जबलपुर। भारतीय जनता पार्टी ने जबलपुर में सात विधानसभा सीटों पर जीत हासिल की है, वही मात्र एक विधानसभा सीट जबलपुर पूर्व कांग्रेस के खाते में गई है. जबलपुर के सांसद राकेश सिंह को जबलपुर पश्चिम विधानसभा में चुनाव मैदान में उतर गया था, उन्होंने भी कांग्रेस के नेता तरुण भनोट को 27,000 से ज्यादा वोटो से हरा दिया. राकेश सिंह का कहना है कि एक बार फिर मोदी का जादू चला है.
जबलपुर पश्चिम से भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी राकेश सिंह ने कांग्रेस के प्रत्याशी तरुण भनोट को 30,144 मतों से पराजित किया है. राकेश सिंह का कहना है कि यह जीत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नीतियों पर जनता के भरोसे को दिखती है. वहीं उन्होंने इस मौके पर कहा कि यह जीत अमित शाह की रणनीति, भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के संगठन कौशल और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह की नीतियों की बदौलत मिली है. राकेश सिंह का कहना है कि उन्हें पहले ही इस बात का भरोसा था कि वह चुनाव जीत जाएंगे और न केवल भी बल्कि जबलपुर की सभी सीटों पर भारतीय जनता पार्टी जीतेगी. हालांकि केवल जबलपुर पूर्व से ही भारतीय जनता पार्टी को हार मिली है, बाकी सभी जगह से भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी जीत गए हैं.
तीन युवा नये चेहरे: जबलपुर की कुंडम विधानसभा से संतोष बर्थडे ने कांग्रेस प्रत्याशी एकता ठाकुर को 43,000 मतों से हराया है, यह जबलपुर में सबसे बड़ी जीत है. संतोष बरकड़े बेहद सीधे-साधे युवा आदिवासी नेता है, जबलपुर उत्तर मध्य विधानसभा से भारतीय जनता पार्टी ने युवा मोर्चा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अभिलाष पांडे को चुनाव मैदान में उतारा था. उन्होंने भी कांग्रेस के विधायक विनय सक्सेना को 20,000 से ज्यादा मतों से हराया है. इसी तरह जबलपुर के बरगी विधानसभा में युवा प्रत्याशी नीरज सिंह ने कांग्रेस के विधायक संजय यादव को 40000 मतों से हराया.
Must Read: |
जबलपुर में कौन कहां से जीता: तीन परंपरागत सीटों पर भारतीय जनता पार्टी ने एक बार फिर जीत हासिल की है, इसमें पूर्व कैबिनेट मंत्री अजय बिश्नोई ने पाटन विधानसभा से कांग्रेस प्रत्याशी निलेश अवस्थी को 30,584 मतों से पराजित किया. जबलपुर की कैंट विधानसभा में भारतीय जनता पार्टी के नेता अशोक रोहानी ने कांग्रेस प्रत्याशी अभिषेक चौक से को 27000 वोटों से हराया, इसी तरीके से जबलपुर पनागर में सुशील तिवारी इंदू ने कांग्रेस के राजेश पटेल को 40,000 वोटो से हराया. केवल जबलपुर पूर्व में कांग्रेस को जीत हासिल हुई और यहां से कमलनाथ सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे लखन घनघोरिया ने अंचल सोनकर को 27,742 से ज्यादा मतों से हरा दिया. लखन घनघोरिया का कहना है कि लोकतंत्र में जीत और हार होती रहती है, एक बार फिर कांग्रेस हार का आकलन करेगी.
- जबलपुर कैंट विधानसभा से भाजपा प्रत्याशी अशोक रोहाणी 30095 वोट से जीते.
- जबलपुर उत्तर विधानसभा से भाजपा प्रत्याशी अभिलाष पांडे 22786 से जीते.
- जबलपुर पश्चिम विधानसभा से भाजपा प्रत्याशी राकेश सिंह 30134 वोट से जीते.
- जबलपुर की बरगी विधानसभा से भाजपा प्रत्याशी नीरज सिंह 40167 से जीते.
- जबलपुर की पाटन विधानसभा से भाजपा प्रत्याशी अजय विश्नोई 30584 वोट से जीते.
- जबलपुर की सिहोरा विधानसभा से भाजपा प्रत्याशी सन्तोष बरकड़े 43177 से जीते.
- जबलपुर की पनागर विधानसभा से भाजपा प्रत्याशी सुशील इंदू तिवारी 40801 से जीते.
- जबलपुर पूर्व विधानसभा से कांग्रेस प्रत्याशी लखन घनघोरिया 27742 वोट से जीते.
चला मोदी का जादू: भारतीय जनता पार्टी को जिस तरह का समर्थन मिला है, उसके पीछे कौन सा फैक्टर काम किया है, यह किसी की समझ में नहीं आ रहा है. किसी को यह लाडली बहना की जीत लग रही है, तो वहीं छत्तीसगढ़ और राजस्थान की जीत को देखकर लगता है कि एक बार फिर मोदी का जादू चला है. भारतीय जनता पार्टी भी इसे मोदी इफेक्ट को ही मानते हुए अपनी जीत मान रही है.