जबलपुर। मध्यप्रदेश में इन्फ्लूएंजा H3N2 की एंट्री हो गई है. इसका पहला केस राजधानी भोपाल में गुरुवार को मिला. इसके बाद शुक्रवार को भी जबलपुर के मेडिकल कॉलेज में भर्ती एक महिला में इस वायरस के लक्षण मिले हैं. जबलपुर स्वास्थ्य विभाग के संयुक्त संचालक डॉ. संजय मिश्रा का कहना है कि यह कोविड-19 से ज्यादा खतरनाक वायरस है क्योंकि इसका संक्रमण रेस्पिरेटरी सिस्टम में तेजी से फैलता है.
ICMR लैब स्थापित: मध्यप्रदेश में H3N2 को लेकर सरकार बेहद गंभीर है. स्वास्थ्य आयुक्त ने इस संबंध में सभी जिलों के सीएमएचओ और सिविल सर्जन को एडवाइजरी जारी की है. डॉ. संजय मिश्रा का कहना है कि शुक्रवार को मेडिकल कॉलेज में भर्ती महिला में इस वायरस के संक्रमण के लक्षण दिखे थे, उसका सैंपल जांच के लिए भेजा गया है. हालांकि, अभी वायरस की पुष्टि नहीं हो पाई है. फिलहाल, जबलपुर में इस वायरस की जांच करने के लिए ICMR लैब स्थापित की गई है. मध्यप्रदेश में केवल 4 ऐसे सेंटर हैं, जहां H3N2 वायरस की जांच की जा सकती है, उनमें से जबलपुर का ICMR एक है.
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कोरोना वायरस जैसी गाइडलाइन: स्वास्थ्य विभाग ने H3N2 वायरस को लेकर गाइडलाइन जारी की है. इसमें कहा गया है कि जिस तरीके से कोरोना वायरस के दौरान लोगों ने कोविड-19 गाइडलाइन का पालन किया था, उसी तरीके से H3N2 की गाइडलाइन का भी पालन करना होगा. हालांकि, ऐसा कहा जा रहा है कि ये वायरस हिट रेजिस्टेंस नहीं है. मतलब अगर गर्मी बढ़ेगी तो वायरस की सक्रियता कम हो सकती है जबकि कोरोना वायरस में ठीक उल्टा था. जैसे-जैसे गर्मी बढ़ी थी, वायरस का संक्रमण और अधिक बढ़ गया था.