ETV Bharat / state

अगर ऐसा हर शिक्षक करे तो मिट जाएगा सरकारी स्कूल में घटिया पढ़ाई का मिथक - Jabalpur news

लॉकडाउन में जहां स्कूल बंद हैं गरीब लोगों के पास मोबाइल नहीं है, जबलपुर की सरकारी शिक्षिका राखी बंशकार गरीब बच्चों को घर-घर जाकर पढ़ा रही हैं. सरकारी सेवा में ऐसे उदाहरण कम देखने को मिलते हैं.

Rakhi is teaching children from house to house
घर घर शिक्षा
author img

By

Published : Jul 15, 2020, 8:00 PM IST

जबलपुर। पेशे से सरकारी शिक्षक राखी वंशकार जबलपुर के घमापुर में एक बेहद ही गरीब बस्ती में रहती हैं, जहां ज्यादातर लोग अनपढ़ हैं और बांस से सामान बनाने का काम करते हैं. इन लोगों के पास न स्मार्टफोन हैं और न ही ऑनलाइन पढ़ाई के लिए इंटरनेट का कोई साधन, ऐसे में राखी इन बच्चों को घर-घर जाकर पढ़ा रही हैं.

राखी की क्लास और उम्मीद
इन दिनों लॉकडाउन चल रहा है कोरोना वायरस की वजह से ज्यादातर लोग घरों में दुबके हैं, बच्चे स्कूल नहीं जा पा रहे हैं और बच्चों की पढ़ाई का नुकसान हो रहा है. कहीं ऑनलाइन पढ़ाई चल रही है, लेकिन सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले कई बच्चे ऐसे भी हैं, जिनके घरों में मोबाइल नहीं है. उनके सामने पढ़ाई-लिखाई की समस्या ज्यादा बड़ी है. ऐसे ही एक मोहल्ले में एक सरकारी शिक्षक राखी बंशकार रहती हैं. राखी अपना शिक्षक होने का कर्तव्य निभाते हुए मोहल्ले के सभी बच्चों को पढ़ा रही हैं.

पढ़ें: कोरोना महामारी के दौरान छात्रों के नुकसान की भरपाई के लिए घर तक पहुंचाई जा रही किताबें

राखी कुछ होशियार बच्चों को छोटे बच्चों को पढ़ाने की जिम्मेदारी सौंपी है. घमापुर शहर का बेहद गरीब इलाका है. यहां पर ज्यादातर लोग बांस के सामान बनाकर बेजते हैं. राखी खुद भी बंशकार हैं और इस गरीबी को समझती हैं, इसलिए वे इन बच्चों को पढ़ाई के प्रति प्रेरित कर रही हैं. लॉकडाउन में बच्चे स्कूल नहीं जा पा रहे हैं, लेकिन राखी की वजह से इनकी पढ़ाई में कोई रुकावट नहीं आ रही है और राखी मोहल्ले के बच्चों को उनके घरों में ही जाकर शिक्षा देने की कोशिश कर रही हैं.

पढ़ें: बैलगाड़ी से किताबें लेकर पहुंचा शिक्षक, ताकि बच्चे पढ़ सकें

राखी का प्रयास सराहनीय है, क्योंकि सरकारी शिक्षक पढ़ाई ना करवाने के लिए बदनाम हैं. ऐसे में राखी जो कर रही हैं वह थोड़ा सा लीक से हटकर है, यदि दूसरे शिक्षक भी इसी तरीके से अपने आस-पास में शिक्षा का उजाला फैलाएं तो अज्ञान का अंधकार खत्म किया जा सकता है.

जबलपुर। पेशे से सरकारी शिक्षक राखी वंशकार जबलपुर के घमापुर में एक बेहद ही गरीब बस्ती में रहती हैं, जहां ज्यादातर लोग अनपढ़ हैं और बांस से सामान बनाने का काम करते हैं. इन लोगों के पास न स्मार्टफोन हैं और न ही ऑनलाइन पढ़ाई के लिए इंटरनेट का कोई साधन, ऐसे में राखी इन बच्चों को घर-घर जाकर पढ़ा रही हैं.

राखी की क्लास और उम्मीद
इन दिनों लॉकडाउन चल रहा है कोरोना वायरस की वजह से ज्यादातर लोग घरों में दुबके हैं, बच्चे स्कूल नहीं जा पा रहे हैं और बच्चों की पढ़ाई का नुकसान हो रहा है. कहीं ऑनलाइन पढ़ाई चल रही है, लेकिन सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले कई बच्चे ऐसे भी हैं, जिनके घरों में मोबाइल नहीं है. उनके सामने पढ़ाई-लिखाई की समस्या ज्यादा बड़ी है. ऐसे ही एक मोहल्ले में एक सरकारी शिक्षक राखी बंशकार रहती हैं. राखी अपना शिक्षक होने का कर्तव्य निभाते हुए मोहल्ले के सभी बच्चों को पढ़ा रही हैं.

पढ़ें: कोरोना महामारी के दौरान छात्रों के नुकसान की भरपाई के लिए घर तक पहुंचाई जा रही किताबें

राखी कुछ होशियार बच्चों को छोटे बच्चों को पढ़ाने की जिम्मेदारी सौंपी है. घमापुर शहर का बेहद गरीब इलाका है. यहां पर ज्यादातर लोग बांस के सामान बनाकर बेजते हैं. राखी खुद भी बंशकार हैं और इस गरीबी को समझती हैं, इसलिए वे इन बच्चों को पढ़ाई के प्रति प्रेरित कर रही हैं. लॉकडाउन में बच्चे स्कूल नहीं जा पा रहे हैं, लेकिन राखी की वजह से इनकी पढ़ाई में कोई रुकावट नहीं आ रही है और राखी मोहल्ले के बच्चों को उनके घरों में ही जाकर शिक्षा देने की कोशिश कर रही हैं.

पढ़ें: बैलगाड़ी से किताबें लेकर पहुंचा शिक्षक, ताकि बच्चे पढ़ सकें

राखी का प्रयास सराहनीय है, क्योंकि सरकारी शिक्षक पढ़ाई ना करवाने के लिए बदनाम हैं. ऐसे में राखी जो कर रही हैं वह थोड़ा सा लीक से हटकर है, यदि दूसरे शिक्षक भी इसी तरीके से अपने आस-पास में शिक्षा का उजाला फैलाएं तो अज्ञान का अंधकार खत्म किया जा सकता है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.