जबलपुर/इंदौर। जबलपुर के जिला अस्पताल में लेडी डॉक्टर ने मरीज के पास आधार कार्ड नहीं होने पर उसका इलाज करने से मना कर दिया. एक घायल महिला को पुलिस अस्पताल लेकर पहुंची थी, जहां रात की ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर राहिला कुरेशी ने इलाज करने से साफ इंकार कर दिया. उन्होंने कहा पहले मरीज का आधार कार्ड लाओ, फिर इलाज किया जाएगा.
डॉक्टर ने इलाज करने से किया इंकार: जबलपुर के हनुमान ताल इलाके के सुब्बा शाह मैदान के पास हुए एक झगड़े में 65 साल की वृद्ध महिला मुन्नी बी घायल हो गई थी, जिसे पुलिसकर्मी इलाज के लिए जिला अस्पताल विक्टोरिया लेकर आये थे. वहां पर ड्यूटी डॉक्टर राहिला कुरेशी मौजूद थी, जिन्होंने इलाज इस वजह से नहीं की, क्योंकि पीड़ित महिला के पास उसका आधार कार्ड नहीं था. डॉक्टर ने आधार कार्ड न होने का हवाला देते हुए न तो विजिटर फॉर्म भरा और न ही उनका इलाज किया.
पुलिस ने लगाया बदसलूकी का आरोप: घायल वृद्धा को अस्पताल लेकर पहुंची पुलिस ने भी ड्यूटी डॉक्टर से काफी मिन्नतें की, लेकिन उन्होंने किसी की एक न सुनी. पुलिसकर्मी वापस थाने लौटे और अधिकारियों को पूरी बात बताई. सूचना मिलते ही सब इंस्पेक्टर जिला अस्पताल पहुंचे और महिला डॉक्टर से चर्चा किए. काफी देर के बाद जैसे तैसे ड्यूटी डॉक्टर ने मुलाहिजा फॉर्म भरा और घायल वृद्धा का इलाज शुरू किया. अस्पताल पहुंचे हनुमान ताल पुलिस के स्टाफ और घायल के परिजनों ने ड्यूटी डॉक्टर पर बदसलूकी का आरोप लगाया है.
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इंदौर पुलिस कंट्रोल रूम में सर्वर डाउन: इंदौर में 13 फरवरी से जी-20 बैठक का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें पुलिस द्वारा तकरीबन 2000 से अधिक सुरक्षा बल तैनात हैं, लेकिन इंदौर में पुलिस के नेट सर्वर के अचानक डाउन हो जाने के कारण अफरा-तफरी का माहौल निर्मित हो गया. इंदौर पुलिस के समस्त थानों और पुलिस कंट्रोल रूम को एक सर्वर से जोड़ा गया है, लेकिन उस सर्वर में अचानक टेक्निकल समस्या आ जाने के कारण थोड़ी देर अफरा-तफरी का माहौल निर्मित हुआ. इसकी वजह से कई गंभीर मामलों की जानकारी वरिष्ठ अधिकारियों को काफी देर बाद लगी. थोड़ी देर में उस टेक्निकल समस्या को दूर कर लिया गया, लेकिन कई गंभीर मामले पुलिस अधिकारियों तक नहीं पहुंच पाए.