जबलपुर। प्रभारी मंत्री गोपाल भार्गव की बैठक में कोरोना गाइडलाइन की जमकर धज्जियां उड़ा दी गईं. बैठक के दौरान न तो सोशल डिस्टेंसिंग का पालन हुआ, न ही किसी को मास्क पहने देखा गया. दरअसल जबलपुर के कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में प्रभारी मंत्री ने अधिकारियों की बैठक बुलाई थी. जिसमें यह हैरान करने वाला नाजारा दिखा. इस दौरान सभाकक्ष भी खचाखच भरा हुआ था, जो कि कोरोना गाइडलाइन का साफ-साफ उल्लंघन है.
प्रभारी मंत्री ने भी नहीं लगाया मास्क
कोरोना की स्थिति को लेकर बैठक लेने जबलपुर पहुंचे प्रभारी मंत्री गोपाल भार्गव ने भी मास्क नहीं लगाया था. पूरी बैठक के दौरान उन्हें बिना मास्क के देखा गया. मंत्री को देखकर बाकी नेता और अधिकारियों ने भी मास्क उतार दिए थे. इतना ही नहीं कुछ अधिकारियों के चेहरे पर से तो मास्क तक गायब था.
कितने लोग हो सकते हैं मौजूद ?
कोरोना संक्रमण के चलते मध्य प्रदेश सरकार ने किसी भी कार्यक्रम में 100 से ज्यादा लोगों को शामिल होने की अनुमति नहीं दी है. वहीं जहां कार्यक्रम का आयोजन होगा वहां परिसर या हॉल की क्षमता के 50 प्रतिशत लोग ही शामिल हो सकते हैं. लेकिन जब किसी नेता की बैठक हो तो कोरोना गाइडलाइन के तमाम नियम धरे के धरे रह जाते हैं, जबलपुर में हुई मंत्री गोपाल भार्गव की बैठक के दौरान सभाकक्ष खचाखच भरा हुआ था.
दो दिन के जबलपुर दौरे पर हैं मंत्री भार्गव
जिले का प्रभारी मंत्री बनने के बाद पहली बार लोक निर्माण मंत्री गोपाल भार्गव शुक्रवार को जबलपुर पहुंचे. कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में जिले के तमाम विभाग प्रमुख, अधिकारियों की बैठक ली गई. जिले में कोरोना की स्थिति को लेकर मंत्री भार्गव ने अधिकारियों के साथ मंथन किया. वहीं उन्होंने व्यवस्था दुरुस्त रखने के भी निर्देश दिए.
यह अधिकारी नेता रहे बैठक में उपस्थित
प्रभारी मंत्री गोपाल भार्गव की बैठक में विभाग के प्रमुख अधिकारियों के साथ-साथ पूर्व मंत्री अजय विश्नोई, पूर्व मंत्री तरुण भनोट, पूर्व मंत्री लखन घनघोरिया, विधायक विनय सक्सेना, विधायक सुशील इंदु तिवारी, विधायक अशोक रोहाणी, विधायक संजय यादव, विधायक नंदनी मरावी, कलेक्टर कर्मवीर शर्मा, एसपी सिद्धार्थ बहुगुणा, नगर निगम कमिश्नर संदीप जी आर, अपर कलेक्टर राजेश बाथम मौजूद रहे.