जबलपुर। पूर्व मंत्री अर्चना चिटनिस के खिलाफ की गई शिकायत लोकायुक्त द्वारा रिजेक्ट किये जाने के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की गयी. याचिका की सुनवाई के दौरान लोकायुक्त तथा राज्य सरकार की तरफ से समय प्रदान करने का आग्रह किया गया. हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रवि विजय कुमार मलिमठ तथा जस्टिस विशाल मिश्रा की युगलपीठ ने अंतिम अवसर प्रदान करते हुए अगली सुनवाई चार सप्ताह बाद निर्धारित की है.
3 करोड़ की गड़बड़ी का मामला : बुरहानपुर निवासी बालचंद्र शिंदे की तरफ से दायर की गयी याचिका में कहा गया था कि पूर्व मंत्री तथा भाजपा नेत्री अर्चना चिटनिस के बुरहानपुर कृषि उपज मंडी समिति के तीन करोड़ रुपये शुगर फैक्टरी लगाने में निवेश करवाये थे. उनके द्वारा कोई शुगर फैक्टरी नहीं लगाई गयी और राशि भी वापस नहीं की गयी. सरकारी राशि का दुरुपयोग किये जाने के खिलाफ उसने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. हाईकोर्ट ने संबंधित जांच एजेंसी से शिकायत करने की स्वंत्रता देते हुए याचिका का निराकरण कर दिया था.
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लोकायुक्त ने शिकायत रिजेक्ट की : इसके बाद उसने लोकायुक्त में दस्तावेजों के साथ शिकायत की थी. लोकायुक्त ने मामला लगभग दो दशक पुराना होने के कारण शिकायत को रिजेक्ट कर दिया. याचिका की सुनवाई करते हुए युगलपीठ ने राज्य सरकार व लोकायुक्त को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था. युगलपीठ ने अन्य अनावेदकों के नाम याचिका से विलोपित करने के आदेश दिये थे. याचिका पर बुधवार को हुई सुनवाई के दौरान युगलपीठ ने जवाब पेश करने का अंतिम अवसर प्रदान किया है. याचिकाकर्ता की तरफ से अधिवक्ता प्रणय चौबे ने पैरवी की.