जबलपुर। आए दिन जगह-जगह पर फैशन शो का आयोजन कराया जाता है. इसी को लेकर जबलपुर के मानस भवन में एक फैशन शो का आयोजन किया गया. इसमें कई ड्रेस डिजाइनर और मेकअप आर्टिस्ट्स शामिल हुए. सबसे ज्यादा चर्चा में अखबारी कागज की ड्रेस पहन कर आई मॉडल रहीं. वहीं इस आयोजन की थीम ब्राइडल मेकअप था, इसलिए भारत की अलग-अलग संस्कृतियों की झलक यहां ब्राइडल मेकअप में नजर आई. मेकअप आर्टिस्ट द्वारा तरह-तरह से मॉडल को सजाया गया था. (Jabalpur models wearing paper clothes)
कामिनी मिश्रा बनी बंगाली दुल्हन: हिंदू संस्कृति में शादी की परंपरा में लड़की को देवी की तरह सजाया जाता है और एक लड़की अपने पूरे जीवन काल में सबसे अच्छी दुल्हन के परिवेश में लगती है. इसलिए हर लड़की की इच्छा दुल्हन बनकर तैयार होने की होती है. जबलपुर की कामिनी मिश्रा जबलपुर क्षेत्र की पंडित परिवार की हैं, लेकिन उन्हें बंगाली दुल्हन का श्रृंगार इतना अच्छा लगा कि वह खुद को बंगाली वेशभूषा में तैयार करके आई. वहीं नेहा कुशवाहा जबलपुर की ही रहने वाली हैं, लेकिन उन्हें मराठी दुल्हन का श्रृंगार बहुत अच्छा लगता है इसलिए उन्होंने खुद को मराठी दुल्हन की तरह तैयार किया. इस तरीके से फैशन शो में बंगाली, मराठी, पंजाबी और मुस्लिम दुल्हनों के अलावा कुछ लड़कियां विदेशी दुल्हनों की भांति भी तैयार होकर फैशन शो में पहुंची. लेकिन सबसे ज्यादा कठिन प्रतियोगिता राजपूत परिधान में तैयार होकर आई दुल्हनों में रही. राजपूत तरीके से तैयार होकर आई दुल्हन हाथ में तलवार लेकर और राजपूती तरीके से लहंगे को पहनकर यहां पहुंची. सबसे ज्यादा तादाद इसी श्रृंगार से तैयार होकर आई दुल्हनों की थी.
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फैशन शो में भी हिंदू धर्म सेना के कार्यकर्ता पहुंचे: आयोजकों का कहना है कि उन्होंने इस फैशन शो के जरिए न केवल जबलपुर बल्कि यहां के आसपास के कई जिलों के मेकअप आर्टिस्ट और मॉडल्स को बुलाया था. इसके पीछे इनका उद्देश्य मेकअप इंडस्ट्री में सुधार करने का है. यह आयोजन दिन भर चला और एक दूसरे के मेकअप पर आपस में चर्चा की गई और एक दूसरे के मेकअप के जरिए लोगों ने आपस में खूब सीखा और समझा. हालांकि इस फैशन शो में भी हिंदू धर्म सेना के कार्यकर्ता पहुंचे और इन लोगों ने फैशन शो को केवल हिंदू संस्कृति के अनुरूप ही करने की हिदायत दी. कार्यक्रम के मुख्य अतिथि जबलपुर के महापौर रहे और इस आयोजन में पेशेवर मेकअप आर्टिस्ट के अलावा कई शौकिया तरीके से मेकअप करने वाली महिलाएं भी पहुंची जिनका काम देखने लायक था. बता दें कि कार्यक्रम का आयोजन एक NGO ने किया था.