जबलपुर। कोरोना वायरस की चपेट में दुनिया के कई देश हैं. इंसान इस वायरस से खुद को बचाने के लिए कोशिश में लगा हुआ है. परेशानी में लोग सब को भूल जाते हैं, ऐसे हालात में बेजुबान जानवरों की परवाह करने वाला भी कोई चाहिए. एक किसान ने महामारी से लड़ने के साथ-साथ बेजुबान जानवरों की देखरेख का जिम्मा उठाया है. दरअसल बरगी विधानसभा अंतर्गत झोझी ग्राम पंचायत में फरवरी 2020 में एक गौशाला का निर्माण कराया गया था. लेकिन यहां कुछ मवेशियों को ही आसरा मिल रहा था.
झोझी गांव में रहने वाले जगन्नाथ सोनी मैहर की यात्रा पर गए थे. जहां से निजी वाहन से लौटते हुए उन्होंने सड़कों पर कई लावारिस मवेशियों को मरा देखा. कुछ मवेशी बीच सड़क पर घूमते हुए दुर्घटनाओं और भुखमरी का शिकार होते देख जगन्नाथ का मन बैचेन हो गया. उन्होंने इन लावारिस मवेशियों के जीवन को संवारने का फैसला लिया और गांव के सरपंच से चर्चा कर गोशाला के दरवाजे इन गायों के लिए खुलवा दिए. लॉकडाउन के दौरान सड़कों पर घूमने वाले बेजुबानों को यहां लाकर उनके खाने का इंतजाम करवाया गया.
जगन्नाथ के इस प्रयास को देखते हुए शासन और प्रशासन स्तर पर उन्हें सहयोग भी मिल रहा है. अब झोंझी में 100 से ज्यादा मवेशी रह रहे हैं. उनके लिए भूसा और चारे का इंतजाम स्थानीय लोगों की मदद से किया जाता है. गोशाला के चारों ओर शेड का निर्माण भी कराया जा रहा है, जिससे ज्यादा मवेशियों को यहां पर रखा जा सके. जगन्नाथ सोनी खेती करने के साथ-साथ गौशाला का प्रबंधन भी खुद ही देख रहे हैं. जिससे मवेशियों को किसी प्रकार की परेशानी का सामना न करना पड़े.