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रिटायर्ड पुलिसकर्मियों से छीने जाएंगे मकान, एसपी अमित सिंह ने जारी किये निर्देश - goverment houses news

जबलपुर में पुलिस विभाग के सरकारी मकानों में रह रहे ऐसे पुलिसकर्मियों से मकान खाली कराया जाएगा, जो अन्य जिलों में पदस्थ रहकर यहां मकान का आवंटन करा रखें हैं. साथ ही बर्खास्त या फिर रिटायर हो चुके पुलिसकर्मियों से भी मकान खाली कराया जाएगा.

अपात्र पुलिसकर्मियों से छीनें जाएंगे मकान
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Published : Oct 22, 2019, 3:17 PM IST

Updated : Oct 22, 2019, 3:56 PM IST

जबलपुर। लाख आदेश के बाद भी जबलपुर में पुलिस कर्मियों का सरकारी आवासों से मोह नहीं छूट रहा है. आलम यह है कि एसपी के निर्देश के बाद भी अन्य जिले में पदस्थ पुलिसकर्मी जबलपुर में सरकारी आवासों को छोड़ने के लिए तैयार नहीं है. ऐसे में अब एसपी ने सर्वे कर रिपोर्ट तलब करने के लिए थाना प्रभारियों को निर्देश दिए है.

अपात्र पुलिसकर्मियों से छीनें जाएंगे मकान

एसपी अमित सिंह ने निर्देश जारी कर कहा हैं कि अब सरकारी आवास लेने से पहले पुलिसकर्मी और उनके परिवार को सत्यापन देना होगा फिर उन्हें आवास मिलेगा. साथ ही वो पुलिसकर्मी जिनकी पोस्टिंग जिले में नही है, उन्हें भी आवास से बेदखल किया जाएगा. एसपी अमित सिंह ने बताया कि जिले के बाहर पोस्टिंग में रहने वाले पुलिसकर्मियों से सरकारी आवास लेने की प्रक्रिया शुरू भी कर दी गई है.

बता दें की कुछ दिनों पहले यह बात सामने आई थी कि ट्रांसफर,बर्खास्त या फिर रिटायर हो चुके पुलिसकर्मी सालों से सरकारी आवास में अपने परिवार के साथ रह रहे हैं. इसके अलावा दूसरे जिले में पदस्थ रहकर कुछ पुलिसकर्मी दोनों जिलों में सरकारी आवास का फायदा ले रहे हैं.

जानकारी के मुताबिक जिले में करीब 5 सौ से अधिक सरकारी आवास हाउसफुल हैं, जबकि पुलिस बल की संख्या तीन हजार से भी अधिक है. जिसके चलते पुलिस कर्मियों को सरकारी घर मिलने में मारामारी होती है.

जबलपुर। लाख आदेश के बाद भी जबलपुर में पुलिस कर्मियों का सरकारी आवासों से मोह नहीं छूट रहा है. आलम यह है कि एसपी के निर्देश के बाद भी अन्य जिले में पदस्थ पुलिसकर्मी जबलपुर में सरकारी आवासों को छोड़ने के लिए तैयार नहीं है. ऐसे में अब एसपी ने सर्वे कर रिपोर्ट तलब करने के लिए थाना प्रभारियों को निर्देश दिए है.

अपात्र पुलिसकर्मियों से छीनें जाएंगे मकान

एसपी अमित सिंह ने निर्देश जारी कर कहा हैं कि अब सरकारी आवास लेने से पहले पुलिसकर्मी और उनके परिवार को सत्यापन देना होगा फिर उन्हें आवास मिलेगा. साथ ही वो पुलिसकर्मी जिनकी पोस्टिंग जिले में नही है, उन्हें भी आवास से बेदखल किया जाएगा. एसपी अमित सिंह ने बताया कि जिले के बाहर पोस्टिंग में रहने वाले पुलिसकर्मियों से सरकारी आवास लेने की प्रक्रिया शुरू भी कर दी गई है.

बता दें की कुछ दिनों पहले यह बात सामने आई थी कि ट्रांसफर,बर्खास्त या फिर रिटायर हो चुके पुलिसकर्मी सालों से सरकारी आवास में अपने परिवार के साथ रह रहे हैं. इसके अलावा दूसरे जिले में पदस्थ रहकर कुछ पुलिसकर्मी दोनों जिलों में सरकारी आवास का फायदा ले रहे हैं.

जानकारी के मुताबिक जिले में करीब 5 सौ से अधिक सरकारी आवास हाउसफुल हैं, जबकि पुलिस बल की संख्या तीन हजार से भी अधिक है. जिसके चलते पुलिस कर्मियों को सरकारी घर मिलने में मारामारी होती है.

Intro:जबलपुर
लाख आदेश के बाद भी जबलपुर में पुलिस कर्मियों का सरकारी आवासों से मोह नहीं छूट रहा है। आलम यह है कि एसपी के निर्देश के बाद भी अन्य जिले में पदस्थ पुलिसकर्मी जबलपुर में सरकारी आवासो को छोड़ने के लिए तैयार नही है ऐसे में अब एसपी ने सर्वे करने और बाद में उनकी रिपोर्ट तलब करने थाना प्रभारियों को निर्देश दिए है।


Body:जबलपुर एसपी अमित सिंह ने सर्वे के दौरान यह निर्देश जारी किए हैं कि अब सरकारी आवास लेने से पहले पुलिसकर्मी और उनके परिवार का सत्यापन देना होगा फिर उन्हें आवास मिलेगा।साथ ही वो पुलिसकर्मी जिनकी पोस्टिंग जिले में नही है उन्हें भी आवास से बेदखल किया जाएगा। एसपी अमित सिंह के मुताबिक जिले के बाहर पोस्टिंग रहने वाले पुलिसकर्मियों से सरकारी आवास लेने की प्रक्रिया शुरू भी कर दी गई है।दर्शल हाल के दिनों में यह बात सामने आई है कि कुछ पुलिसकर्मी जो कि ट्रांसफर,बर्खास्त या फिर रिटायर हो गए हैं वह भी सालों से सरकारी आवासों में अपने परिवार के साथ रह रहे हैं।इतना ही नहीं कुछ पुलिसकर्मी तो ऐसे भी हैं जो कि दूसरे जिले में पदस्थ रहकर वहाँ पर सरकारी आवास का फायदा ले रहे हैं और इधर अपने परिवार को भी सरकारी मकान में रखे हुए हैं।


Conclusion:जानकारी के मुताबिक जबलपुर जिले में करीब 500 से अधिक सरकारी आवास हाउसफुल है जबकि पुलिस बल की संख्या 3000 से भी अधिक है।जाहिर है कि सरकारी घर मिलने के लिए मारामारी तो होगी ही। एसपी के सर्वे के दौरान हाल ही में यह बात भी सामने आई है कि एक प्रधान आरक्षक जो कि 2007 में बर्खास्त हो चुका है बावजूद इसके वह पुलिस लाइन में मकान बनवा कर रह रहा था। वही गढ़ा थाने में पदस्थ रहे एक एसआई जो कि रिटायर हो चुके हैं पर उन्होंने भी थाना परिसर में ही मंदिर की आड़ में एक मकान बनवा कर उसमे रह रहे है।
बाईट.1- डॉ संजीव उईके.....एएसपी
Last Updated : Oct 22, 2019, 3:56 PM IST
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