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Jabalpur Ordnance Factory : आयुध फैक्टरी में हुए हादसे में झुलसे कमर्चारी की मौत, 5 घायल कर्मचारियों का इलाज जारी

भारतीय सेना के लिए गोला-बारूद बनाने बाली आयुध निर्माण फैक्टरी में 29 सिंतबर को पिघले हुए बारूद से डालते समय अचानक आग लगने से नंद किशोर सोनी समेत 6 कर्मचारी झुलसे गए थे. इस हादसे में नंद किशोर करीब 45 फीसदी से ज्यादा झुलस गए थे. इसके बाद उन्हें जबलपुर के एक निजी अस्पताल की बर्न यूनिट में भर्ती कराया गया था, लेकिन उनकी स्थिति धीरे-धीरे बिगड़ते जा रही थी. उन्हें 30 सितंबर को को एयर लिफ्ट करके मुंबई के नेशनल बर्न सेंटर हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया, लेकिन उपचार के दौरान मृत्यु हो गई. (Scorched employee die) (Fire in ordnance factory) (Treatment 5 injured workers)

Jabalpur Ordnance Factory
आयुध फैक्टरी में हुए हादसे में झुलसे कर्मचारी की मुंबई में मौत
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Published : Oct 15, 2022, 6:15 PM IST

जबलपुर। डीबी वर्कर नंद किशोर सोनी का चिकित्सकों ने लगातार इलाज व एक आपरेशन किया था, लेकिन करीब 15 दिनों तक लगातार चले उपचार के बाद भी उन्हें नहीं बचाया जा सका. नंद किशोर सोनी की मौत होने की सूचना जैसे ही ओएफके में पहुंची तो कर्मचारी यूनियन में शोक की लहर व्याप्त हो गई.

मुंबई से पार्थिव देह जबलपुर लाए : उल्लेखनीय है कि 29 सिंतबर दोपहर ओएफके के एफ 6 सेक्शन में बिल्डिंग क्रमांक 637 में एयर फोर्स के एरियल बम 450 केजी की फिलिंग के दौरान बारूद पिघलाया जा रहा था. इस घटना में आधा दर्जन कर्मचारी घायल हो गए थे, जो अब भी इलाजरत हैं. हादसे में बुरी तरह झुलसे नंद किशोर सोनी की मुंबई के नेशनल बर्न सेंटर में उपचार के दौरान 14 अक्टूबर को मृत्यु हो जाने के बाद पार्थिक देह शनिवार दोपहर नागपुर से सड़क मार्ग से जबलपुर पहुंचा.

जबलपुर ऑर्डिनेंस फैक्ट्री में लगी आग, करीब 6 कर्मचारी घायल, हादसे में एक ब्लॉक पूरी तरह जलकर खाक

कर्मचारी यूनियन ने दी श्रद्धांजलि : मुंबई से नागपुर तक पार्थिव देह को विशेष विमान से लाया गया था. पार्थिव देह लेकर आ रहे परिजनों ने तय किया था कि पहले नंद किशोर सोनी के शव को उनकी कर्मभूमि ले जाया जाए, उसके बाद घर ले जाकर उन्हें मुक्तिधाम के लिए अंतिम यात्रा पर ले जाया जाये. आयुध निर्माणी खमरिया ओएफके प्रबंधन और यूनियन प्रतिनिधियों ने परिजनों की मंशा का सम्मान किया. शव को पहले गेट नंबर एक पर लाया गया. जहां ओएफके महाप्रबंधक अशोक कुमार सहित वरिष्ठ अधिकारियों, यूनियन पदाधिकारियों ने गमगीन माहौल में श्रद्धांजलि दी.

(Scorched employee die) (Fire in ordnance factory) (Treatment 5 injured workers)

जबलपुर। डीबी वर्कर नंद किशोर सोनी का चिकित्सकों ने लगातार इलाज व एक आपरेशन किया था, लेकिन करीब 15 दिनों तक लगातार चले उपचार के बाद भी उन्हें नहीं बचाया जा सका. नंद किशोर सोनी की मौत होने की सूचना जैसे ही ओएफके में पहुंची तो कर्मचारी यूनियन में शोक की लहर व्याप्त हो गई.

मुंबई से पार्थिव देह जबलपुर लाए : उल्लेखनीय है कि 29 सिंतबर दोपहर ओएफके के एफ 6 सेक्शन में बिल्डिंग क्रमांक 637 में एयर फोर्स के एरियल बम 450 केजी की फिलिंग के दौरान बारूद पिघलाया जा रहा था. इस घटना में आधा दर्जन कर्मचारी घायल हो गए थे, जो अब भी इलाजरत हैं. हादसे में बुरी तरह झुलसे नंद किशोर सोनी की मुंबई के नेशनल बर्न सेंटर में उपचार के दौरान 14 अक्टूबर को मृत्यु हो जाने के बाद पार्थिक देह शनिवार दोपहर नागपुर से सड़क मार्ग से जबलपुर पहुंचा.

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कर्मचारी यूनियन ने दी श्रद्धांजलि : मुंबई से नागपुर तक पार्थिव देह को विशेष विमान से लाया गया था. पार्थिव देह लेकर आ रहे परिजनों ने तय किया था कि पहले नंद किशोर सोनी के शव को उनकी कर्मभूमि ले जाया जाए, उसके बाद घर ले जाकर उन्हें मुक्तिधाम के लिए अंतिम यात्रा पर ले जाया जाये. आयुध निर्माणी खमरिया ओएफके प्रबंधन और यूनियन प्रतिनिधियों ने परिजनों की मंशा का सम्मान किया. शव को पहले गेट नंबर एक पर लाया गया. जहां ओएफके महाप्रबंधक अशोक कुमार सहित वरिष्ठ अधिकारियों, यूनियन पदाधिकारियों ने गमगीन माहौल में श्रद्धांजलि दी.

(Scorched employee die) (Fire in ordnance factory) (Treatment 5 injured workers)

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