जबलपुर। युवा क्रांति के पदाधिकारियों ने आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के बयान को सामाजिक उन्माद फैलाने वाला करार देते हुए कहा है कि एक जिम्मेदार व्यक्ति के द्वारा गैर जिम्मेदाराना बयान दिया गया है. चुनावी वर्ष में इस प्रकार की बयानबाजी ध्यान भटकाने वाली है. युवा क्रांति ने कार्रवाई न होने की स्थिति में आने वाले समय में कोर्ट का दरवाजा खटखटाने की भी चेतावनी दी है. गौरतलब है कि संत रविदास की जयंती पर आयोजित एक कार्यक्रम में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने 5 फरवरी को मुंबई में ब्राह्मणों को लेकर बयान दिया था, जिसमें उन्होंने जाति व्यवस्था के लिए ब्राह्मणों को जिम्मेदार ठहराया था.
ये कहा था संघ प्रमुख ने : बता दें कि संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा था कि समाज में बंटवारे का फायदा दूसरों ने उठाया. बाहरी देशों से आए लोगों ने यहां पर राज किया. अगर समाज संगठित होता तो कोई आंख न उठा पाता. मोहन भागवत ने कहा कि क्या हिंदू समाज के नष्ट होने का भय है. इस सवाल का जवाब कोई पंडित या ब्राह्मण नहीं दे सकता है. इसे आपको खुद महसूस करना होगा. जब हर काम समाज के लिए है तो फिर ऊंच-नीच की बात कैसे हो सकती है. आरएसएस प्रमुख ने कहा कि भगवान की नजर में सब बराबर हैं. कोई जाति-वर्ण में नहीं बंटा है, लेकिन श्रेणियां पंडितों ने बनाई हैं. आरएसएस प्रमुख ने कहा कि संत रविदास और बाबा साहेब अंबेडकर ने समाज में समता के लिए काम किया है. बता दें कि मोहन भागवत के इस बयान को लेकर युवा क्रांति के अध्यक्ष अनुराग तिवारी ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है.
शराब के खिलाफ महिलाओं का मोर्चा : मध्यप्रदेश में शराबबंदी को लेकर एक तरफ पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने मोर्चा खोल रखा है तो वहीं दूसरी तरफ स्थानीय स्तर पर भी शराब की दुकान का विरोध शुरू हो गया है. जबलपुर के चरगवां थाना अंतर्गत ग्राम बिजौरी में महिलाओं ने शराब दुकान के खिलाफ मोर्चा खोल दिया. शराब दुकान को तत्काल बंद करने की मांग उठाई. सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण महिलाओं ने शराब दुकान का घेराव कर दिया और शराब दुकान के लगे बोर्ड को अलग कर दिया. शराब दुकान के सामने ही रोड पर महिलाओं ने बैठकर धरना प्रदर्शन किया और जमकर नारेबाजी की. महिलाओं का कहना है कि ग्रामीण क्षेत्र में शराब दुकान खोले जाने से लोगों में बुरा असर पड़ रहा है और शराब की लत पड़ रही है. घरों में विवाद शुरू हो गए हैं. पुरुष शराब पीकर आते हैं और महिलाओं के साथ मारपीट कर रहे हैं. हालात यह हो गए हैं कि पैसा न देने पर अब पुरुष घरों का सामान बेचने लगे हैं.