जबलपुर। पुलिस की आम जनता से बेरुखी, उनके साथ मारपीट करना. इन दिनों पूरे प्रदेश में चर्चा का विषय बनी हुई है. कभी चैकिंग के नाम पर महिला का सिर फोड़ देना, तो कभी मासूम को लॉकडाउन के उल्लंघन में पीटना, तो कभी बिना विषय किसी को थप्पड मार देने की घटना से जबलपुर वासियों का पुलिस के प्रति आक्रोश बढ़ता जा रहा है. एक तरफ जहां आम जनता के साथ पुलिस खुले आम मारपीट करती है तो वही नेताओं के साथ अगर ये घटना होती है. तो फिर पुलिस 'जी हजूरी' में उतर आती है. हम आपको दिखाते हैं कि कुछ ऐसी ही तस्वीरें जिसमें की एक तरफ आम जनता के साथ मारपीट कर रही है, तो वही दूसरी और नेताओं की 'जी हजूरी' कर रही है.
1. पुलिस चैकिंग में फूट गया महिला का सिर
एक महिला पर्ची लेकर बाइक से दवाई लेने जा रही थी. रामपुर चौक पर पुलिस चेकिंग कर रही थी. रास्ते में खड़े पुलिसकर्मी ने महिला की बाइक को रोका, जिससे बाइक का बैलेंस बिगड़ा गया और वो नीचे गिर गई. इस हादसे में महिला के सिर पर गंभीर चोट आई. घटना में पुलिस अपनी गलती मानते हुए महिला से माफी मांगने की वजह उस पर ही नाराज होना शुरू कर दिए. सोशल मीडिया में पुलिस का ये रूप खूब वायरल हुआ, लेकिन दोषी पुलिसकर्मियों पर आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई.
2. मासूम को बुरी तरह पीटा
महिला के साथ पुलिस की बदतमीजी का वीडियो वायरल होने के बाद एक वीडियो अधारताल थाने का आया. जहां लॉकडाउन में एक मासूम के द्वारा फल का ठेला लगाना पुलिस को इतना नगवार गुजरा कि पुलिसकर्मी ने बच्चे की जमकर पिटाई कर दी. इतना ही नहीं फल से भरा उसका ठेला भी पलटा दिया. जब बच्चे की मदद के लिए एक युवक ने पुलिस से बात की तो अधारताल थाना पुलिस ने मदद करने वाले व्यक्ति पर ही FIR दर्ज कर दी. इस मामले में भी दोषी पुलिसकर्मी बच गए.
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3. केस नंबर 3
अहिंसा चौक पर विजय नगर थाना प्रभारी सोमा मलिक चैकिंग कर रही थी. तभी एक युवक वहां से निकला. जहां पुलिस ने उसे रोक लिया. युवक ने बाहर निकलने का कारण बताया. जिससे महिला थाना प्रभारी सोमा मलिक नाखुश हो गई और युवक को थप्पड़ मार दिया. विजय नगर महिला थाना प्रभारी सोमा मलिक के द्वारा युवक को साथ हुई मारपीट को लेकर वह बीच सड़क पर ही युवक बैठ गया. युवक का कहना था कि अगर उसने गलती की है तो उसका चालान काटा जाए ना कि उसके साथ मारपीट की जाए. इस मामले में भी पुलिस के उच्च अधिकारियों में संज्ञान नहीं लिया.
वकील जा रहा था वैक्सीन लगवाने उसे भी नहीं छोड़ा
कुछ इस तरह की बदतमीजी माढ़ोताल पुलिसकर्मी ने एक वकील के साथ उस समय की. जब वह वैक्सीन लगवाने जा रहा था. उस समय भी पुलिसकर्मियों ने युवा अधिवक्ता को रोक लिया और उनसे वजह पूछते हुए न सिर्फ बदसलूकी करने लगा. पुलिसकर्मी पर आरोप है कि उसने वकील से गाली गलौज तक की थी. वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने मामला शांत करवा दिया लेकिन बाद में घटना का वीडियो सामने आया है.
नेताओं के सामने पुलिस मौन
जनता कर्फ्यू के नाम से जनता का सिर फोड़ने-थप्पड़ मारने, गाली गलौज करने वाली पुलिस, नेताओं के सामने नतमस्तक हो जाती है. अब हम आपको वो वायरल वीडियो भी दिखाते हैं. जिसमें पूर्व मंत्री तरुण भनोत एक महिला पुलिसकर्मी को इसलिए डाट रहे हैं क्योंकि उनके पास शिकायत आ रही थी कि पुलिस, आम जनता को परेशान कर रही है. इस दौरान किसी भी पुलिसकर्मी की हिम्मत नहीं पड़ी की वह कांग्रेस नेता से बहस कर सके. ये घटना गोराबाजार थाने के सामने की है.
BJP नेताओं की फटकार लेकिन शांत रहे पुलिसकर्मी
कांग्रेस सरकार में पूर्व मंत्री रहे तरुण भनोत ने जहा आम जनता की शिकायत पर पुलिसकर्मियों को फटकार लगाई, तो BJP नेता जो कि मास्क नहीं लगाए हुए थे उन्हें जब पुलिस ने रोका तो आम जनता के साथ मारपीट करने वाली पुलिस भाजपा नेताओं के सामने शांत हो गई. भाजपा नेता चीख चीखकर कलेक्टर-एसपी को मौके पर बुलाने की मांग कर रहे थे. पुलिसकर्मियों से बहस कर रहे थे लेकिन मजाल थीं कि आम जनता का सिर फोड़ने वाली पुलिस के मुंह से एक आवाज निकल आए. ये घटनाक्रम गढ़ा थाना है.
कारनामे पर पूर्व वित्त मंत्री का मानना
लॉकडाउन के नाम पर घर से निकलने वाली जनता के साथ मारपीट करने को लेकर पूर्व वित्त मंत्री तरुण भनोट से भी हमने बात की. पूर्व मंत्री के विषय में कहना था कि लगातार पुलिस कर्मियों की शिकायत आ रही थी कि बेवजह आम जनता को परेशान किया जा रहा है. जिसको देखते हुए जब मैं मौके पर पहुंचा तो देखा कि लोगों का ना सिर्फ चालान किया जा रहा था. बल्कि उनके साथ बदतमीजी तक की जा रही थी. जिसको लेकर मैंने पुलिसकर्मियों को हिदायत दी थी.
कांग्रेस नेता ने कहा कि आज लगातार इस तरह की घटनाएं सामने आ रही हैं कि पुलिस आम जनता के साथ मारपीट कर रही है. लेकिन ऐसा नही है कि सभी पुलिसकर्मी एक जैसे हो, कुछ पुलिसकर्मी ऐसे हैं, जो कि ये गंदा काम करके पुलिस विभाग को कलंकित करने का काम कर रहे हैं.
SP ने वीडियो का परीक्षण करवाने की कही बात
जबलपुर में महज कुछ दिनों के अंदर ही एक के बाद एक लगातार पुलिस के द्वारा आम जनता के साथ मारपीट करने के वीडियो सोशल मीडिया में वायरल होने लगे. इन वीडियो के वायरल होने पर जबलपुर एसपी सिद्धार्थ बहुगुणा ने सफाई दी है. उन्होंने कहा कि रामपुर चौक में महिला के सिर फूटने की जो घटना हुई है. वह एक एक्सीडेंट था. उन्होंने अन्य दूसरी वीडियो को लेकर कहा है कि सभी वीडियो कपड़े का परीक्षण करवाया जा रहा है और अगर इस घटनाक्रम में कोई भी पुलिसकर्मी दोषी पाया जाता है तो उनके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी
कानून में नहीं है सरेआम मारपीट का अधिकार
लोग किसी ना किसी काम से घर के बाहर निकल रही है और इस दौरान पुलिस का उनके साथ बर्बरता से मारपीट करने का अधिकार कानून ने इन्हें बिल्कुल भी नहीं दिया है. बावजूद इसके आम जनता के साथ मारपीट करने को लेकर कानून के जानकार बताते हैं कि अगर कोई कानून के नियमों का उल्लंघन कर रहा है, तो उस पर विधि सम्मत कार्रवाई, पुलिस कर सकती है ना कि बीच सड़क पर उसके साथ मारपीट.
हाईकोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता सत्येंद्र ज्योतिषी ने पुलिस के इस कृत्य को निंदनीय बताते हुए बताया है कि पुलिस की इस कार्यशैली को लेकर जनता को मानव अधिकार आयोग से इसकी शिकायत करना चाहिए और हो सके तो उनके साथ हुई इस घटना को लेकर कोर्ट की शरण भी वह ले सकते हैं.
क्यों बढ़ रही है जनता-पुलिस के बीच दूरियां
जबलपुर पुलिस बीते कुछ दिनों से पूरे प्रदेश में इसलिए सुर्खियों में बनी हुई है कि वह अपराधियों को नहीं बल्कि आम जनता के साथ मारपीट कर रही है. लिहाजा लगातार वीडियो भी सामने आ रहे हैं. वीडियो को देखते हुए एसपी ने अब भले ही जांच के आदेश दे दिए हो लेकिन जिस तरह से लगातार जनता के साथ पुलिस का बर्ताव खराब हो रहा है. यह चिंता का विषय है कि आखिर जनता और पुलिस के बीच ऐसी क्यों दूरियां बन रही हैं .