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जबलपुर: सेना को सौंपी गई स्वदेशी तोप धनुष, जानें क्या है इसकी खासियत

जबलपुर। रक्षा मंत्रालय ने देश की सबसे शक्तिशाली 6 धनुष तोप को आज सेना को सौंप दिया. इस अवसर पर जबलपुर की गन कैरिज फैक्ट्री में एक भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया. रक्षा विभाग के तमाम आलाधिकारी मौजूद रहे.

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Published : Apr 8, 2019, 11:35 PM IST

Updated : Apr 9, 2019, 12:25 AM IST

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जबलपुर। रक्षा मंत्रालय ने देश की सबसे शक्तिशाली 6 धनुष गन को आज सेना को सौंप दिया. इस अवसर पर जबलपुर की गन कैरिज फैक्ट्री में एक भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया. रक्षा विभाग के तमाम आलाधिकारी मौजूद रहे.

सेना को सौंपी गई स्वदेशी धनुष गन

रक्षा मंत्रालय के सचिव डॉ. अजय कुमार ने सेना के अधिकारी पीके श्रीवास्तव को गन सौंपी. रक्षा सचिव ने कहा कि आज का दिन रक्षा मंत्रालय के लिए बहुत ही खुशी का दिन है. हम अपनी स्वदेशी निर्मित धनुष गन को सेना के हवाले कर रहे हैं. विश्व स्तरीय तोप की तारीफ करते हुए रक्षा सचिव ने कहा कि 6 धनुष गनों को पूरी जांच के बाद आर्डलरी डिवीजन को सौंपा है. गन कैरिज फैक्ट्री ने आज के दिन को ऐतिहासिक बनाते हुए इस तरह की परियोजना की शुरुआत की है वह आने वाले समय में मील का पत्थर साबित होगी.

धनुष गन की विशेषता को लेकर ऑडनेंस बोर्ड के चेयरमैन सौरभ कुमार ने बताया कि इसकी मारक क्षमता 38 किलोमीटर तक है. यह गन बहुत ही प्रभावशाली है 1 घंटे में इससे 42 से ज्यादा राउंड चलाए जा सकते हैं. जो कि एक रिकॉर्ड है. धनुष गन अपनी लोकेशन को खुद ही टारगेट करती है और कमांड मिलने पर ही फायर करती है. धनुष का वजन 13 टन से भी कम है, यही वजह है कि ऊंची से ऊंची जगह भी यह आसानी से जाकर दुश्मन पर हमला कर सकती है. जीसीए फैक्ट्री को 114 धनुष गन बनाने का लक्ष्य दिया गया है.

धनुष की खासियत

  • धनुष की मारक क्षमता बोफोर्स तोपों के मुकाबले कहीं ज्यादा है
  • बोफोर्स तोपें जहां 29 किलोमीटर तक मार कर सकती हैं वहीं धनुष की रेंज 38 किलोमीटर है
  • धनुष पूरी तरह ऑटोमैटिक है जबकि बोफोर्स को मैनुअली ऑपरेट किया जाता था
  • लगातार फायर करने के बावजूद भी इसका बैरल गरम नहीं होती
  • बोफोर्स के मुकाबले कहीं ज्यादा तेजी से गोले बरसा सकती है
  • इस तोप को किसी भी मौसम में इस्तेमाल किया जा सकता है
  • धनुष के निर्माण में 90 प्रतिशत देसी कल-पुर्जों का इस्तेमाल हुआ है

जबलपुर। रक्षा मंत्रालय ने देश की सबसे शक्तिशाली 6 धनुष गन को आज सेना को सौंप दिया. इस अवसर पर जबलपुर की गन कैरिज फैक्ट्री में एक भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया. रक्षा विभाग के तमाम आलाधिकारी मौजूद रहे.

सेना को सौंपी गई स्वदेशी धनुष गन

रक्षा मंत्रालय के सचिव डॉ. अजय कुमार ने सेना के अधिकारी पीके श्रीवास्तव को गन सौंपी. रक्षा सचिव ने कहा कि आज का दिन रक्षा मंत्रालय के लिए बहुत ही खुशी का दिन है. हम अपनी स्वदेशी निर्मित धनुष गन को सेना के हवाले कर रहे हैं. विश्व स्तरीय तोप की तारीफ करते हुए रक्षा सचिव ने कहा कि 6 धनुष गनों को पूरी जांच के बाद आर्डलरी डिवीजन को सौंपा है. गन कैरिज फैक्ट्री ने आज के दिन को ऐतिहासिक बनाते हुए इस तरह की परियोजना की शुरुआत की है वह आने वाले समय में मील का पत्थर साबित होगी.

धनुष गन की विशेषता को लेकर ऑडनेंस बोर्ड के चेयरमैन सौरभ कुमार ने बताया कि इसकी मारक क्षमता 38 किलोमीटर तक है. यह गन बहुत ही प्रभावशाली है 1 घंटे में इससे 42 से ज्यादा राउंड चलाए जा सकते हैं. जो कि एक रिकॉर्ड है. धनुष गन अपनी लोकेशन को खुद ही टारगेट करती है और कमांड मिलने पर ही फायर करती है. धनुष का वजन 13 टन से भी कम है, यही वजह है कि ऊंची से ऊंची जगह भी यह आसानी से जाकर दुश्मन पर हमला कर सकती है. जीसीए फैक्ट्री को 114 धनुष गन बनाने का लक्ष्य दिया गया है.

धनुष की खासियत

  • धनुष की मारक क्षमता बोफोर्स तोपों के मुकाबले कहीं ज्यादा है
  • बोफोर्स तोपें जहां 29 किलोमीटर तक मार कर सकती हैं वहीं धनुष की रेंज 38 किलोमीटर है
  • धनुष पूरी तरह ऑटोमैटिक है जबकि बोफोर्स को मैनुअली ऑपरेट किया जाता था
  • लगातार फायर करने के बावजूद भी इसका बैरल गरम नहीं होती
  • बोफोर्स के मुकाबले कहीं ज्यादा तेजी से गोले बरसा सकती है
  • इस तोप को किसी भी मौसम में इस्तेमाल किया जा सकता है
  • धनुष के निर्माण में 90 प्रतिशत देसी कल-पुर्जों का इस्तेमाल हुआ है
Intro:जबलपुर
देश की सबसे शक्तिशाली 6 धनुष तोपो को आज रक्षा मंत्रालय ने सेना को सौंप दिया है।इस अवसर पर जबलपुर की गन कैरिज फैक्ट्री में एक भव्य कार्यक्रम का आयोजन भी किया गया जिसमें रक्षा सचिव डॉ अजय कुमार,ऑडनेंस बोर्ड के चेयरमैन सौरभ कुमार,बोर्ड के सदस्य हरिमोहन सहित सभी फैक्ट्री के जीएम और अन्य अधिकारी भी मौजूद थे।


Body:रक्षा मंत्रालय की सचिव डॉ अजय कुमार ने सेना के अधिकारी पीके श्रीवास्तव को गन सौपा है।इस दौरान रक्षा सचिव ने कहा कि आज का दिन रक्षा मंत्रालय के लिए बहुत ही खुशी का है जब हम अपनी स्वदेशी धनुष तोप को सेना के हवाले कर रहे हैं।विश्व स्तरीय गन की तारीफ करते हुए रक्षा सचिव ने कहा कि 6 धनुष तोपों को पूरी जांच के बाद आर्डलरी डिवीजन को सौंप दी गई है। पूर्णता भारत में बनी तोप के विषय में रक्षा सचिव डॉ अजय कुमार का कहना है कि जिस तरह से गन कैरिज फैक्ट्री ने आज के दिन को ऐतिहासिक बनाते हुए इस तरह की परियोजना की शुरुआत की है वह आने वाले समय में मील का पत्थर साबित होगी।


Conclusion:वहीं धनुष तोप की विशेषता को लेकर ऑडनेंस बोर्ड के चेयरमैन सौरभ कुमार ने बताया कि इसकी मारक क्षमता 38 किलोमीटर तक है।यह गन बहुत ही प्रभावशाली है 1 घंटे में इससे 42 से ज्यादा राउंड चलाए गए हैं जो कि एक रिकॉर्ड है।धनुष तोप अपनी लोकेशन को खुद ही टारगेट करती है और कमांड मिलने पर ही फायर करती है।धनुष का वजन 13 टन से भी कम है यही वजह है कि ऊंची से ऊंची जगह भी यह आसानी से जा कर मार कर सकती है।आर्मी के सामने धनुष पूरी तरह से खरी उतरी है। जीसीए फैक्ट्री को 114 धनुष तोप बनाने का टारगेट मिला हुआ है।
बाईट.1-डॉ अजय कुमार......रक्षा सचिव,भारत सरकार
बाईट.2-सौरभ कुमार........चेयरमैन,ऑर्डन्स फैक्ट्री बोर्ड
Last Updated : Apr 9, 2019, 12:25 AM IST
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