जबलपुर। भारत सरकार के सड़क एवं राजमार्ग मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार देशभर में बीते साल सड़क दुर्घटनाओं में रोज 167 लोगों की मौत हुई. भारत में सालभर में 61 हजार से ज्यादा मौतें रोड एक्सीडेंट से होती हैं. इनमें सबसे बड़ी वजह ओवर स्पीडिंग है. हर सड़क की एक स्पीड लिमिट होती है और उस स्पीड से ज्यादा यदि आप गाड़ी चलाते हैं तो यह गैरकानूनी माना जाता है. स्पीड को नापने का छोटी सड़कों पर कोई पैमाना नहीं होता. लेकिन हाईवे पर स्पीड लिमिट नापने के पैमाने होते हैं और कई जगहों पर ऑटोमेटिक मशीन लगी होती हैं.
एक किमी तक पुलिस रखेगी नजर : हाइवे पर स्पीड नापने के लिए कुछ जगहों पर पुलिस इंटरसेप्टर वैन लेकर खड़ी होती है, जिसमें अत्याधिक दूरबीन लगी हुई है, जो 1 किलोमीटर दूर से ही न केवल गाड़ी की स्पीड बता सकती है, बल्कि गाड़ी में लिखे हुए तमाम शब्दों को पढ़ सकती है. इसमें गाड़ी के नंबर और दूसरे कोटेशन बड़ी आसानी से पढ़े जा सकते हैं. गाड़ी के अंदर बैठे ड्राइवर की पोजीशन बताई जा सकती है कि उसने सीट बेल्ट पहना है या नहीं. एक किलोमीटर दूर से ही इस वैन में बैठे हुए पुलिस अधिकारी यह देख सकते हैं कि गाड़ी की फ्रंट सीट पर बैठे हुए लोग किस किस पोजीशन में हैं.
निर्धारित स्पीड पर ही चलें : जबलपुर के नेशनल हाईवे 30 पर ऐसी ही एक इंटरसेप्टर वैन तैनात है. इस वैन में जबलपुर ट्रैफिक पुलिस के सब इंस्पेक्टर योगेश चौकसे की ड्यूटी है. योगेश चौकसे का कहना है कि इस हाइवे पर 80 किलोमीटर प्रति घंटे से ज्यादा की स्पीड पर गाड़ी चलाना अवैध है लेकिन ज्यादातर गाड़ियां 100 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड पर चल रही हैं. इसकी वजह से गाड़ी पर ड्राइवर का कंट्रोल नहीं रहता और यही दुर्घटना का कारण बनता है. इसलिए जो भी गाड़ी 80 किलोमीटर से ऊपर की स्पीड पर दूरबीन में नजर आती है, उसे रोककर हिदायत दी जा रही है. ₹1000 का चालन भी किया जा रहा है.
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कार कंपनियों के दावों पर न जाएं : हाइवे पर तेलंगाना के कुछ लोग भी मिले, जिनकी गाड़ी की स्पीड 120 किलोमीटर प्रति घंटा थी. इनका कहना था कि वह 1 दिन में 1400 किलोमीटर की यात्रा कर कर रहे हैं और इसी स्पीड पर आ रहे हैं. यह तो गनीमत थी कि उनके साथ कोई दुर्घटना नहीं घटी. वहीं, नई महंगी एसयूवी यह दावा करती हैं कि इनमें चलने वाले पूरी तरह से सुरक्षित हैं, लेकिन भारत में सभी को सड़कों पर चलने का ज्ञान नहीं है. सड़कों पर पालतू जानवरों का घूमना आम बात है. वहीं सड़कों की क्रॉसिंग भी पूरी तरह सुरक्षित नहीं है. ऐसी स्थिति में भले ही कंपनियां जो भी दावा कर लें ज्यादा स्पीड में गाड़ी चलाना सुरक्षित नहीं है.