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एमपी में अवमानना नोटिस के बाद भी 2 दिन और जारी रहेगी वकीलों की हड़ताल, नहीं करेंगे पैरवी

एमपी में प्रदेशभर के वकीलों की हड़ताल 28 और 29 मार्च को भी जारी रहेगी. सभी बार एसोसिएशन अपनी मांगो को लेकर अड़े हुए हैं वहीं दूशरी ओर हाईकोर्ट द्वारा अधिवक्ताओं को अवमानना का नोटिस जारी किया जा रहा है. जानें मुख्य वजह...

jabalpur lawyers strike in mp
एमपी में बार और बेंच के बीच गतिरोध जारी
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Published : Mar 27, 2023, 6:18 PM IST

Updated : Mar 27, 2023, 9:34 PM IST

एमपी में बार और बेंच के बीच गतिरोध जारी

जबलपुर। मध्य प्रदेश में 29 मार्च तक वकीलों की हड़ताल जारी रहेगी. अवमानना नोटिस के बाद भी 29 मार्च तक अधिवक्ता कोर्ट में पैरवी करने नहीं जाएंगे. इससे पहले सोमवार को भी वकील अदालतों में पैरवी के लिए नहीं पहुंचे. जिन वकीलों के मामलों पर सुनवाई थी उन्हें हाईकोर्ट से अवमानना का नोटिस जारी किया जा रहा है. 2 दिन पहले हाईकोर्ट ने एक आदेश में इस बात का जिक्र किया था कि जो वकील अदालतों में मुकदमों की पैरवी करने के लिए नहीं पहुंचेंगे उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी. जानकारी के अनुसार प्रदेश के पूरे 90 हजार वकीलों को नोटिस जारी किए जा रहे हैं.

रात को जगाकर दिए जा रहे नोटिस: मध्यप्रदेश के तमाम बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों को नोटिस जारी किए गए हैं. वकीलों को जगा कर आधी रात को नोटिस थमाया गया है. इस घटनाक्रम पर बार काउंसिल के सदस्य आरके सिंह सैनी का कहना है कि यह वकीलों का अपमान है वह कोई अपराधी नहीं है जिन्हें देर रात नोटिस दिए जाएं.

इसलिए हड़ताल पर अधिवक्ता: मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस रवि मलिमथ ने एक आदेश जारी किया था जिसके तहत निचली अदालतों के न्यायाधीशों को 25 पुराने मुकदमे प्राथमिकता के तौर पर खत्म करने हैं इसलिए इनकी सुनवाई लगातार करनी होगी. वकीलों ने इस बात पर आपत्ति जताई थी. वकीलों का कहना है कि लगातार सुनवाई की वजह से दूसरे मुकदमे प्रभावित हो रहे हैं. कुछ मामले ऐसे हैं जिनमें बहुत जल्दी गवाहों के बयान और सबूतों को पुख्ता तरीके से नहीं रखा जा सकता. इससे न्याय भी प्रभावित हो रहा है. इसलिए चीफ जस्टिस अपने इस प्रशासनिक आदेश को वापस लें. चीफ जस्टिस ने ऐसा नहीं किया, इसके बाद वकील हड़ताल पर चले गए. इसके बाद चीफ जस्टिस ने पहले सेंट्रल बार काउंसिल से दखल देने के लिए पत्र लिखा. जिस पर मामला और ज्यादा बिगड़ गया और मध्य प्रदेश बार काउंसिल ने जिद पकड़ ली कि जब तक चीफ जस्टिस अपना प्रशासनिक आदेश वापस नहीं लेते हैं तब तक हड़ताल जारी रहेगी.

MP High Court से जुड़ी इन खबरों को जरूर पढ़ें...

स्वत संज्ञान याचिका: 2 दिन पहले मध्य प्रदेश हाई कोर्ट में स्वत: संज्ञान याचिका की सुनवाई के बाद मुख्य न्यायाधीश ने एक आदेश जारी किया था जिसमें हड़ताल करने वाले वकीलों के खिलाफ अवमानना की कार्रवाई करने की बात कही गई थी. देर रात बार काउंसिल ऑफ मध्य प्रदेश के एडवोकेट को नोटिस जारी किए गए हैं और उनसे तुरंत हड़ताल को वापस लेने का आदेश किया गया है लेकिन अभी तक हड़ताल खत्म नहीं हुई है. ऐसा लग रहा है कि इस बार लड़ाई ज्यादा लंबी चल सकती है क्योंकि दोनों ही पक्ष नरमी नहीं अपना रहे हैं. इसकी वजह से आम आदमी को परेशानी हो रही है और उनके मुकदमों में लंबी-लंबी तारीख मिल रही है.

एमपी में बार और बेंच के बीच गतिरोध जारी

जबलपुर। मध्य प्रदेश में 29 मार्च तक वकीलों की हड़ताल जारी रहेगी. अवमानना नोटिस के बाद भी 29 मार्च तक अधिवक्ता कोर्ट में पैरवी करने नहीं जाएंगे. इससे पहले सोमवार को भी वकील अदालतों में पैरवी के लिए नहीं पहुंचे. जिन वकीलों के मामलों पर सुनवाई थी उन्हें हाईकोर्ट से अवमानना का नोटिस जारी किया जा रहा है. 2 दिन पहले हाईकोर्ट ने एक आदेश में इस बात का जिक्र किया था कि जो वकील अदालतों में मुकदमों की पैरवी करने के लिए नहीं पहुंचेंगे उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी. जानकारी के अनुसार प्रदेश के पूरे 90 हजार वकीलों को नोटिस जारी किए जा रहे हैं.

रात को जगाकर दिए जा रहे नोटिस: मध्यप्रदेश के तमाम बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों को नोटिस जारी किए गए हैं. वकीलों को जगा कर आधी रात को नोटिस थमाया गया है. इस घटनाक्रम पर बार काउंसिल के सदस्य आरके सिंह सैनी का कहना है कि यह वकीलों का अपमान है वह कोई अपराधी नहीं है जिन्हें देर रात नोटिस दिए जाएं.

इसलिए हड़ताल पर अधिवक्ता: मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस रवि मलिमथ ने एक आदेश जारी किया था जिसके तहत निचली अदालतों के न्यायाधीशों को 25 पुराने मुकदमे प्राथमिकता के तौर पर खत्म करने हैं इसलिए इनकी सुनवाई लगातार करनी होगी. वकीलों ने इस बात पर आपत्ति जताई थी. वकीलों का कहना है कि लगातार सुनवाई की वजह से दूसरे मुकदमे प्रभावित हो रहे हैं. कुछ मामले ऐसे हैं जिनमें बहुत जल्दी गवाहों के बयान और सबूतों को पुख्ता तरीके से नहीं रखा जा सकता. इससे न्याय भी प्रभावित हो रहा है. इसलिए चीफ जस्टिस अपने इस प्रशासनिक आदेश को वापस लें. चीफ जस्टिस ने ऐसा नहीं किया, इसके बाद वकील हड़ताल पर चले गए. इसके बाद चीफ जस्टिस ने पहले सेंट्रल बार काउंसिल से दखल देने के लिए पत्र लिखा. जिस पर मामला और ज्यादा बिगड़ गया और मध्य प्रदेश बार काउंसिल ने जिद पकड़ ली कि जब तक चीफ जस्टिस अपना प्रशासनिक आदेश वापस नहीं लेते हैं तब तक हड़ताल जारी रहेगी.

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स्वत संज्ञान याचिका: 2 दिन पहले मध्य प्रदेश हाई कोर्ट में स्वत: संज्ञान याचिका की सुनवाई के बाद मुख्य न्यायाधीश ने एक आदेश जारी किया था जिसमें हड़ताल करने वाले वकीलों के खिलाफ अवमानना की कार्रवाई करने की बात कही गई थी. देर रात बार काउंसिल ऑफ मध्य प्रदेश के एडवोकेट को नोटिस जारी किए गए हैं और उनसे तुरंत हड़ताल को वापस लेने का आदेश किया गया है लेकिन अभी तक हड़ताल खत्म नहीं हुई है. ऐसा लग रहा है कि इस बार लड़ाई ज्यादा लंबी चल सकती है क्योंकि दोनों ही पक्ष नरमी नहीं अपना रहे हैं. इसकी वजह से आम आदमी को परेशानी हो रही है और उनके मुकदमों में लंबी-लंबी तारीख मिल रही है.

Last Updated : Mar 27, 2023, 9:34 PM IST
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