जबलपुर। मझौली एवं आसपास के गांव से 70 मजदूर महाराष्ट्र के सोलापुर में गन्ना काटने गए थे. यहां चार-पांच दिन से लगातार बारिश हुई, जिस कारण जमीन गीली हो गई. मजदूर गन्ना नहीं काट पाए. इस वजह से उनको मजदूरी नहीं मिली, खाने के लाले पड़ गए. घर आने के लिए टिकट खरीदने के पैसे भी इनके पास नहीं थे. इस बात की जानकारी पुलिस को लगी. जिसके बाद पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ बहुगुणा ने तत्काल एक टीम सोलापुर भेजी. टीम ने सभी मजदूरों को वहां से निकाला और जबलपुर वापस ले आई. (70 laborers trapped in solapur maharashtra) (mp police help laborers to reach home)
पुलिस और मजदूरों का भव्य स्वागत: पुलिस की इस मानवीयता के कारण सभी मजदूर अपने परिवार के साथ दीवाली की खुशियां मना सकेंगे. सभी 70 मजदूरों को लेकर पुलिस की टीम शनिवार शाम रेलवे स्टेशन पहुंची, जहां विधायक अजय विश्नोई, एएसपी ग्रामीण शिवेश सिंह बघेल, एसडीओपी सिहोरा भावना मरावी एवं थाना प्रभारी मझौली अभिलाष मिश्रा ने पुलिस टीम एवं मजदूरों का फूलमाला पहनाकर स्वागत किया. इसके बाद सभी को बस में बैठाकर अपने-अपने घर भेज दिया गया.
महाराष्ट्र की सीमा पर फंसे हजारों मजदूर, घर वापसी की राह नहीं आसान
पैसे नहीं होने से महाराष्ट्र में फंसे थे मजदूर: जबलपुर पुलिस की एक टीम ने इन मजदूरों को यहां से करीब 885 किलोमीटर दूर सोलापुर जिले की पंढरपुर तहसील से मझौली वापस लाने के लिए समाज कल्याण संगठनों और पड़ोसी राज्य की पुलिस के साथ समन्वय स्थापित किया. मझौली पुलिस ने कहा, ये 70 मजदूर पैसे न होने की वजह से एक सप्ताह से अधिक समय तक फंसे रहे. चूंकि वे उस जगह पर नए थे, इसलिए वे धन की व्यवस्था भी नहीं कर सके. सूचना मिलने के बाद, हमने संपर्क किया और शनिवार को उन्हें वापस उनके घर पहुंचाया.'उन्होंने आगे कहा कि, मजदूरों को काम के लिए महाराष्ट्र में कौन ले गया और उन्हें वहां कैसे असहाय छोड़ दिया गया, इसकी जांच की जाएगी.' (mp police help laborers to reach home)