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अनाज भंडारण मामले में HC का सख्त रुख, 5 साल के स्टोरेज का मांगा डेटा

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Published : Aug 3, 2021, 10:38 PM IST

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने अनाज भंडारण मामले में सख्त रुख अपना लिया है. कोर्ट ने सरकार, एफसीआई और वेयरहाउस कॉर्पोरेशन को पांच साल के स्टोरेज का डेटा पेश करने के आदेश दिए हैं.

HIGH COURT
5 साल के स्टोरेज का मांगा डेटा

जबलपुर। हाईकोर्ट ने खुले में आनाज का भंडार किए जाने को चुनौती देने वाली याचिका पर मंगलवार को सुनवाई की. एफसीआई के गोदाम खाली न होने संबंधी जानकारी पर कोर्ट ने सरकार, एफसीआई और वेयरहाउस कॉर्पोरेशन को पांच साल के स्टोरेज का डेटा पेश करने के आदेश दिए हैं. मामले पर अब अगली सुनवाई 23 अगस्त को होगी.

गौरतलब है कि यह जनहित का मामला एडवोकेट गुलाब सिंह की ओर से दायर किया गया था. जिसमें भंडारण क्षमता और संरक्षण की कमी और खाद्यान्न सडने को चुनौती दी गई थी. याचिका में सर्वोच्च न्यायालय द्वारा पारित आदेश का हवाला देते हुए कहा गया कि भंडारण उचित तरीके से किया जाना चाहिए, इसके लिए आपदा प्रबंधन के तहत कानून सुनिश्चित होना चाहिए. खुले में भंडारण और खराब प्रबंधन के कारण बड़ी संख्या में आनाज खराब हो जाता है.

पूर्व में युगलपीठ ने केन्द्र और राज्य सरकार, भारतीय खाद्य निगम, मध्य प्रदेश वेयर हाउसिंग कॉर्पोरेशन को नोटिस जारी कर जवाब पेश करने के निर्देश दिये थे. इसके साथ ही युगलपीठ ने प्रदेश के सभी कलेक्टरों को निर्देशित किया था कि सर्वे करवाकर खुले में रखे खाद्यान्नों के संरक्षण के लिए तत्काल उचित कदम उठाएं. इसके बाद हुई सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से बताया गया था कि प्रदेश के सभी 52 जिलों के कलेक्टरों से रिपोर्ट प्राप्त हो गई है. न्यायालय के आदेश का परिपालन करते हुए सभी जिला कलेक्टरों ने खुले में भंडारित अनाज को सुरक्षित स्थानों में रखवा दिया है.

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मामले की पिछली सुनवाई के दौरान न्यायालय को बताया गया था कि एफसीआई को अनाज का भंडारण करना है. गोदाम खाली नहीं होने के कारण एफसीआई अनाज नहीं उठा रही है. मामले में मंगलवार को हुई सुनवाई पर न्यायालय ने उक्त जानकारी पेश करने के निर्देश देते हुए अगली सुनवाई 23 अगस्त को निर्धारित की है.

जबलपुर। हाईकोर्ट ने खुले में आनाज का भंडार किए जाने को चुनौती देने वाली याचिका पर मंगलवार को सुनवाई की. एफसीआई के गोदाम खाली न होने संबंधी जानकारी पर कोर्ट ने सरकार, एफसीआई और वेयरहाउस कॉर्पोरेशन को पांच साल के स्टोरेज का डेटा पेश करने के आदेश दिए हैं. मामले पर अब अगली सुनवाई 23 अगस्त को होगी.

गौरतलब है कि यह जनहित का मामला एडवोकेट गुलाब सिंह की ओर से दायर किया गया था. जिसमें भंडारण क्षमता और संरक्षण की कमी और खाद्यान्न सडने को चुनौती दी गई थी. याचिका में सर्वोच्च न्यायालय द्वारा पारित आदेश का हवाला देते हुए कहा गया कि भंडारण उचित तरीके से किया जाना चाहिए, इसके लिए आपदा प्रबंधन के तहत कानून सुनिश्चित होना चाहिए. खुले में भंडारण और खराब प्रबंधन के कारण बड़ी संख्या में आनाज खराब हो जाता है.

पूर्व में युगलपीठ ने केन्द्र और राज्य सरकार, भारतीय खाद्य निगम, मध्य प्रदेश वेयर हाउसिंग कॉर्पोरेशन को नोटिस जारी कर जवाब पेश करने के निर्देश दिये थे. इसके साथ ही युगलपीठ ने प्रदेश के सभी कलेक्टरों को निर्देशित किया था कि सर्वे करवाकर खुले में रखे खाद्यान्नों के संरक्षण के लिए तत्काल उचित कदम उठाएं. इसके बाद हुई सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से बताया गया था कि प्रदेश के सभी 52 जिलों के कलेक्टरों से रिपोर्ट प्राप्त हो गई है. न्यायालय के आदेश का परिपालन करते हुए सभी जिला कलेक्टरों ने खुले में भंडारित अनाज को सुरक्षित स्थानों में रखवा दिया है.

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मामले की पिछली सुनवाई के दौरान न्यायालय को बताया गया था कि एफसीआई को अनाज का भंडारण करना है. गोदाम खाली नहीं होने के कारण एफसीआई अनाज नहीं उठा रही है. मामले में मंगलवार को हुई सुनवाई पर न्यायालय ने उक्त जानकारी पेश करने के निर्देश देते हुए अगली सुनवाई 23 अगस्त को निर्धारित की है.

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