जबलपुर। कोरोना की दूसरी लहर में प्रदेश के करीब डेढ़ सौ पुलिस कर्मियों की मौत होने के बाद उनके आश्रितों को 50 लाख की सहायता राशि प्रदान नहीं किये जाने के खिलाफ हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गयी थी. चीफ जस्टिस मोहम्मद रफीक और जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की युगलपीठ ने मामले की प्रारंभिक सुनवाई पर शासन से पूछा है कि कोरोना में जान गंवाने वाले पुलिस कर्मियों के लिये क्या स्कीम है. युगलपीठ ने अनावेदकों को नोटिस जारी कर 21 सितंबर तक जवाब पेश करने के निर्देश दिये है.
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एडवोकेट एहथेसाम हाजमी की तरफ से दायर याचिका में कहा गया है कि कोरोना की दूसरी लहर बहुत ही घातक थी. जिस पर अपने कर्तव्यों का निर्वहन करते हुए करीब डेढ़ सौ पुलिस कर्मियों की मौत हो गई. शासन ने पुलिस कर्मियों को फ्रंट लाईन वर्कस मानते हुए उनके आश्रितों को 50 लाख रुपये का मुआवजा दिये जाने की घोषणा की थी, लेकिन उसका पालन नही किया गया. जिसके कारण उक्त याचिका दायर की गयी है.
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याचिका में कहा गया है कि सरकार ने ऐलान तो किया लेकिन किसी भी मृत कर्मी के परिजनों को उक्त राशि का भुगतान नहीं किया गया. युगलपीठ ने सुनवाई के बाद सरकार को नोटिस जारी कर जवाब पेश करने के निर्देश दिये है. याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता गुनछा रसूल ने पक्ष रखा.