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108 एंबुलेंस कर्मचारियों की परेशानियों को दूर करे सरकार: हाईकोर्ट - Petitioner

जबलपुर हाई कोर्ट ने 108 एंबुलेंस वर्कर्स एसोसिएशन भोपाल की ओर से लगाई याचिका में वर्कर्स की परेशानियों को दूर करने के लिए प्रदेश की सरकार को एक महिने का समय दिया है. कर्मचारियों की मांग है कि उन्हें कोरोना योद्धा की श्रेणी मे लाया जाए और योजना का लाभ दिया जाए.

Order of high court
हाईकोर्ट का आदेश
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Published : May 20, 2020, 1:38 PM IST

जबलपुर | देश में कोरोना महामारी मरीजों की तादात एक लाख के पार हो चुकी है. फ्रंटलाइन वर्कर के रूप में भी काम करने के बावजूद 108 एंबुलेंस के कर्मचारियों को कोरोना योद्धा की श्रेणी में नहीं रखे जाने पर हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी. याचिका की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने आर्देश जारी किया है कि याचिकाकर्ता के मामले को एक महीने में निपटाया जाए.

हाईकोर्ट का आदेश

कोरोना महामारी में फ्रंटलाइन वर्कर के तौर पर काम करने वाले 108 एंबुलेंस के कर्मचारियों को कोरोना वॉरियर की श्रेणी में नही रखा गया. जिसको चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी. याचिका में कहा गया था कि उन्हें वायरस से बचाव के लिए पीपीई किट, मास्क, सेनेटाइजर और अन्य सामग्री नही दी जाती है. हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस एके मित्तल और जस्टिस वीके शुक्ला की युगल पीठ ने याचिका की सुनवाई करते हुए आदेश जारी किए हैं कि याचिकाकर्ता के आवेदन का एक महीने में निराकरण किया जाए.

108 एंबुलेंस वर्कर्स एसोसिएशन भोपाल की तरफ से लगाई गई याचिका में कहा गया था कि एंबुलेंस के कर्मचारी फ्रंटलाइन वर्कर कोरोना मरीजों को लाने और ले जाने का काम करते हैं. इसके बावजूद भी उन्हें मुख्यमंत्री कोविड 19 योद्धा कल्याण योजना का लाभ नही दिया जा रहा है. इस योजना के तहत 50 लाख रुपए के इंश्योरेंस दिया जाता है, जो उन्हें नही मिल रहा है. उन्हें पीपीई किट N95, मार्क्स, सैनिटाइजर और अन्य बचाओ सामग्री नही दी जाती है. याचिका को निपटाते हुए युगलपीठ ने आदेश में कहा है कि याचिकाकर्ता एक हफ्ते में सरकार के सामने आवेदन पेश करे. सरकार 1 महीने में उनकी मांगों को निबटाए.

जबलपुर | देश में कोरोना महामारी मरीजों की तादात एक लाख के पार हो चुकी है. फ्रंटलाइन वर्कर के रूप में भी काम करने के बावजूद 108 एंबुलेंस के कर्मचारियों को कोरोना योद्धा की श्रेणी में नहीं रखे जाने पर हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी. याचिका की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने आर्देश जारी किया है कि याचिकाकर्ता के मामले को एक महीने में निपटाया जाए.

हाईकोर्ट का आदेश

कोरोना महामारी में फ्रंटलाइन वर्कर के तौर पर काम करने वाले 108 एंबुलेंस के कर्मचारियों को कोरोना वॉरियर की श्रेणी में नही रखा गया. जिसको चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी. याचिका में कहा गया था कि उन्हें वायरस से बचाव के लिए पीपीई किट, मास्क, सेनेटाइजर और अन्य सामग्री नही दी जाती है. हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस एके मित्तल और जस्टिस वीके शुक्ला की युगल पीठ ने याचिका की सुनवाई करते हुए आदेश जारी किए हैं कि याचिकाकर्ता के आवेदन का एक महीने में निराकरण किया जाए.

108 एंबुलेंस वर्कर्स एसोसिएशन भोपाल की तरफ से लगाई गई याचिका में कहा गया था कि एंबुलेंस के कर्मचारी फ्रंटलाइन वर्कर कोरोना मरीजों को लाने और ले जाने का काम करते हैं. इसके बावजूद भी उन्हें मुख्यमंत्री कोविड 19 योद्धा कल्याण योजना का लाभ नही दिया जा रहा है. इस योजना के तहत 50 लाख रुपए के इंश्योरेंस दिया जाता है, जो उन्हें नही मिल रहा है. उन्हें पीपीई किट N95, मार्क्स, सैनिटाइजर और अन्य बचाओ सामग्री नही दी जाती है. याचिका को निपटाते हुए युगलपीठ ने आदेश में कहा है कि याचिकाकर्ता एक हफ्ते में सरकार के सामने आवेदन पेश करे. सरकार 1 महीने में उनकी मांगों को निबटाए.

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