जबलपुर। पुलिस आरक्षक भर्ती परीक्षा के मामले को लेकर कुंजबिहारी पटले की ओर से हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी. इसमें उसे फिजिकल परीक्षा में शामिल करने से यह कहते हुए रोक दिया गया था कि उसके पास रोजगार कार्यालय का जीवित पंजीयन नहीं है. आवेदक की ओर से कहा गया कि फिजिकल परीक्षा 2 जून से 29 जून 22 निर्धारित की गई थी. जिसे 26 जून को ही समाप्त कर दिया गया.
5 हजार से ज्यादा अभ्यर्थी बाहर कर दिए : मध्यप्रदेश पुलिस भर्ती में सिर्फ मध्यप्रदेश के मूल निवासियों को ही रोजगार कार्यालय का जीवित पंजीयन की शर्त रखी गई थी. अन्य राज्यों के अभ्यर्थियों को नहीं. इस प्रकार लगभग 5 हजार से ज्यादा अभ्यर्थी बाहर कर दिए गए है, जिनके पास रोजगार कार्यालय का जीवित पंजीयन नहीं था.
डीजीपी को हाइकोर्ट ने दिया आदेश : सुनवाई के बाद न्यायालय ने याचिका स्वीकार करते हुए स्पष्ट किया कि सुप्रीम कोर्ट कई मामलों में स्पष्ट कर चुका है कि रोजगार पंजीयन नियोजन की आवश्यक योग्यता नहीं है. इसलिए इस याचिका को स्वीकार किया जाता है. पुलिस महानिदेशक को आदेशित किया जाता है कि याचिकाकर्ता का अलग से तारीक निर्धारित करके फिजीकल परीक्षा कराएं. याचिकाकर्ता की ओर से पैरवी अधिवक्ता रामेश्वर सिंह ठाकुर व रामभजन लोधी ने की. (Physical test for deprived candidates) (Police constable recruitment exam)