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एक अतिथि शिक्षक के सहारे चल रहा है स्कूल, कैसे संवरेगा छात्रों का भविष्य ?

जबलपुर के अहमदपुर में शासकीय स्कुल में शिक्षकों की कमी के चलते बच्चे शिक्षा से पिछड़ते जा रहे है. यहां लंबे समय से केवल एक ही अतिथि शिक्षक बच्चों को पढ़ा रहा है.

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Published : Dec 16, 2019, 9:34 PM IST

Jabalpur government school does not have a teacher
बिना शिक्षक कैसे संवरेगा छात्रों का भविष्य ?

जबलपुर। शहर के ग्रामीण क्षेत्र अहमदपुर के शासकीय माध्यमिक बालक शाला लंबे समय से शिक्षक विहीन हैं. यहां कक्षा एक से लेकर पांच तक के छात्र पढ़ते हैं जिनकी संख्या लगभग 20 के आसपास है. फिलहाल यहां सिर्फ एक अतिथि शिक्षक ही है, जो विद्यालय की जिम्मेदारी को संभाले हुए हैं.

बिना शिक्षक कैसे संवरेगा छात्रों का भविष्य ?

दरअसल लंबे समय से छात्र शिक्षा में इस कदर पिछड़ते जा रहे हैं. कि वो अपना नाम तक नहीं लिख पाते हैं. यहां पढ़ाने आने वाले अतिथि शिक्षक का कहना है कि वो अपने स्तर पर छात्रों को पढ़ाने का काफी कोशिश कर रहे हैं लेकिन वर्तमान में स्कूल शिक्षक विहीन है, ऐसे में जितने समय और जिस स्तर की उन्हें शिक्षा दी जाने की जरूरत है वो मिल नहीं हो पा रही है.

वहीं इस मामले में कलेक्टर भरत यादव ग्रामीण क्षेत्रों में स्कूल शिक्षा के स्तर को बढ़ाने के लगातार प्रयास कर रहे हैं. ये मामला उनके संज्ञान में लाया गया तो उन्होंने कहा कि जल्द ही वहां पर स्थाई शिक्षक को नियुक्त किया जाएगा. साथ ही उन्होंने कहा कि सरकार शिक्षकों के ट्रांसफर की पॉलिसी में ऑनलाइन आवेदन मंगाए गए थे. जिसके चलते कई स्कूल शिक्षक विहीन हुए हैं ऐसे सभी शिक्षक विहीन स्कूलों में भी शिक्षकों की पदस्थापना की जाएगी.

जबलपुर। शहर के ग्रामीण क्षेत्र अहमदपुर के शासकीय माध्यमिक बालक शाला लंबे समय से शिक्षक विहीन हैं. यहां कक्षा एक से लेकर पांच तक के छात्र पढ़ते हैं जिनकी संख्या लगभग 20 के आसपास है. फिलहाल यहां सिर्फ एक अतिथि शिक्षक ही है, जो विद्यालय की जिम्मेदारी को संभाले हुए हैं.

बिना शिक्षक कैसे संवरेगा छात्रों का भविष्य ?

दरअसल लंबे समय से छात्र शिक्षा में इस कदर पिछड़ते जा रहे हैं. कि वो अपना नाम तक नहीं लिख पाते हैं. यहां पढ़ाने आने वाले अतिथि शिक्षक का कहना है कि वो अपने स्तर पर छात्रों को पढ़ाने का काफी कोशिश कर रहे हैं लेकिन वर्तमान में स्कूल शिक्षक विहीन है, ऐसे में जितने समय और जिस स्तर की उन्हें शिक्षा दी जाने की जरूरत है वो मिल नहीं हो पा रही है.

वहीं इस मामले में कलेक्टर भरत यादव ग्रामीण क्षेत्रों में स्कूल शिक्षा के स्तर को बढ़ाने के लगातार प्रयास कर रहे हैं. ये मामला उनके संज्ञान में लाया गया तो उन्होंने कहा कि जल्द ही वहां पर स्थाई शिक्षक को नियुक्त किया जाएगा. साथ ही उन्होंने कहा कि सरकार शिक्षकों के ट्रांसफर की पॉलिसी में ऑनलाइन आवेदन मंगाए गए थे. जिसके चलते कई स्कूल शिक्षक विहीन हुए हैं ऐसे सभी शिक्षक विहीन स्कूलों में भी शिक्षकों की पदस्थापना की जाएगी.

Intro:जबलपुर शहर जिसे संस्कारधानी कहा जाता है लेकिन यहां के ग्रामीण क्षेत्र में शासकीय विद्यालय शिक्षक विहीन हो तो इसे आप क्या कहेंगे। क्योंकि जब किसी विद्यालय में शिक्षक ही नहीं होगा तो यहां पढ़ने वाले देश के भविष्य कैसे शिक्षित होंगे । Body:प्रदेश सरकार सभी शासकीय विद्यालयों में शिक्षकों की नियुक्ति के कई दावे करता है लेकिन बीते कई माह से यहां एक विद्यालय शिक्षक विहीन है हालत यह है कि तीसरी कक्षा में पढ़ने वाले छात्र अपना नाम तक नहीं लिख पाते हैं तो अंदाजा लगाया जा सकता है कि यहां पढ़ने वाले बच्चे कैसे शिक्षित हो रहे होंगे। देखिये पूरी रिपोर्ट.....

जबलपुर ग्रामीण क्षेत्र के अहमदपुर के शासकीय माध्यमिक बालक शाला को लंबे समय से शिक्षक का इंतजार है यह कक्षा 1 से लेकर कक्षा 5 तक के छात्र पढ़ते हैं जिनकी संख्या लगभग 20 के आसपास है यह संख्या भी इसलिए ही कम हुई है क्योंकि यह स्कूल शिक्षक विहीन है वर्तमान में एक अतिथि शिक्षक ही इस विद्यालय की जिम्मेदारी को संभाले हुए हैं। स्थाई शिक्षक विहीन इस विद्यालय में पढ़ने वाले छात्र शिक्षा में इस कदर पिछड़ते जा रहे हैं कि वह अपना नाम तक नहीं लिख पाते हैं। यहां पढ़ाने आने वाले अतिथि शिक्षक का कहना है कि वह अपने स्तर पर छात्रों को पढ़ाने की काफी प्रयास कर रहे हैं लेकिन वर्तमान में स्कूल शिक्षक विहीन है ऐसे में जितने समय और जिस स्तर की उन्हें शिक्षा दिए जाने की आवश्यकता है वह प्राप्त नहीं हो पा रही है।

छात्रों ने जो बताया उसे सुनकर देख कर आप भी अचंभित होंगे क्योंकि यदि कक्षा तीन में पढ़ने वाले छात्र अपना नाम तक नहीं लिख पाते हैं तो आने वाला भविष्य इनका कैसा होगा। जब इस मामले को लेकर जिला शिक्षा केंद्र के डीपीसी से जानना चाहा गया तो उन्होंने कहा कि यह मामला उनके संज्ञान में आया है और उन्होंने बीआरसी से इसकी रिपोर्ट तलब की है और प्रयास किए जा रहे हैं कि जल्द ही वहां स्थाई शिक्षक की नियुक्ति की जाए।

वर्तमान में जबलपुर के कलेक्टर भरत यादव ग्रामीण क्षेत्रों में स्कूल शिक्षा के स्तर को बढ़ाने के लगातार प्रयास कर रहे हैं यह मामला उनके भी संज्ञान में लाया गया तो उन्होंने कहा कि जल्द ही वहां पर स्थाई शिक्षक को नियुक्त किया जाएगा साथ ही उन्होंने कहा कि शासन द्वारा शिक्षकों के ट्रांसफर की पॉलिसी में ऑनलाइन आवेदन मंगाए गए थे जिसके चलते कई स्कूल शिक्षक विहीन हुए हैं ऐसे सभी शिक्षक विहीन स्कूलों में भी शिक्षकों की पदस्थापना की जाएगी।

बाइट--योगेश--छात्र
बाइट--कार्तिक--छात्र
बाइट--धनराज सिंह--अतिथि शिक्षक।
बाइट--भरत यादव--कलेक्टर, जबलपुर
बाइट--आरपी चतुर्वेदी--डीपीसी, स्कूल शिक्षा विभाग जबलपुर।Conclusion:अब देखना होगा किस तरह जिला प्रशासन एवं जिम्मेदार अधिकारी जिले में शिक्षा की गुणवत्ता के स्तर को बढ़ाने के साथ-साथ शिक्षक विहीन विद्यालयों में शिक्षकों की नियुक्ति करते हैं एवं ऐसे विद्यालयों के छात्र जिनका शैक्षणिक सत्र खराब हुआ है उन्हें किस तरह से पटरी पर लाया जाएगा।
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