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9 जिला अस्पतालों में सिटी स्कैन मशीन नहीं लगाए जाने पर हाईकोर्ट सख्त, स्टेटस रिपोर्ट पेश करने के आदेश

जबलपुर हाईकोर्ट ने कटनी सहित 9 जिलों के जिला अस्पतालों में निर्धारित समय सीमा में सीटी स्कैन मशीन नहीं लगाए जाने को गंभीरता से लिया है और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई कर स्टेटस रिपोर्ट पेश करने के आदेश दिए हैं.

Hearing in Jabalpur High Court for not installing scan machines in district hospitals of 9 districts including Katni
स्कैन मशीन नहीं लगाए जाने पर हाईकोर्ट सख्त
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Published : Dec 8, 2020, 7:33 PM IST

जबलपुर। हाईकोर्ट ने कटनी सहित 9 जिलों के जिला अस्पतालों में निर्धारित समय सीमा में सीटी स्कैन मशीन नहीं लगाए जाने को गंभीरता से लिया है. हाईकोर्ट के कार्यवाहक चीफ जस्टिस संजय यादव और जस्टिस व्ही के शुक्ला की युगलपीठ ने सरकार को निर्देषित किया है कि वह दोषियों के खिलाफ कार्रवाई कर स्टेटस रिपोर्ट पेश करें. याचिका पर अगली सुनवाई 7 जनवरी को निर्धारित की गई है.

कटनी निवासी ने दायर की है याचिका

कटनी मुड़वारा निवासी एनयूएसआई जिलाध्यक्ष दिव्यांशू उर्फ अंशु मिश्रा की तरफ से दायर की गयी याचिका में कहा गया था कि जिला अस्पताल कटनी में सीटी स्कैन मशीन के लिए साल 2017 में टेंडर निकाला गया था. 2018 में सीटी स्कैन मशीन लगाने का ठेका मेसर्स सिद्धार्थ एमआरआई एण्ड सीटी स्कैन कंपनी को मिला. कंपनी को वर्क प्लेस आवंटित किये जाने के चार माह में सीटी स्कैन मशीन लगानी थी. कटनी सहित मण्डला, रतलाम, बालाघाट, मंदसौर, शाजापुर, धार, खंडवा और शहडोल के जिला अस्पतालों में जगह आवंटित किए जाने के लगभग डेढ़ साल बाद भी सीटी स्कैन मशीन नहीं लगाई गई.

दोषियों के खिलाफ कार्रवाई

याचिका की सुनवाई के दौरान मप्र पब्लिक हेल्थ कॉरपोरेशन की तरफ से पेश किए गए जवाब में कहा गया कि सरकार की एजेंसी के तहत कार्य करते हैं, कार्रवाई के संबंध में सरकार को निर्णय लेना है. युगलपीठ ने मामले को गंभीरता से लेते हुए कहा कि सीटी स्कैन मशीनों के लगाने में हुई देरी के दोषी व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई सहित स्टेटस रिपोर्ट पेश की जाए. याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता योगेश सोनी ने पक्ष रखा.

जबलपुर। हाईकोर्ट ने कटनी सहित 9 जिलों के जिला अस्पतालों में निर्धारित समय सीमा में सीटी स्कैन मशीन नहीं लगाए जाने को गंभीरता से लिया है. हाईकोर्ट के कार्यवाहक चीफ जस्टिस संजय यादव और जस्टिस व्ही के शुक्ला की युगलपीठ ने सरकार को निर्देषित किया है कि वह दोषियों के खिलाफ कार्रवाई कर स्टेटस रिपोर्ट पेश करें. याचिका पर अगली सुनवाई 7 जनवरी को निर्धारित की गई है.

कटनी निवासी ने दायर की है याचिका

कटनी मुड़वारा निवासी एनयूएसआई जिलाध्यक्ष दिव्यांशू उर्फ अंशु मिश्रा की तरफ से दायर की गयी याचिका में कहा गया था कि जिला अस्पताल कटनी में सीटी स्कैन मशीन के लिए साल 2017 में टेंडर निकाला गया था. 2018 में सीटी स्कैन मशीन लगाने का ठेका मेसर्स सिद्धार्थ एमआरआई एण्ड सीटी स्कैन कंपनी को मिला. कंपनी को वर्क प्लेस आवंटित किये जाने के चार माह में सीटी स्कैन मशीन लगानी थी. कटनी सहित मण्डला, रतलाम, बालाघाट, मंदसौर, शाजापुर, धार, खंडवा और शहडोल के जिला अस्पतालों में जगह आवंटित किए जाने के लगभग डेढ़ साल बाद भी सीटी स्कैन मशीन नहीं लगाई गई.

दोषियों के खिलाफ कार्रवाई

याचिका की सुनवाई के दौरान मप्र पब्लिक हेल्थ कॉरपोरेशन की तरफ से पेश किए गए जवाब में कहा गया कि सरकार की एजेंसी के तहत कार्य करते हैं, कार्रवाई के संबंध में सरकार को निर्णय लेना है. युगलपीठ ने मामले को गंभीरता से लेते हुए कहा कि सीटी स्कैन मशीनों के लगाने में हुई देरी के दोषी व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई सहित स्टेटस रिपोर्ट पेश की जाए. याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता योगेश सोनी ने पक्ष रखा.

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