ETV Bharat / state

Gwalior सीवर चैंबर हादसे की HC में सुनवाई, राज्य सरकार ने जवाब पेश कर बताया - जनमानस की राय लेने को ड्रॉफ्ट अपलोड

author img

By

Published : Aug 4, 2023, 6:46 PM IST

ग्वालियर के बिरला नगर में सीवर चैंबर हादसे को लेकर हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. इस बारे में राज्य सरकार की तरफ से जानकारी पेश की गई. सरकार ने हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रवि विजय कुमार मलिमठ तथा जस्टिस विशाल मिश्रा की युगलपीठ के समक्ष बताया कि सीवर चैंबर के संबंध में डॉफ्ट तैयार कर जनमानस के राय के लिए अपलोड कर दिया गया है.

Gwalior sewer chamber accident Hearing in HC
Gwalior सीवर चैंबर हादसे की HC में सुनवाई

जबलपुर। ग्वालियर के बिरला नगर में सीवर चैंबर की सफाई के दौरान जहरीली गैस के रिसाव होने से दो श्रमिकों की मौत हो गई थी. इस मामले को हाईकोर्ट ने सुनवाई जनहित याचिका के रूप में करने के निर्देश दिये थे. सरकार द्वारा दिए गए जवाब में कोर्ट को बताया गया कि डॉफ्ट के अनुसार सीवर चैंबर नौ मैन होल होंगे. सफाई के लिए सिर्फ मशीन होल होंगे. संज्ञान याचिका में कहा गया था कि यह एक दिल दहलाने वाली घटना है. सीवर चैंबर साफ करने गये दो मजदूर जहरीली गैस के रिसाव की चपेट में आ गए. बचाव के प्रयास के बावजूद भी मदद पहुंचने से पहले उनकी मौत हो गई. इसी तरह की घटनाएं मध्य प्रदेश में कई जगहों पर हुई हैं.

याचिका में ये कहा : याचिका में ये भी कहा गया कि गरीब श्रमिकों को गटर या सीवर लाइन में प्रवेश करने के लिए भेजते समय उचित उपकरण उपलब्ध नहीं कराए जाते. इस बात पर जोर देने की जरूरत नहीं है कि ऐसे कर्मचारी समाज के निचले तबके से आते हैं. मानवीय गरिमा एक अपरिहार्य अधिकार है, जो भारत के संविधान के अनुसार जीवन के मौलिक अधिकार का एक हिस्सा है. गरिमा का तात्पर्य समान व्यवहार और कानून की सुरक्षा तथा समान सम्मान से है. सर्वोच्च न्यायालय ने केंद्र शासित प्रदेशों और राज्य सरकारों को मैनुअल स्कैवेंजर्स के रोजगार और शुष्क शौचालयों के निर्माण (निषेध) अधिनियम, 1993 को सख्ती से लागू करने के संबंध में आदेश जारी किये थे.

ये खबरें भी पढ़ें...

सुरक्षा उपकरणों का उपयोग आवश्यक : याचिका की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि मैनुअल स्कैवेंजिंग से संबंधित कानून सीवेज, नाली, सैप्टिक टैंक को साफ करने के लिए उतरने से पहले सुरक्षा उपकरणों का उपयोग करना आवश्यक है. अफ़सोस की बात यह है कि यदि कोई व्यक्ति सुरक्षात्मक गियर पहनता है और उचित सुरक्षा सावधानियां बरतता है और उसके पास उचित उपकरण हैं तो उसे मैनुअल स्कैवेंजर नहीं माना जाएगा. सीवर चैंबर में जहरीली गैस के रिसाव के कारण श्रमिकों की दुखद हानि अंतर्निहित जोखिमों और कार्यस्थल सुरक्षा के सर्वोपरि महत्व की एक मार्मिक याद दिलाती है.

जबलपुर। ग्वालियर के बिरला नगर में सीवर चैंबर की सफाई के दौरान जहरीली गैस के रिसाव होने से दो श्रमिकों की मौत हो गई थी. इस मामले को हाईकोर्ट ने सुनवाई जनहित याचिका के रूप में करने के निर्देश दिये थे. सरकार द्वारा दिए गए जवाब में कोर्ट को बताया गया कि डॉफ्ट के अनुसार सीवर चैंबर नौ मैन होल होंगे. सफाई के लिए सिर्फ मशीन होल होंगे. संज्ञान याचिका में कहा गया था कि यह एक दिल दहलाने वाली घटना है. सीवर चैंबर साफ करने गये दो मजदूर जहरीली गैस के रिसाव की चपेट में आ गए. बचाव के प्रयास के बावजूद भी मदद पहुंचने से पहले उनकी मौत हो गई. इसी तरह की घटनाएं मध्य प्रदेश में कई जगहों पर हुई हैं.

याचिका में ये कहा : याचिका में ये भी कहा गया कि गरीब श्रमिकों को गटर या सीवर लाइन में प्रवेश करने के लिए भेजते समय उचित उपकरण उपलब्ध नहीं कराए जाते. इस बात पर जोर देने की जरूरत नहीं है कि ऐसे कर्मचारी समाज के निचले तबके से आते हैं. मानवीय गरिमा एक अपरिहार्य अधिकार है, जो भारत के संविधान के अनुसार जीवन के मौलिक अधिकार का एक हिस्सा है. गरिमा का तात्पर्य समान व्यवहार और कानून की सुरक्षा तथा समान सम्मान से है. सर्वोच्च न्यायालय ने केंद्र शासित प्रदेशों और राज्य सरकारों को मैनुअल स्कैवेंजर्स के रोजगार और शुष्क शौचालयों के निर्माण (निषेध) अधिनियम, 1993 को सख्ती से लागू करने के संबंध में आदेश जारी किये थे.

ये खबरें भी पढ़ें...

सुरक्षा उपकरणों का उपयोग आवश्यक : याचिका की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि मैनुअल स्कैवेंजिंग से संबंधित कानून सीवेज, नाली, सैप्टिक टैंक को साफ करने के लिए उतरने से पहले सुरक्षा उपकरणों का उपयोग करना आवश्यक है. अफ़सोस की बात यह है कि यदि कोई व्यक्ति सुरक्षात्मक गियर पहनता है और उचित सुरक्षा सावधानियां बरतता है और उसके पास उचित उपकरण हैं तो उसे मैनुअल स्कैवेंजर नहीं माना जाएगा. सीवर चैंबर में जहरीली गैस के रिसाव के कारण श्रमिकों की दुखद हानि अंतर्निहित जोखिमों और कार्यस्थल सुरक्षा के सर्वोपरि महत्व की एक मार्मिक याद दिलाती है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.