जबलपुर। मणिपुर हिंसा पर बोलते हुए केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल ने विपक्ष को आड़े हाथों लिया है. उन्होंने कहा कि "विपक्ष के उतावलेपन की वजह से मणिपुर में हिंसा का समाधान नहीं होगा, बल्कि बात बिगड़ सकती है. कांग्रेस सदन नहीं चलने देना चाहती जबकि सरकार बहस करने को तैयार है, लेकिन विपक्ष चर्चा से बच रहा है. क्योंकि विपक्ष को इस बात का डर है कि कहीं वे खुद इस मामले में फंस न जाएं."
जबलपुर में राजनीतिक सक्रियता बढ़ायेंगे प्रहलाद: केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल सावन के तीन सोमवार का उपवास निर्जला करते हैं. इस दौरान भी जहां भी रहते हैं वहां शिव मंदिर में जाते हैं. राजनीतिक कार्यक्रमों के चलते हुए जबलपुर में थे इसलिए वे जबलपुर में गुप्तेश्वर महादेव के मंदिर में अभिषेक करने के लिए पहुंचे. केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल का कहना है कि जब वह जबलपुर में पढ़ने के लिए आए थे तब उन्होंने एक बार यहां अभिषेक किया था उसके बाद यह दूसरा मौका है. इस मंदिर के महत्व के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि यह मंदिर त्रेता कालीन है और कई पुराणों में इसका उल्लेख है.
मणिपुर हिंसा पर क्या बोले मंत्री: केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल भारतीय जनता पार्टी के मणिपुर प्रभारी रहे हैं, लेकिन मणिपुर हिंसा और मणिपुर में जो संकट खड़ा हुआ है उस पर वह भी अब तक नहीं बोले. लेकिन सोमवार को पहली बार उन्होंने मणिपुर हिंसा पर बोलते हुए कहा कि " मणिपुर की हिंसा को खत्म करना है तो हमें बहुत संयम से काम लेना होगा. विपक्ष इस मामले में जो उतावलापन दिखा रहा है उससे इस समस्या का समाधान नहीं हो सकता. विपक्ष को भी इस मुद्दे पर संयम रखना चाहिए. विपक्षी दल मणिपुर गए लेकिन उनके हाथ कुछ नहीं लगा."
सदन में चर्चा कर फंस जाएंगे विपक्षी: केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल का कहना है कि "विपक्ष इस मुद्दे पर केवल हंगामा मचा रहा है. जबकि इस पर सदन में सरकार बहस करने के लिए तैयार है. लेकिन विपक्ष बहस करने के लिए सदन में इकट्ठा नहीं हो रहा है और बहस से बच रहा है. क्योंकि विपक्ष को इस बात की पूरी संभावना है कि इस मुद्दे पर बहस करने पर खुद फंस जाएंगे."