जबलपुर। मध्य प्रदेश आ रहे ऑक्सीजन टैंकर को उत्तर प्रदेश में रोके जाने पर हाईकोर्ट ने संज्ञान लेते हुए इस सरकार को निर्देश दिए हैं. हाईकोर्ट ने सरकार को कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि इस तरह की घटना दोबारा न हो. बता दें कि यूपी में गाजियाबाद, मोदीनगर और झांसी के अफसरों ने एमपी आ रहे ऑक्सीजन टैंकर को रोका था. इस कारण सैकड़ों मरीजों को समय पर ऑक्सीजन नहीं मिल पाई थी.
एमपी सरकार से मांगा विस्तृत जवाब
कोरोना संक्रमण को लेकर मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में जारी सुनवाई पर सोमवार को नई हस्तक्षेप याचिकाएं प्रस्तुत की गई थी. जिसमें पूर्व महाधिवक्ता आनंद मोहन माथुर ने हाईकोर्ट के समक्ष उत्तर प्रदेश में रोके गए ऑक्सिजन टैंकरों के मामले को उठाया था. सुनवाई के दौरान यह भी बताया गया कि हाईकोर्ट द्वारा इस मामले में पिछले दिनों जारी 19 बिंदुओं के दिशा-निर्देशों का भी पालन नहीं किया जा रहा है. जिस पर हाईकोर्ट ने मध्य प्रदेश सरकार को निर्देश दिए हैं कि वह इस मामले पर अगली सुनवाई में विस्तृत जवाब प्रस्तुत करें.
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कालाबाजारी पर सख्ती के निर्देश
सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने मध्य प्रदेश में हो रही रेमडेसिविर की कालाबाजारी पर भी सरकार को निर्देश दिए हैं. हाई कोर्ट चीफ जस्टिस की डिवीजन बेंच ने निर्देश दिए हैं कि सरकार ऐसे मामलों में अपराधियों पर सख्त से सख्त कार्रवाई सुनिश्चित करें. हो सके तो NSA जैसी कार्यवाही करते हुए तत्काल ऐसे अपराधियों को जेल भेजा जाए. हाई कोर्ट द्वारा इस मामले पर स्वत संज्ञान याचिका समेत अन्य याचिकाओं पर अब 28 अप्रैल को सुनवाई तय की है. इस दिन सबसे पहले कोरोना संबंधी मामलों पर हाई कोर्ट चीफ जस्टिस की बेंच सुनवाई करेगी.