जबलपुर। लॉकडाउन के दौरान बैतूल में पुलिस ने एक वकील को केवल इसलिए पीटा था. क्योंकि वह दाढ़ी रखे हुए था. पीड़ित वकील ने मामले में हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. जिसमें वकील ने बताया कि पुलिस ने उसे एक विशेष समुदाय से होने के शक के आधार पर पीटा था. याचिका की सुनवाई करते हुए जबलपुर हाईकोर्ट जस्टिस नंदिता दुबे की एकलपीठ ने घटना की सीसीटीव्ही फुटेज के संबंध में बैतूल पुलिस प्रशासन से जवाब मांगा है.
याचिकाकर्ता की अधिवक्ता ने बताया कि पीडित अधिवक्ता दीपक बुंदेले की तरफ से दायर की गयी याचिका में कहा गया था कि वह शुगर और ब्लड प्रेशर सहित अन्य बीमारियों से पीडित है, वो 23 मार्च की शाम को उपचार के लिए अस्पताल जा रहा था. तभी बैतूल के लल्ली चैक के समीप पुलिस कर्मियों ने उसके साथ मारपीट की, पुलिस ने उसे कथित तौर पर दाढी होने के कारण मारपीट की थी. हाईकोर्ट ने मामले सुनवाई करते हुए बैतूल पुलिस से घटनास्थल में लगे सीसीटीव्ही फुटेज कैमरे की रिकॉर्डिग देने की मांग की है.
मामले में बैतूल पुलिस ने दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने की जगह उसके खिलाफ ही 18 जून को शासकीय कार्य में बाधा डालने,राष्ट्रीय आपदा अधिनियम सहित अन्य धाराओं के तहत प्रकरण दर्ज कर दिया था.
याचिका पर 30 जून को हुई सुनवाई के दौरान सरकार की तरफ से पेश किये गये जवाब में बताया गया कि लॉकडाउन के दौरान याचिकाकर्ता 23 मार्च को मॉस्क बिना पहने हुए था. समझाइश देने पर उसने पुलिस कर्मियों के साथ अभ्रदा करते हुए धक्का-मुक्की थी. इसके अलावा हाईकोर्ट तथा अधिवक्ता देने की धमकी दी. जिसके कारण उसके खिलाफ प्रकरण दर्ज किया गया है और विवेचना जारी है. वीडियो फुटेज तीस दिनों तक सुरक्षित रहती है, जिसके बाद उसे डिलीट कर दिया जाता है. याचिका की सुनवाई के बाद एकलपीठ ने उक्त आदेश जारी किये.