जबलपुर। नेताजी सुभाष चंद्र बोस जेल की चार दीवारों के अंदर बंद कैदी अपने हुनर को खेल के माध्यम से दिखा रहे हैं. आप सभी ने आईपीएल प्रीमियर लीग का नाम तो जरूर सुना होगा. इसमें टीमों को खरीद कर मैदानों में उतारा जाता है. वहीं जबलपुर के नेताजी सुभाष चंद्र बोस केंद्रीय जेल में जेल प्रीमियर लीग होने जा रही है, जिसको लेकर जेल में बंद कैदी दिन में 6 से 8 घंटे प्रैक्टिस कर रहे हैं.
जबलपुर में जेल प्रीमियर लीग: केंद्रीय जेल में लगभग 3 हजार कैदी बंद है. लगभग आधे कैदियों की इच्छा क्रिकेट खेलने की है. ऐसे में इतनी सारी टीमों को बनाना कोई आसान बात नहीं है. इसके लिए जेल प्रबंधन ने ट्रायल मैच के आधार पर टीमें ली हैं. अच्छा प्रदर्शन करने वाली टीमें इस प्रीमियर लीग में खेलेंगी. खंडों के आधार पर टीमें बनाने का निर्णय लिया है, लगभग 6 खंडों के खिलाड़ी आपस में बैट और बॉल के माध्यम से आमने सामने आएंगे. इसके लिए जेल प्रबंधन ने खिलाड़ियों के लिए बैकपैक और ड्रेस की व्यवस्था भी की है. साथ ही क्रिकेट खेलने वाले इन कैदी क्रिकेटरों के लिए इनाम के रूप में सजा कम करने वाली CR रिपोर्ट नंबर दिए जाएंगे.
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जीत के लिए दिन-रात मेहनत कर रहे कैदी: जिन हाथों में कभी हथियार हुआ करते थे और जिसकी वजह से इन लोगों को जेल की चार दीवारी के अंदर आना पड़ा. अब उन हाथों में क्रिकेट और बॉल आने के बाद अपने द्वारा किए गए अपराधिक काम को लेकर मन में गिलानी भी है. उनके 2 मिनट की गुस्से की वजह से आज वह जेल की चार दीवारों में कैद हैं, लेकिन खेल भावनाओं से ओतप्रोत यह कैदी जेल से छूटने के बाद अच्छे दिशा में काम करने की इच्छा भी रखते हैं. साथ ही जेल में होने वाली जेल प्रीमीयर लीग को लेकर जी तोड़ मेहनत और जीतने का जुनून लिए हुए हैं. कहते हैं खेल चाहे कोई भी हो खेलने से मानसिक और बौद्धिक विकास होता है जेल में बंद कैदियों का खेल के प्रति रुझान इनको भविष्य में जेल से छूटने के बाद समाज की मुख्यधारा से जरूर जोड़ेगा.