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सांसद प्रज्ञा को हाई कोर्ट से झटका, साध्वी के खिलाफ जारी रहेगी सुनवाई

साध्वी प्रज्ञा सिंह को जबलपुर हाई कोर्ट से झटका मिला है. प्रज्ञा सिंह का निर्वाचन रद्द करने के लिए लगाई गई याचिका पर सुनवाई जारी रहेगी. बता दें कि प्रज्ञा सिंह सबूतों की सत्यता के आधार पर याचिका खारिज करवाना चाहती थीं .

No relief to Sadhvi Pragya Singh
साध्वी प्रज्ञा सिंह को राहत नहीं
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Published : Dec 13, 2019, 4:39 PM IST

जबलपुर। भोपाल सांसद साध्वी प्रज्ञा के खिलाफ मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में एक याचिका लगी है. याचिका में यह आरोप लगाया गया है कि साध्वी प्रज्ञा सिंह ने चुनाव के दौरान धार्मिक भड़काऊ भाषण देकर चुनाव की प्रक्रिया को प्रभावित किया है. साथ ही इन्हीं भड़काऊ भाषणों की वजह से वो चुनाव जीतीं हैं.


वहीं भड़काऊ भाषणों को चुनाव आयोग ने भी आपत्तिजनक माना था और साध्वी प्रज्ञा सिंह को चुनाव के दौरान प्रचार करने से रोक लगाई थी. इसलिए भोपाल के एक पत्रकार ने मध्य प्रदेश हाई कोर्ट में साध्वी के निर्वाचन को रद्द करने के लिए याचिका लगाई है.

साध्वी प्रज्ञा सिंह को राहत नहीं


बता दें कि साध्वी प्रज्ञा सिंह इस याचिका को खारिज करवाना चाहती हैं, इसलिए मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में उन्होंने एक आवेदन लगाया था, जिसमें ये कहा था कि याचिका में जो सबूत पेश किए गए हैं उनकी सत्यता प्रमाणित नहीं की जा सकती इसलिए याचिका खारिज की जाए. लेकिन मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने पूरे प्रकरण को सुनने के बाद साध्वी प्रज्ञा सिंह के आवेदन को निरस्त कर दिया है.


वहीं कोर्ट का कहना है कि सबूतों की सत्यता साबित करने के लिए आगे मौका मिलेगा और याचिका प्राथमिक स्तर पर है. यहां सबूतों की सत्यता को आधार बनाकर याचिका को निरस्त नहीं किया जा सकता इसलिए याचिका पर सुनवाई जारी रहेगी.

जबलपुर। भोपाल सांसद साध्वी प्रज्ञा के खिलाफ मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में एक याचिका लगी है. याचिका में यह आरोप लगाया गया है कि साध्वी प्रज्ञा सिंह ने चुनाव के दौरान धार्मिक भड़काऊ भाषण देकर चुनाव की प्रक्रिया को प्रभावित किया है. साथ ही इन्हीं भड़काऊ भाषणों की वजह से वो चुनाव जीतीं हैं.


वहीं भड़काऊ भाषणों को चुनाव आयोग ने भी आपत्तिजनक माना था और साध्वी प्रज्ञा सिंह को चुनाव के दौरान प्रचार करने से रोक लगाई थी. इसलिए भोपाल के एक पत्रकार ने मध्य प्रदेश हाई कोर्ट में साध्वी के निर्वाचन को रद्द करने के लिए याचिका लगाई है.

साध्वी प्रज्ञा सिंह को राहत नहीं


बता दें कि साध्वी प्रज्ञा सिंह इस याचिका को खारिज करवाना चाहती हैं, इसलिए मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में उन्होंने एक आवेदन लगाया था, जिसमें ये कहा था कि याचिका में जो सबूत पेश किए गए हैं उनकी सत्यता प्रमाणित नहीं की जा सकती इसलिए याचिका खारिज की जाए. लेकिन मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने पूरे प्रकरण को सुनने के बाद साध्वी प्रज्ञा सिंह के आवेदन को निरस्त कर दिया है.


वहीं कोर्ट का कहना है कि सबूतों की सत्यता साबित करने के लिए आगे मौका मिलेगा और याचिका प्राथमिक स्तर पर है. यहां सबूतों की सत्यता को आधार बनाकर याचिका को निरस्त नहीं किया जा सकता इसलिए याचिका पर सुनवाई जारी रहेगी.

Intro:साध्वी प्रज्ञा सिंह को हाई कोर्ट से झटका प्रज्ञा सिंह का निर्वाचन रद्द करने के लिए लगाई गई याचिका पर सुनवाई रहेगी जारी प्रज्ञा सिंह सबूतों की सत्यता के आधार पर खारिज करवाना चाहती थी याचिका


Body:जबलपुर भोपाल सांसद साध्वी प्रज्ञा के खिलाफ मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में एक याचिका लगी है याचिका में यह आरोप लगाया गया है कि साध्वी प्रज्ञा सिंह ने चुनाव के दौरान धार्मिक भड़काऊ भाषण देकर चुनाव की प्रक्रिया को प्रभावित किया है और इन्हीं भड़काऊ भाषणों की वजह से चुनाव जीती इन्हीं भड़काऊ भाषणों को चुनाव आयोग ने भी आपत्तिजनक माना था और साध्वी प्रज्ञा सिंह को चुनाव के दौरान प्रचार करने से रोक लगाई थी इसलिए जब चुनाव आयोग ने खुद इन भाषणों को आपत्तिजनक माना था इसलिए साध्वी का निर्वाचन गलत ढंग से हुआ है और उनका निर्वाचन रद्द किया जाना चाहिए याचिका भोपाल के एक पत्रकार ने मध्य प्रदेश हाई कोर्ट में लगाई है

साध्वी प्रज्ञा सिंह इस याचिका को खारिज करवाना चाहती हैं इसलिए मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में उन्होंने एक आवेदन लगाया था जिसमें यह कहा गया था कि याचिका में जो सबूत पेश किए गए हैं उनकी सत्यता प्रमाणित नहीं की जा सकती इसलिए याचिका खारिज की जाए लेकिन मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने पूरे प्रकरण को सुनने के बाद साध्वी प्रज्ञा सिंह के आवेदन को निरस्त कर दिया कोर्ट का कहना है कि सबूतों की सत्यता साबित करने के लिए आगे मौका मिलेगा और याचिका प्राथमिक स्तर पर है यहां सबूतों की सत्यता को आधार बनाकर याचिका को निरस्त नहीं किया जा सकता इसलिए याचिका पर सुनवाई जारी रहेगी


Conclusion:साध्वी प्रज्ञा सिंह भारतीय जनता पार्टी के लिए गले की फांस बन गई है और उनके साथ विवाद हमेशा जुड़े रहते हैं फिलहाल हाईकोर्ट ने उनका आवेदन निरस्त करके यह तो स्पष्ट कर दिया कि मामले की सुनवाई पूरी होने के बाद ही कोई फैसला किया जाएगा
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दिनेश उपाध्याय एडवोकेट मध्य प्रदेश हाई कोर्ट
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