जबलपुर। डीबी वर्कर नंद किशोर सोनी का चिकित्सकों ने लगातार इलाज व एक आपरेशन किया था, लेकिन करीब 15 दिनों तक लगातार चले उपचार के बाद भी उन्हें नहीं बचाया जा सका. नंद किशोर सोनी की मौत होने की सूचना जैसे ही ओएफके में पहुंची तो कर्मचारी यूनियन में शोक की लहर व्याप्त हो गई.
मुंबई से पार्थिव देह जबलपुर लाए : उल्लेखनीय है कि 29 सिंतबर दोपहर ओएफके के एफ 6 सेक्शन में बिल्डिंग क्रमांक 637 में एयर फोर्स के एरियल बम 450 केजी की फिलिंग के दौरान बारूद पिघलाया जा रहा था. इस घटना में आधा दर्जन कर्मचारी घायल हो गए थे, जो अब भी इलाजरत हैं. हादसे में बुरी तरह झुलसे नंद किशोर सोनी की मुंबई के नेशनल बर्न सेंटर में उपचार के दौरान 14 अक्टूबर को मृत्यु हो जाने के बाद पार्थिक देह शनिवार दोपहर नागपुर से सड़क मार्ग से जबलपुर पहुंचा.
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कर्मचारी यूनियन ने दी श्रद्धांजलि : मुंबई से नागपुर तक पार्थिव देह को विशेष विमान से लाया गया था. पार्थिव देह लेकर आ रहे परिजनों ने तय किया था कि पहले नंद किशोर सोनी के शव को उनकी कर्मभूमि ले जाया जाए, उसके बाद घर ले जाकर उन्हें मुक्तिधाम के लिए अंतिम यात्रा पर ले जाया जाये. आयुध निर्माणी खमरिया ओएफके प्रबंधन और यूनियन प्रतिनिधियों ने परिजनों की मंशा का सम्मान किया. शव को पहले गेट नंबर एक पर लाया गया. जहां ओएफके महाप्रबंधक अशोक कुमार सहित वरिष्ठ अधिकारियों, यूनियन पदाधिकारियों ने गमगीन माहौल में श्रद्धांजलि दी.
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