जबलपुर। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट एक बार फिर फर्जी और झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ दायर मामले की सुनवाई हुई. सरकार की ओर से आए जवाब में कहा गया कि, अब तक जबलपुर में 5 झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ मामले दर्ज किए जा चुके हैं, इनमें से एक डॉक्टर ने जमानत के लिए आवेदन भी लगाया है, लेकिन बाकी की स्टेटस रिपोर्ट सरकारी वकील के पास नहीं थी.
हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस का कहना था कि, झोलाछाप डॉक्टरों और अपनी पैथी के अलावा दूसरी पैथी में इलाज करने वाले डॉक्टरों के मामले से जुड़ा हुआ कोई भी केस केवल उनकी ही अदालत में सुना जाएगा. वहीं इस मामले में अब एमसीआई के डॉक्टरों ने भी दखल देने की अनुमति मांगी है, लेकिन कोर्ट का कहना है कि, उन्हें पहले नियम से आवेदन देना होगा.
बीते दिनों फर्जी और झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ जबलपुर जिला स्वास्थ्य अधिकारी ने कार्रवाई की थी और 5 फर्जी डॉक्टरों के खिलाफ मामला दर्ज किया था, इसके बाद ये कार्रवाई रुक गई. इसी के खिलाफ जबलपुर के एक पत्रकार ने जनहित याचिका लगाकर इस मामले को कोर्ट के संज्ञान में लाया है.
पूरे प्रदेश में झोलाछाप और फर्जी डॉक्टरों का मकड़जाल फैला हुआ है. सस्ते के चक्कर में लोग इनसे इलाज करवाने पहुंच जाते हैं और गलत दवाइयों का शिकार हो जाते हैं. कई लोगों को तो अपनी जान तक गंवानी पड़ती है. अब इस मामले में जबलपुर जिला प्रशासन अपना जवाब 6 जुलाई को पेश करेगा.