्थितियों में देश के लोगों को भोजन दिया जा सके लेकिन यह भोजन साफ और शुद्ध हो यह भी जरूरी है. जिले के गोसलपुर में लाखों का धान पानी में सड़ रहा है जिसकी वजह अधिकारियों की लापरवाही है. धान रखने की कोई व्यवस्था नहीं है जिसके कारण खुले में रखे धान बारिश की वजह से सड़ रहे हैं. जिससे किसानों का काफी नुकसान हो रहा है.
भाजयुमो के कार्यकर्ता जमा खान ने बताया कि कमलनाथ सरकार किसानों को लेकर गम्भीर नहीं है. अफसरशाही की वजह से किसानों की मेहनत पर पानी फिर रहा है. कई सौ करोड़ की धान खुले में रखी है जो पूरी तरह से सड़ चुकी है और इसकी जवाबदेही के लिए कोई भी नहीं है.

जबलपुर। जिले के गोसलपुर इलाके में खुले आसमान के नीचे लाखों क्विंटल धान रखा गया है. अधिकारियों की लापरवाही की वजह से धान को ऊपर से त्रिपाल या प्लास्टिक से नहीं ढाका गया और तेज बारिश की वजह से पूरा धान पानी में बैठ गया. भाजयुमो के कार्यकर्ताओं ने बताया कि किसानों का लाखों का नुकसान हुआ है जिसकी सुध लेने वाला कोई नहीं है.

जबलपुर में लाखों क्विंटल धान हुआ बर्बाद

देश में खाद्य सुरक्षा अधिनियम की वजह से इतना खाद्यान्न सुरक्षित रखना जरूरी है जिससे कि आपात स्थितियों में देश के लोगों को भोजन दिया जा सके लेकिन यह भोजन साफ और शुद्ध हो यह भी जरूरी है. जिले के गोसलपुर में लाखों का धान पानी में सड़ रहा है जिसकी वजह अधिकारियों की लापरवाही है. धान रखने की कोई व्यवस्था नहीं है जिसके कारण खुले में रखे धान बारिश की वजह से सड़ रहे हैं. जिससे किसानों का काफी नुकसान हो रहा है.
भाजयुमो के कार्यकर्ता जमा खान ने बताया कि कमलनाथ सरकार किसानों को लेकर गम्भीर नहीं है. अफसरशाही की वजह से किसानों की मेहनत पर पानी फिर रहा है. कई सौ करोड़ की धान खुले में रखी है जो पूरी तरह से सड़ चुकी है और इसकी जवाबदेही के लिए कोई भी नहीं है.

Intro:जबलपुर की गोसलपुर इलाके में खुले आसमान के नीचे रखी लाखों क्विंटल धान बरसात में हुई गीली जनता के पैसे की बर्बादीBody:जबलपुर की गोसलपुर इलाके में खुले आसमान के नीचे लाखों कुंटल धान का स्टॉक किया गया है धान को खुले आसमान में स्टॉक करने के पहले अधिकारियों को इस बात को सुनिश्चित करना चाहिए था की धान बरसात के पानी में गीली ना हो लेकिन अधिकारियों की लापरवाही के चलते धान को ऊपर से त्रिपाल या प्लास्टिक से नहीं ढाका गया और तेज बारिश हो रही है इसके चलते पूरा पानी धान में बैठ गया है अनाज में यदि एक बार पानी लग जाए और उसे यदि सुखाने की व्यवस्था ना हो तो वह अनाज को नष्ट कर देता है गोसलपुर का धान का स्टॉक लाखों कुंटल का है इसे सुखाया नहीं जा सकता ऐसी स्थिति में यह धान सड़ जाएगी
दरअसल आम आदमी जो टैक्स देता है उसी पैसे से सरकार किसानों से धान खरीदती है भारत में खाद्य सुरक्षा अधिनियम की वजह से इतना खाद्यान्न सुरक्षित रखना जरूरी है जिससे आपात स्थितियों में देश के लोगों को भोजन दिया जा सके लेकिन यह भोजन साफ और शुद्ध हो यह भी जरूरी है सामान्य तौर पर इस धान को मिलर्स को दिया जाती है जहां इसका चावल बनता है जिसे गरीबी रेखा के नीचे रहने वाले लोगों को बांटा जाता है और जो धान बच जाती है उसे खुले बाजार में नीलाम करके बेचा जाता है ताकि जनता का पैसा जनता के खजाने में पहुंच जाएं लेकिन यदि यह धान सड़ जाती है तो इसको खरीददार नहीं मिलेंगे और मजबूर आने से फेंकना होगा इससे जनता के पैसे की बड़ी बर्बादी होगी

Conclusion:लेकिन लगता है कि सरकारों को जनता के पैसे की बर्बादी से बहुत सरोकार नहीं है भारतीय जनता युवा मोर्चा के कार्यकर्ताओं ने इस मुद्दे को उठाया है इन लोगों का कहना है की वे इस मामले में सरकार का विरोध करेंगे
बाइट जमा खान नेता भारतीय जनता पार्टी
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