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जबलपुर: आयुध निर्माणी खमरिया के हैंड ग्रेनेड टेस्टिंग में हुए फेल, फैक्ट्री प्रबंधन में मचा हड़कंप - Ordnance Factory Khamaria

आयुध निर्माणी खमरिया में हैंडग्रेनेड के फ्यूज टेस्टिंग में ही फेल हो गए. जिसके बाद मिनिस्ट्री ऑफ होम अफेयर्स के अधिकारियों की टीम ने परीक्षण किया तो 13 में से 9 लाट गुणवत्ता में खरे नहीं उतरे. जिसने फैक्ट्री प्रबंधन पर प्रश्न चिन्ह खड़ा हो गया है.

Failed in handgrenade testing made at OFK factory in jabalpur
ओएफके फेक्ट्री में बने हैंडग्रेनेड टेस्टिंग में हुए फेल
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Published : Dec 3, 2019, 8:30 PM IST

जबलपुर। भारतीय सेना को सबसे ज्यादा तादाद में गोला बारूद की सप्लाई करने वाली आयुध निर्माणी खमरिया गुणवत्ता कटघरे में आ गई है. जहां हैंड ग्रेनेड के फ्यूज टेस्टिंग में ही फेल हो गए. जिसके बाद मिनिस्ट्री ऑफ होम अफेयर्स के अधिकारियों की टीम ने परीक्षण किया तो, 13 में से 9 लाट गुणवत्ता में खरे नहीं उतरे. फैक्ट्री प्रबंधन में हड़कंप मचा हुआ है.

आयुध निर्माणी खमरिया के हैंड ग्रेनेड टेस्टिंग में हुए फेल

सूत्रों के अनुसार बारिश के दिनों में लापरवाही के कारण मटेरियल की क्वालिटी खराब हो गई है. इस मामले में फैक्ट्री प्रबंधक कुछ भी बोलने को तैयार नहीं हैं. वहीं कर्मचारी नेता अरुण दुबे ने इसके लिए प्रबंधन को जिम्मेदार ठहराया है और फैक्ट्री प्रबंधन पर अपनी नाकामी कर्मचारियों पर थोपने का आरोप लगाया है.

दरअसल, हैंड ग्रेनेड के 13 लॉट की सप्लाई बीएसएफ को की जानी थी, लेकिन इनमें से 9 लॉट सही तरह से काम नहीं कर पाए. जिसके बाद हैंड ग्रेनेड को डिस्पैच करने की प्रक्रिया रोक दी गई है.

जबलपुर। भारतीय सेना को सबसे ज्यादा तादाद में गोला बारूद की सप्लाई करने वाली आयुध निर्माणी खमरिया गुणवत्ता कटघरे में आ गई है. जहां हैंड ग्रेनेड के फ्यूज टेस्टिंग में ही फेल हो गए. जिसके बाद मिनिस्ट्री ऑफ होम अफेयर्स के अधिकारियों की टीम ने परीक्षण किया तो, 13 में से 9 लाट गुणवत्ता में खरे नहीं उतरे. फैक्ट्री प्रबंधन में हड़कंप मचा हुआ है.

आयुध निर्माणी खमरिया के हैंड ग्रेनेड टेस्टिंग में हुए फेल

सूत्रों के अनुसार बारिश के दिनों में लापरवाही के कारण मटेरियल की क्वालिटी खराब हो गई है. इस मामले में फैक्ट्री प्रबंधक कुछ भी बोलने को तैयार नहीं हैं. वहीं कर्मचारी नेता अरुण दुबे ने इसके लिए प्रबंधन को जिम्मेदार ठहराया है और फैक्ट्री प्रबंधन पर अपनी नाकामी कर्मचारियों पर थोपने का आरोप लगाया है.

दरअसल, हैंड ग्रेनेड के 13 लॉट की सप्लाई बीएसएफ को की जानी थी, लेकिन इनमें से 9 लॉट सही तरह से काम नहीं कर पाए. जिसके बाद हैंड ग्रेनेड को डिस्पैच करने की प्रक्रिया रोक दी गई है.

Intro:जबलपुर
भारत पाकिस्तान के सरहदी इलाकों पर कहर बरपाने वाले हैंडग्रेनेड के फ्यूज टेस्टिंग में ही फेल हो गए हैं। मिनिस्ट्री ऑफ होम अफेयर्स के अधिकारियों की टीम के सामने जब परीक्षण किया गया तो 13 में से 9 लाट क्वालिटी में खरे नहीं उतरे रिपोर्ट आने के बाद से अब निर्माणी में हड़कंप मचा हुआ है।


Body:भारतीय सेना को सबसे ज्यादा तादाद में गोला-बारूद की सप्लाई करने वाली जबलपुर की आयुध निर्माणी खमरिया गुणवत्ता के मामले में कटघरे में आ गई है।फैक्टरी के फीलिंग 13 सेक्सन में तैयार होने वाले हैंडग्रेनेड के डिले ट्यूब की क्वालिटी टेस्टिंग में सफल साबित नहीं हो पाई। दर्शल बीएसएफ को 13 लॉट की सप्लाई की जानी थी। सूत्रों का कहना है कि टेस्टिंग की गई तो इनमें से नौ लाट सही तरह से काम ही नहीं कर पाए।जानकारों का कहना है कि इस वजह से हैंडग्रेनेड की डिस्पैच करने की प्रक्रिया रोक दी गई है।


Conclusion:सूत्र यह भी बताते हैं कि हाल ही में बारिश के दिनों में हुई लापरवाही के कारण मटेरियल की क्वालिटी में फर्क आ गया है। इधर इस पूरे मामले में जहां फैक्ट्री प्रबंधक कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है।तो वहीं कर्मचारी नेता ने इस नाकामी को जबरन कर्मचारियों पर थोपने की बात कही है।बहरहाल हैंड ग्रेनेड के फ्यूज टेस्टिंग में ही फेल हो जाने के बाद से निर्माणी में हड़कंप मचा हुआ है। कहा यह भी जा रहा है कि जिस तरह से मिनिस्ट्री ऑफ होम अफेयर्स के सामने यह कमी सामने आई है यह फैक्ट्री प्रशासन की बड़ी नाकामी है।
बाईट.1- अरुण दुबे...... कर्मचारी नेता
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