जबलपुर। भारतीय जनता पार्टी जन आशीर्वाद यात्रा के जरिए अपनी योजनाओं को जनता तक पहुंचाना चाहती है. मंडला से निकली जन आशीर्वाद यात्रा अमित शाह ने शुरू करवाई. महाकौशल में भारतीय जनता पार्टी पिछले चुनाव में बुरी तरह हारी थी और यहां 38 में से मात्र 13 विधानसभा सीटें ही बीजेपी के खेमे में गई थी. इसलिए इस जन आशीर्वाद यात्रा के जरिए बीजेपी अपने पक्ष में माहौल बनाने की कोशिश कर रही है. जब इस यात्रा का विरोध हुआ, उस समय प्रचार रथ पर जबलपुर सांसद राकेश सिंह और मंडला सांसद फग्गन सिंह कुलस्ते मौजूद थे. आज यहां पर केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल की सभा भी होनी है. लेकिन इसके पहले ही सिहोरा में विरोध की वजह से बीजेपी नेताओं के लिए स्थिति असहज हो गई है.
दो माह से चल रहा आंदोलन : मुख्यमंत्री ने शिवराज सिंह चौहान ने हाल ही में मैहर को जिला बनाने की घोषणा कर दी. इससे सिहोरा के लोग गुस्से में आ गए और आंदोलन तेज हो गया है. सिहोरा के लोगों ने बीते 2 महीने से चल रहे आंदोलन में यह स्पष्ट कह दिया है कि जब तक सिहोरा को जिला बनाने की घोषणा नहीं की जाती, तब तक भारतीय जनता पार्टी को कोई समर्थन नहीं दिया जाएगा. आंदोलन में केवल आम जनता ही शामिल नहीं है बल्कि सिहोरा के भारतीय जनता पार्टी के नेता भी इस आंदोलन का समर्थन कर रहे हैं.
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सीहोरा से लगातार जीत रही बीजेपी : बता दें कि 20 साल पहले भी जबलपुर की सिहोरा तहसील को और कटनी की दो ब्लॉक को मिलाकर एक नए जिले की तैयारी की गई थी और इस पर मध्य प्रदेश सरकार ने प्रस्ताव भी पारित कर दिया था लेकिन उसके बाद मध्य प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की सरकार आ गई. इसके बाद प्रस्ताव पास नहीं हो पाया. इसलिए लोगों में गुस्सा है. वहीं दूसरी ओर सिहोरा के बाद उठी मांगों में कई नए जिले बनाए गए लेकिन सिहोरा के बारे में कोई विचार नहीं किया गया. जन आशीर्वाद यात्रा भारतीय जनता पार्टी की महत्वाकांक्षी यात्रा है और इसका विरोध होने का मतलब है कि इस इलाके के लोग भारतीय जनता पार्टी को पसंद नहीं कर रहे हैं. सिहोरा विधानसभा सीट से बीजेपी के नंदनी मरावी बीते 3 चुनाव जीत चुकी हैं.