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आईएएस मोहनलाल मीणा को कैट से राहत, प्रदेश में जारी रहेगी प्रतिनियुक्ति

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Published : Oct 30, 2019, 5:37 PM IST

आईएएस मोहनलाल मीणा को केंद्रीय प्रशासनिक अधिकरण ने उनकी प्रतिनियुक्ति को मध्यप्रदेश में ही जारी रखने का आदेश दिया है. आईएएस मोहनलाल की जान को मणिपुर में खतरा के चलते उनकी प्रतिनियुक्ति मध्यप्रदेश में की गई थी.

आईएएस मोहनलाल मीणा को कैट से राहत

जबलपुर। केंद्रीय प्रशासनिक अधिकरण(कैट) ने मणिपुर-त्रिपुरा कैडर के 2001 बैच के आईएएस मोहन लाल मीणा को उनकी प्रतिनियुक्ति पर राहत दी है. उनकी प्रतिनियुक्ति को मध्यप्रदेश में जारी रखने के आदेश दिए हैं. आईएएस मोहनलाल मीणा मणिपुर राज्य के उखरूल जिले में पदस्थ थे, जहां उन्हें लगातार आतंकियों से जान का खतरा बना हुआ था.

आईएएस मोहनलाल मीणा को कैट से राहत


दरअसल आईएएस मोहनलाल मीणा को प्रदेश में प्रतिनियुक्ति पर भेजा गया था. लेकिन प्रतिनियुक्ति पर बिना विचार किए ही उन्हें अब रिलीव भी कर दिया गया. जबकि केंद्र सरकार और स्पेशल ब्रांच की रिपोर्ट के मुताबिक अभी भी मोहनलाल मीणा की जान का खतरा है. बावजूद इसके तमाम रिपोर्ट को अनदेखा करते हुए राज्य सरकार ने आईएएस मीणा की प्रतिनियुक्ति को समाप्त कर वापस मणिपुर में लौटने के आदेश जारी कर दिए. इस आदेश को मोहनलाल ने कैट में चुनौती दी. जिसके चलते केंद्रीय प्रशासनिक अधिकरण ने उनकी प्रतिनियुक्ति को मध्यप्रदेश में ही जारी रखने के आदेश पारित किया है.


याचिकाकर्ता पक्ष के वरिष्ठ अधिवक्ता नमन नागरथ ने बताया कि आईएएस मीणा को जान का खतरा होने पर उन्हें मणिपुर से मध्यप्रदेश में प्रतिनियुक्ति पर भेजा गया था. लेकिन बिना विचार किए ही मोहनलाल को रिलीव कर दिया गया. बहस के दौरान याचिकाकर्ता के वकील ने कैट को बताया कि केंद्र और मणिपुर सरकार की स्पेशल ब्रांच ने अपनी रिपोर्ट में बताया था कि मोहनलाल मीणा को अभी भी जान का खतरा है. जिसके चलते प्रदेश में उनकी प्रतिनियुक्ति अवधि को एक साल और बढ़ाया जाए.

जबलपुर। केंद्रीय प्रशासनिक अधिकरण(कैट) ने मणिपुर-त्रिपुरा कैडर के 2001 बैच के आईएएस मोहन लाल मीणा को उनकी प्रतिनियुक्ति पर राहत दी है. उनकी प्रतिनियुक्ति को मध्यप्रदेश में जारी रखने के आदेश दिए हैं. आईएएस मोहनलाल मीणा मणिपुर राज्य के उखरूल जिले में पदस्थ थे, जहां उन्हें लगातार आतंकियों से जान का खतरा बना हुआ था.

आईएएस मोहनलाल मीणा को कैट से राहत


दरअसल आईएएस मोहनलाल मीणा को प्रदेश में प्रतिनियुक्ति पर भेजा गया था. लेकिन प्रतिनियुक्ति पर बिना विचार किए ही उन्हें अब रिलीव भी कर दिया गया. जबकि केंद्र सरकार और स्पेशल ब्रांच की रिपोर्ट के मुताबिक अभी भी मोहनलाल मीणा की जान का खतरा है. बावजूद इसके तमाम रिपोर्ट को अनदेखा करते हुए राज्य सरकार ने आईएएस मीणा की प्रतिनियुक्ति को समाप्त कर वापस मणिपुर में लौटने के आदेश जारी कर दिए. इस आदेश को मोहनलाल ने कैट में चुनौती दी. जिसके चलते केंद्रीय प्रशासनिक अधिकरण ने उनकी प्रतिनियुक्ति को मध्यप्रदेश में ही जारी रखने के आदेश पारित किया है.


याचिकाकर्ता पक्ष के वरिष्ठ अधिवक्ता नमन नागरथ ने बताया कि आईएएस मीणा को जान का खतरा होने पर उन्हें मणिपुर से मध्यप्रदेश में प्रतिनियुक्ति पर भेजा गया था. लेकिन बिना विचार किए ही मोहनलाल को रिलीव कर दिया गया. बहस के दौरान याचिकाकर्ता के वकील ने कैट को बताया कि केंद्र और मणिपुर सरकार की स्पेशल ब्रांच ने अपनी रिपोर्ट में बताया था कि मोहनलाल मीणा को अभी भी जान का खतरा है. जिसके चलते प्रदेश में उनकी प्रतिनियुक्ति अवधि को एक साल और बढ़ाया जाए.

Intro:जबलपुर
केंद्रीय प्रशासनिक अधिकरण(कैट) ने मणिपुर-त्रिपुरा कैडर के 2001 बैच के आईएएस मोहन लाल मीणा को राहत देते हुए उनकी प्रतिनियुक्ति को मध्यप्रदेश में जारी रखने के आदेश दिए हैं। आईएएस मोहनलाल मिला मणिपुर राज्य के उखरूल जिले में पदस्थ थे जहां उन्हें लगातार आतंकी से जान खतरा बना हुआ था।


Body:आईएस मोहनलाल मीणा को मध्यप्रदेश में प्रतिनियुक्ति पर भेजा गया था। उस प्रतिनियुक्ति पर अब बिना विचार किए ही उन्हें रिलीव भी कर दिया गया जबकि केंद्र सरकार और स्पेशल ब्रांच की रिपोर्ट के मुताबिक अभी भी मोहनलाल मीणा को जान का खतरा है बावजूद इसके तमाम रिपोर्ट को अनदेखा करते हुए राज्य सरकार ने आईएएस मीणा की प्रतिनियुक्ति को समाप्त कर वापस मणिपुर में लौटने के आदेश जारी कर दिए।इस आदेश को मोहनलाल ने कैट में चुनौती दी लिहाजा केंद्रीय प्रशासनिक अधिकरण ने उनकी प्रतिनियुक्ति को मध्यप्रदेश में जारी रखे जाने के आदेश पारित किए हैं।


Conclusion:याचिकाकर्ता का पक्ष वरिष्ठ अधिवक्ता नमन नागरथ ने रखते हुए दलील दी कि आईएएस मीणा को जान का खतरा होने के जिस महत्वपूर्ण आधार को ध्यान में रखते हुए उन्हें मणिपुर से मध्यप्रदेश में प्रतिनियुक्ति पर भेजा गया था उस पर बिना विचार किए ही श्री मोहनलाल को रिलीव कर दिया गया जो कि अनुचित है। बहस के दौरान कैट को अवगत कराया गया कि केंद्र सरकार और मणिपुर सरकार की स्पेशल ब्रांच ने अपनी रिपोर्ट में बताया भी था कि मोहनलाल मीणा को अभी भी जान का खतरा है इसलिए मध्यप्रदेश में उनकी प्रतिनियुक्ति अवधि को 1 साल और बढ़ाया जाए। मोहनलाल मीणा की ओर से रखे गए पक्ष पर सभी बिंदुओं पर गौर करने के बाद अक्टूबर 2019 के अपने आदेश के जरिए पुराने आदेश निरस्त करते हुए मोहनलाल मीणा को राहत देते हुए कहा गया है कि मध्यप्रदेश में वह तब तक कार्य करेंगे जब तक कि केंद्र सरकार मोहनलाल मीणा के खिलाफ जान के खतरे को ध्यान में रखते हुए उनकी पदस्थापना मणिपुर राज्य के बाहर नहीं कर देती।
बाईट.1-नमन नागरथ.....याचिकाकर्ता के वकील
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