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जबलपुर में तालाबों के संबंध में स्टेटस रिपोर्ट पेश करे नगर निगमः हाई कोर्ट - जबलपुर न्यूज

हाई कोर्ट ने जबलपुर नगर निगम को शहर के तालाबों को लेकर स्टेट्स रिपोर्ट सम्मिट करने के निर्देश दिए थे. जिसके बाद निगम ने कोर्ट से समय मांगा था. कोर्ट ने निगम के आग्रह को स्वीकर कर लिया है.

High Court
हाई कोर्ट
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Published : Jan 20, 2021, 1:30 AM IST

जबलपुर। शहर के तालाबों के संबंध में स्टेटस रिपोर्ट पेश करने के लिए हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस मोहम्मद रफीक व जस्टिस वीके शुक्ला की युगलपीठ ने नगर निगम को अंतिम मोहलत प्रदान की है. युगलपीठ ने याचिका पर अगली सुनवाई 5 फरवरी को निर्धारित की है.

गढ़ा निवासी विजित साहू की तरफ से दायर याचिका में कहा गया था कि जबलपुर की पहचान 52 तालाब वाले शहर के तौर पर होती थी. अतिक्रमण के कारण अधिकांश तलाबों का अस्तित्व समाप्त हो गया है. बचे हुए तलाब में अतिक्रमण व कचरा डपिंग के कारण उनका अस्तित्व भी खतरे में है. याचिका में कहा गया था कि पंडा की मढ़िया स्थित इमरती तालाब की शासकीय जमीन में अनावेदकों ने अतिक्रमण कर पक्का निर्माण कर लिया है.

याचिका पर पूर्व में हुई सुनवाई के दौरान नगर निगम की तरफ से न्यायालय को बताया गया था कि इमरती तालाब के अतिक्रमणों को हटा दिया गया है. न्यायालय ने नगर निगम को शहर के सभी तालबों में हुए अतिक्रमण के संबंध में स्टेटस रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए थे. याचिका की सुनवाई के दौरान नगर निगम की तरफ से स्टेटस रिपोर्ट पेश करने के लिए समय प्रदान करने का आग्रह किया गया. युगलपीठ ने आग्रह को स्वीकार करते हुए स्टेटस रिपोर्ट पेश करने अंतिम मोहलत प्रदान की है. याचिकाकर्ता की तरफ से अधिवक्ता ब्रहमेंद्र पाठक ने पैरवी की.

जबलपुर। शहर के तालाबों के संबंध में स्टेटस रिपोर्ट पेश करने के लिए हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस मोहम्मद रफीक व जस्टिस वीके शुक्ला की युगलपीठ ने नगर निगम को अंतिम मोहलत प्रदान की है. युगलपीठ ने याचिका पर अगली सुनवाई 5 फरवरी को निर्धारित की है.

गढ़ा निवासी विजित साहू की तरफ से दायर याचिका में कहा गया था कि जबलपुर की पहचान 52 तालाब वाले शहर के तौर पर होती थी. अतिक्रमण के कारण अधिकांश तलाबों का अस्तित्व समाप्त हो गया है. बचे हुए तलाब में अतिक्रमण व कचरा डपिंग के कारण उनका अस्तित्व भी खतरे में है. याचिका में कहा गया था कि पंडा की मढ़िया स्थित इमरती तालाब की शासकीय जमीन में अनावेदकों ने अतिक्रमण कर पक्का निर्माण कर लिया है.

याचिका पर पूर्व में हुई सुनवाई के दौरान नगर निगम की तरफ से न्यायालय को बताया गया था कि इमरती तालाब के अतिक्रमणों को हटा दिया गया है. न्यायालय ने नगर निगम को शहर के सभी तालबों में हुए अतिक्रमण के संबंध में स्टेटस रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए थे. याचिका की सुनवाई के दौरान नगर निगम की तरफ से स्टेटस रिपोर्ट पेश करने के लिए समय प्रदान करने का आग्रह किया गया. युगलपीठ ने आग्रह को स्वीकार करते हुए स्टेटस रिपोर्ट पेश करने अंतिम मोहलत प्रदान की है. याचिकाकर्ता की तरफ से अधिवक्ता ब्रहमेंद्र पाठक ने पैरवी की.

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