जबलपुर। आईएफएस अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई नहीं किये जाने को लेकर चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर की गयी थी. याचिका में कहा गया था जांच में दोषी पाये जाने के बावजूद भी डीपीसी के बाद प्रमोशन दे दिया गया. याचिका की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट जस्टिस रवि विजय कुमार मलिमठ तथा जस्टिस विशाल मिश्रा ने प्रिसिपल चीफ कंजर्वेटर फॉरेस्ट को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है.
बिना टेंडर की थी खरीदी : डिप्टी कंजरर्वेटर फॉरेस्ट के पद से सेवानिवृत्त मधुकर चतुर्वेदी की तरफ से दायर याचिका में कहा गया है कि वर्तमान में रायसेन जिले में डीएफओ के पद पर पदस्थ अजय पांडे को विभागीय जांच में दोषी पाया गया था. अजय पांडे ने होशंगाबाद में पदस्थापना के दौरान बिना टेंडर आमंत्रित किये बीज व पौधो की खरीदी फर्जी कम्पनी के माध्यम से की थी. बीज व पौधों की खरीदी सिर्फ कागज में हुई. विभागीय जांच में उन्हें दोषी पाया गया था.
Mp High Court Order: सीएम राइज स्कूल के शिक्षकों के तबादलों पर रोक, नियम मुताबिक नहीं हुई नियुक्ति
मामला दो साल पहले का है : याचिका में कहा गया है कि जांच रिपोर्ट दो साल पूर्व की है. इसके बावजूद उनके खिलाफ कोई एक्शन नहीं लिया गया. डीपीसी के माध्यम से उन्हें प्रमोशन दे दिया गया. याचिका की सुनवाई के बाद युगलपीठ ने नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. याचिकाकर्ता की तरफ से अधिवक्ता डीके त्रिपाठी ने पैरवी की. High Court angry, No action against IFS, Even found guilty, Guilty in investigation