जबलपुर। भारतीय उपभोक्ता उत्थान संघ की तरफ से साल 2016 में दायर की गयी याचिका में कहा गया था कि गरीब वर्ग के लिए सरकार द्वारा पीडीएस के तहत राशन का वितरण करती है. पीडीएस साम्रगी के लिए वाहनों को ठेके में लिया जाता है, जिसके लिए टेंडर जारी किया जाता है. माल सप्लाई में पारदर्शिता के लिए वाहनों में जीपीएस लगाने का प्रावधान शर्तों में होने के बावजूद भी उसका पालन नहीं किया जा रहा है.
याचिका में गड़बड़ियों का हवाला दिया : याचिका के साथ सूचना के अधिकार के तहत प्राप्त जानकारी के हवाला देते हुए बताया गया था कि पीडीएस साम्रगी की सप्लाई में जमकर घोटाला हुआ है. गरीब के राशन से भरा ट्रक ही रास्ते में गायब हो गये.
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ये दिया कोर्ट में जवाब : याचिका की सुनवाई के दौरान मध्यप्रदेश स्टेट सिविल सप्लाइज कारपोरेशन की तरफ से बताया गया कि निर्धारित शर्तों के अनुसार ठेकेदारों को खुद के वाहन तथा अनुबंधित वाहनों में जीपीएस लगाने तथा उसकी मॉनिटरिंग के लिए कमांड एव कंट्रोल सेंटर स्थापित करने निर्देश दिये गये हैं. याचिका की सुनवाई के बाद युगलपीठ ने उक्त आदेश जारी किये. याचिकाकर्ता की तरफ से अधिवक्ता नित्यानंद मिश्रा ने पैरवी की. (PDS material supplying vehicles) (GPS not in PDS material vehicles) (Hearing in high court)