जबलपुर। ओबीसी वर्ग का आरक्षण 27 फीसदी किये जाने और EWS आरक्षण के बारे में दायर याचिकाओं पर हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. युगलपीठ ने सरकार से MPPSC 2018 की सलेक्शन लिस्ट जारी नहीं करने के बारे में जवाब मांगा है .मामले की अगली सुनवाई 19 अप्रैल को होगी.
OBC आरक्षण पर सुनवाई
प्रदेश सरकार की ओर से ओबीसी आरक्षण 14 प्रतिशत से बढ़ाकर 27 प्रतिशत किये जाने के संबंध में अशिता दुबे सहित दो दर्जन से ज्यादा याचिकाएं हाईकोर्ट में दायर की गयी थीं. अशिता दुबे की याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने चिकित्सा शिक्षा क्षेत्र में ओबीसी वर्ग को 14 प्रतिशत आरक्षण दिए जाने के अंतरिम आदेश 19 मार्च 2019 को जारी किेए थे. युगलपीठ ने PSC की ओर से ली गई विभिन्न पदों की परीक्षाओं की चयन सूची में भी ओबीसी वर्ग को 14 फीसदी आरक्षण दिए जाने का अंतरिम आदेश पारित किया था.
50 फीसदी से ज्यादा आरक्षण क्यों ?
सरकार की ओर से पेश किए गए जवाब में कहा गया था, कि प्रदेश में 51 फीसदी आबादी OBC वर्ग की है. OBC, SC, ST वर्ग की आबादी कुल 87 प्रतिशत है. याचिकाकर्ताओं का तर्क था कि सर्वोच्च न्यायालय की नौ सदस्यीय पीठ ने इंदिरा साहनी मामले में स्पष्ट आदेश दिए हैं , कि आरक्षण 50 प्रतिशत से ज्यादा नहीं होना चाहिए. दायर याचिकाओं में EWS आरक्षण और न्यायिक सेवा में 27 प्रतिशत ओबीसी आरक्षण,महिला आरक्षण दिए जाने की मांग की गयी थी. याचिका में कहा गया था कि EWS आरक्षण लागू करने से प्रदेश में 60 प्रतिशत आरक्षण प्रभावी हो जाएगा. इसके अलावा हाईकोर्ट में ओबीसी आरक्षण 27 प्रतिशत था. EWS आरक्षण 10 प्रतिशत लागू करने की मांग करते हुए याचिका दायर की गयी थी.
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MPPSC 2018 की सलेक्शन लिस्ट हो सकती है जारी
याचिका पर बुधवार को हुई सुनवाई में युगलपीठ को बताया गया कि प्रदेश सरकार ने MPPSC 2018 की सलेक्शन लिस्ट जारी नहीं की है. न्यायालय ने ओबीसी वर्ग को 27 प्रतिशत आरक्षण देने पर रोक लगाई है. ओबीसी वर्ग को 14 प्रतिशत आरक्षण प्रदान करते हुए सरकार सलेक्शन लिस्ट लिस्ट जारी कर सकती है. युगलपीठ ने सुनवाई के बाद इस बारे में सरकार से जवाब मांगा है. युगलपीठ ने ओबीसी वर्ग को 14 प्रतिशत आरक्षण देने का अंतरित आदेश यथावत रखा है.