जबलपुर। बेलगाम घूम रहे ऑटों और लगने वाले जाम को देखते हुए जबलपुर ट्रैफिक पुलिस नई कवायद शुरू कर रही है. बे-पटरी हो चुकी यातायात व्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए जबलपुर प्रशासन एक बार फिर दिल्ली के एक्सपर्टों की मदद ले रहा है.
जबलपुर के अधिकारियों का दावा है कि दिल्ली की एक्सपर्ट कंपनी ऑटो की धमाचौकड़ी पर लगाम लगाकर यातायात को सुगम बनाएगी. जिसका फायदा ऑटो चालकों के साथ-साथ लोगों को भी मिलेगा. साथ ही जाम से भी राहगीरों को निजात मिलेगी. संस्कारधानी कहे जाने वाला जबलपुर शहर महानगरों की दौड़ में प्रदेश में सबसे आगे हैं, लेकिन जबलपुर की सबसे बड़ी परेशानी अगर कुछ है तो, वो शहर की सड़कों पर धमाचौकड़ी मचाने वाले ऑटो हैं.
यही वजह है कि शहर की ट्रैफिक व्यवस्था और ऑटो की धमाचौकड़ी पर लगाम लगाने के लिए नए सिरे से ऑटो के लिए रूट तय करने का काम शुरू कर दिया गया है. जिला प्रशासन ने नए सिरे से ऑटो के लिए रूट तय करने के लिए दिल्ली के एक्सपर्ट की मदद ले रहा है.
वे यह पता लगाने में जुट गए हैं कि ऑटो शहर में किन रास्तों पर चलेंगे और किन रास्तों पर इनमें रोक लगानी है. साथ ही एक्सपर्ट यह भी बताएंगे कि किस रूट पर ऑटो की संख्या कितनी होगी और उनकी पहचान कैसे होगी.
ऑटो के लिए बांटा गया था रंग
अभी जबलपुर में वैध और अवैध तरीके से करीब 12 हजार से ज्यादा ऑटो संचालित हो रहे हैं. जबकि परिवहन विभाग द्वारा महज 9 हजार ऑटो को ही सिटी परमिट दिया गया है. इसमें भी कई ऑटो 15 साल पुराने हैं, वही सर्वे में यह भी पाया गया है कि साढ़े तीन हजार ऑटो फिटनेस में पास हैं. जिसे देखते हुए हाईकोर्ट ने भी क्षेत्रीय परिवहन विभाग को निर्देश दिए थे, कि ऑटो के रूट का फाइनल निर्धारण हो. ऑटो के लिए ऑरेंज, लाल, पीला और नीला रंग बांटा गया था, लेकिन कुछ महीनों बाद ही कलर कोडिंग पूरी तरह से फेल हो गया और स्थिति जस की तस हो गई.