जबलपुर। जिले का हरा मटर अब सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी बिकेगा और वहां के लोग इसे चाव से खाएंगे, इसके लिए जबलपुर जिला प्रशासन ने एक जिला-एक उत्पाद के तहत मटर की नई पहचान देने की तैयारी शुरू कर दी है. उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग ने मटर की ब्रांडिंग के लिए रजिस्ट्रेशन भी करवा लिया है, हरी मटर को जब विदेशों में भेजा जाएगा तो उसका एक बैग होगा जिसमें कि बकायदा जबलपुर के मटर का लोगो (Logo) भी रहेगा.
हरी मटर की बंपर पैदावार
जबलपुर जिले में हरी मटर की हर साल बंपर पैदावार होती है, जिले में हर साल करीब 30000 हेक्टेयर रकबे में मटर की खेती होती है, 240000 मीट्रिक टन से ज्यादा का उत्पादन होता है. इस हरे मटर के उत्पादन में करीब 400 करोड़ का कारोबार जबलपुर से ही होता है, जिले में कम समय में ज्यादा मुनाफा वाली इस उपज का इंतजार किसानों को हमेशा से ही रहता है, बरसात में तो कई किसान एक-दो महीने ही खेतों को खाली रखते हैं.
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हर साल करीह 400 करोड़ का कारोबार
जबलपुर के पाटन, शहपुरा, मझौली में हरी मटर का एक बड़ा रकबा है, यहां की हरी मटर की फसल मध्य प्रदेश के कई जिलों के साथ साथ दिल्ली, गुजरात और दक्षिण भारत के कई राज्यों में होती है, अब उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग भारत के साथ-साथ जापान और अन्य देशों को भी सप्लाई करेगा. मध्य प्रदेश सरकार एक जिला-एक उत्पाद के तहत हरी मटर की ब्रांडिंग के लिए लगातार प्रयास भी कर रही है.