जबलपुर। जबलपुर के चारगांव गांव के पास ऐम फार सेवा नाम की संस्था ने हॉस्टल बनाया है. इस हॉस्टल में समाज के कई लोगों ने भागीदारी की है. एक संत भी इस संस्था से जुड़े हुए हैं. संस्था ने हॉस्टल और स्कूल की व्यवस्था की है. यहां ज्यादातर बच्चे दूरदराज इलाकों से आते हैं. ये बच्चे गरीब हैं और उनके परिवारों में गरीबों की वजह से पढ़ने लिखने का पर्याप्त मौका नहीं मिल रहा है. संस्था इन बच्चों को रहने खाने की व्यवस्था करती है. सुविधा तक तो ठीक है लेकिन जिन मौकों पर बच्चों को परिवार की जरूरत होती है, वहां ये बच्चे मायूस हो जाते हैं.
सीएसपी ने समझी भावनाएं : इसी हॉस्टल में बीते दिनों जबलपुर के बरगी क्षेत्र के नगर पुलिस अधीक्षक सुनील नेमा किसी आयोजन के सिलसिले में पहुंचे. सुनील नेमा ने जब इस हॉस्टल की कार्यप्रणाली को समझा तो उन्होंने भी इन बच्चों के लिए अपनी ओर से कुछ योगदान देने का मन बनाया. सुनील नेमा ने बच्चों से पूछा कि आप लोग पिकनिक पर नहीं गए. बच्चों ने बड़ी मासूमियत से जवाब दिए कि उन्हें कौन पिकनिक पर ले जाएगा. यह बात पुलिस अधिकारी को चुभ गई और उन्होंने इन बच्चों को पिकनिक पर ले जाने का इंतजाम किया. इसके बाद एक बस का इंतजाम किया गया और बस में खुद सुनील नेमा और उनका कुछ स्टाफ बच्चों के साथ घुल मिल गया.
बरगी बांध की सैर कराई : बच्चों को खाने पीने का पूरा इंतजाम किया गया और मस्ती करता हुआ यह दल जबलपुर के बरगी बांध पहुंचा. बरगी बांध में मैंकल रिजॉर्ट की वाटर एक्टिविटी में इन सभी बच्चों ने हिस्सा लिया. मध्य प्रदेश टूरिज्म के इस रिसोर्ट में बरगी डैम के बैकवॉटर में एक क्रूज चलाया जाता है. इसी में इन बच्चों को 2 घंटे की सैर करवाई गई. सीएसपी सुनील नेमा का कहना है कि इस पिकनिक से इन बच्चों को तो आनंद आया ही लेकिन इनके साथ समय बिताने में उन्हें और उनकी पूरी टीम को भी बड़ी शांति मिली.
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बिजली उत्पादन का ज्ञान लिया : पिकनिक के साथ ही इन बच्चों को बरगी बांध का बिजली उत्पादन संयंत्र भी दिखाया गया. जहां बरगी बांध में जल विद्युत का उत्पादन किया जाता है. वहां बच्चों को कैसे टरबाइन घूमता है, कैसे इससे बिजली बनती है, इन सभी बातों को प्लांट के भीतर ले जाकर समझाया गया. पिकनिक के साथ ही बच्चों ने जल विद्युत के संयंत्र को चलते हुए देखकर विज्ञान की शिक्षा भी ली.