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नकली इंजेक्शन की वजह से मारे गए लोगों को फ्री कानूनी मदद

जिले के युवा अधिवक्ताओं ने फैसला किया है कि जिन परिवार के सदस्यों की मौत नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन के कारण हुई है, उनका केस निःशुल्क लड़ेंगे।

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Published : May 14, 2021, 11:00 PM IST

जबलपुर। सिटी अस्पताल मे कोरोना संक्रमित मरीजों को नकली रेमडीसिवीर इंजेक्शन लगाने और बड़ी तादाद में मरीजों की मौतों की शिकायते सामने आ रही है, लेकिन कई परिवार आर्थिक स्थिति ठीक न होने की वजह से ऐसे मामले अदालत तक नहीं ले जा पा रहे हैं. इस वजह से जबलपुर के युवा अधिवक्ताओं ने निर्णय लिया है कि वे उन मरीजों के परिजनों का केस निःशुल्क लड़ेंगे जिनका निधन सिटी हॉस्पिटल में इलाज के दौरान हुआ था.

फ्री कानूनी मदद
  • युवा अधिवक्ता निःशुल्क करेंगे पैरवी

युवा अधिवक्ताओं ने पीड़ित परिजनों से अपील की है कि वह युवा अधिवक्ताओं से संपर्क करें. जिससे उनके मामले अदालत में फाइल किए जा सके और इसके बाद फिर अदालत में ऐसे मामलों की पैरवी की जा सके. युवा अधिवक्ताओं ने बताया कि ऐसे मामले फाइल करने से लेकर पूरी पैरवी निःशुल्क की जाएगी, पीड़ित परिजनों से इस संबंध में कोई भी शुल्क नहीं लिया जाएगा. क्योंकि पीड़ित परिजन पहले से ही अपनों को खो देने की वजह से बेहद परेशानी का सामना कर रहे हैं.

इसलिए अदालती कार्रवाई में आने वाला पूरा खर्च युवा अधिवक्ता ही वहन करेंगे. ऐसे मामले जिला अदालत में या फिर हाई कोर्ट में पेश किए जाएंगे. दरअसल जिन लोगों के परिवारजनों की सिटी अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हुई हैं. वह सामने आने लगे हैं और हो सकता है कि लॉकडाउन खुलने पर यह मुद्दा एक सामाजिक आंदोलन बन जाए.

जबलपुर। सिटी अस्पताल मे कोरोना संक्रमित मरीजों को नकली रेमडीसिवीर इंजेक्शन लगाने और बड़ी तादाद में मरीजों की मौतों की शिकायते सामने आ रही है, लेकिन कई परिवार आर्थिक स्थिति ठीक न होने की वजह से ऐसे मामले अदालत तक नहीं ले जा पा रहे हैं. इस वजह से जबलपुर के युवा अधिवक्ताओं ने निर्णय लिया है कि वे उन मरीजों के परिजनों का केस निःशुल्क लड़ेंगे जिनका निधन सिटी हॉस्पिटल में इलाज के दौरान हुआ था.

फ्री कानूनी मदद
  • युवा अधिवक्ता निःशुल्क करेंगे पैरवी

युवा अधिवक्ताओं ने पीड़ित परिजनों से अपील की है कि वह युवा अधिवक्ताओं से संपर्क करें. जिससे उनके मामले अदालत में फाइल किए जा सके और इसके बाद फिर अदालत में ऐसे मामलों की पैरवी की जा सके. युवा अधिवक्ताओं ने बताया कि ऐसे मामले फाइल करने से लेकर पूरी पैरवी निःशुल्क की जाएगी, पीड़ित परिजनों से इस संबंध में कोई भी शुल्क नहीं लिया जाएगा. क्योंकि पीड़ित परिजन पहले से ही अपनों को खो देने की वजह से बेहद परेशानी का सामना कर रहे हैं.

इसलिए अदालती कार्रवाई में आने वाला पूरा खर्च युवा अधिवक्ता ही वहन करेंगे. ऐसे मामले जिला अदालत में या फिर हाई कोर्ट में पेश किए जाएंगे. दरअसल जिन लोगों के परिवारजनों की सिटी अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हुई हैं. वह सामने आने लगे हैं और हो सकता है कि लॉकडाउन खुलने पर यह मुद्दा एक सामाजिक आंदोलन बन जाए.

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