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राहत की खबर! MP में घट सकते हैं बिजली की दरें, जानिए क्या है वजह

मध्यप्रदेश में बिजली बिल की दरों में गुजरात और महाराष्ट्र के मुकाबले कम इजाफा किया गया है. यह दावा किसी और ने नहीं बल्कि एमपी के ऊर्जा सचिव संजय दुबे ने किया है.

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घट सकते हैं बिजली के दाम
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Published : May 1, 2023, 9:55 PM IST

Updated : May 1, 2023, 10:11 PM IST

ऊर्जा सचिव संजय दुबे का दावा

जबलपुर। मध्य प्रदेश के ऊर्जा सचिव संजय दुबे आज जबलपुर पहुंचे. जहां उन्होंने दावा है कि इस साल महाराष्ट्र ने बिजली बिल की दरों में 15% का इजाफा किया है. वहीं गुजरात में लगभग 60% बिजली के रेट बढ़ाए हैं, लेकिन मध्यप्रदेश में मात्र 1.5% ही बिजली के दामों में इजाफा किया है. ऊर्जा सचिव का कहना कि यदि हम फायदे में रहे तो बिजली के दाम घटाए भी जा सकते हैं.

1200 करोड़ का फायदा: आज जबलपुर में पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के 21 जिलों के इंजीनियर स्तर के अधिकारी जबलपुर में इकट्ठा हुए थे. इनसे मध्य प्रदेश सरकार के ऊर्जा सचिव संजय दुबे ने चर्चा की. मध्य प्रदेश पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी ने बीते 1 साल में अपनी ट्रांसमिशन लॉस 41% से घटाकर लगभग 17% तक पहुंचा दिया है. इसकी वजह से विद्युत वितरण कंपनी को लगभग 12000 करोड़ रुपए का फायदा हुआ है. संजय दुबे का दावा है कि भारत भर में कहीं पर भी इतने बड़े पैमाने पर लाइन लॉस कम नहीं हुए हैं. इसी की वजह से मध्यप्रदेश के पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी के मॉडल को पूरा देश उम्मीद की निगाहों से देख रहा है. सभी लोग यह जानने की कोशिश कर रहे हैं की लाइन लॉस 41 से 70% पर कैसे पहुंचे. संजय दुबे का कहना है कि वे इसे 15% तक लाने की कोशिश करेंगे.

लाइन लॉस क्या होता है: लाइन लॉस का मतलब होता है कि यदि किसी पावर प्लांट से 100% बिजली निकलती है, लेकिन रास्ते में बिजली का बहुत नुकसान होता है और वह जब लोगों के घरों और कारखानों तक पहुंचती है, तो पहले मध्य प्रदेश में 100 में से मात्र 51% बिजली ही घरों और कारखानों तक पहुंच पाती थी. बाकी बिजली या तो खराब उपकरणों की वजह से बर्बाद हो जाती थी या बिजली की कुछ चोरी हो जाती थी. संजय दुबे का कहना है कि उन्होंने इन्हीं दोनों क्षेत्रों में काम किया. कुछ बिजली चोरी रोकी गई है और बड़े पैमाने पर विद्युत वितरण करने वाले उपकरणों को ठीक किया गया है. इसकी वजह से लाइन लॉस घट गए हैं. इसका एक बड़ा कारण जीआईएस सिस्टम भी है. जिसके तहत पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी ने अपनी हर लाइन और हर पोल की जिओ मैपिंग कर रखी है.

कुछ खबर यहां पढ़ें

एमपी में ऐसी कोई स्थिति नहीं: देश के कई इलाकों में विद्युत वितरण का काम निजी हाथों में चला गया है, लेकिन ऊर्जा सचिव संजय दुबे का कहना है कि मध्यप्रदेश में फिलहाल ऐसी कोई संभावना नहीं है. हम फायदे में हैं और सहज ही फायदे का सिस्टम किसी को नहीं दिया जाएगा.

ऊर्जा सचिव संजय दुबे का दावा

जबलपुर। मध्य प्रदेश के ऊर्जा सचिव संजय दुबे आज जबलपुर पहुंचे. जहां उन्होंने दावा है कि इस साल महाराष्ट्र ने बिजली बिल की दरों में 15% का इजाफा किया है. वहीं गुजरात में लगभग 60% बिजली के रेट बढ़ाए हैं, लेकिन मध्यप्रदेश में मात्र 1.5% ही बिजली के दामों में इजाफा किया है. ऊर्जा सचिव का कहना कि यदि हम फायदे में रहे तो बिजली के दाम घटाए भी जा सकते हैं.

1200 करोड़ का फायदा: आज जबलपुर में पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के 21 जिलों के इंजीनियर स्तर के अधिकारी जबलपुर में इकट्ठा हुए थे. इनसे मध्य प्रदेश सरकार के ऊर्जा सचिव संजय दुबे ने चर्चा की. मध्य प्रदेश पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी ने बीते 1 साल में अपनी ट्रांसमिशन लॉस 41% से घटाकर लगभग 17% तक पहुंचा दिया है. इसकी वजह से विद्युत वितरण कंपनी को लगभग 12000 करोड़ रुपए का फायदा हुआ है. संजय दुबे का दावा है कि भारत भर में कहीं पर भी इतने बड़े पैमाने पर लाइन लॉस कम नहीं हुए हैं. इसी की वजह से मध्यप्रदेश के पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी के मॉडल को पूरा देश उम्मीद की निगाहों से देख रहा है. सभी लोग यह जानने की कोशिश कर रहे हैं की लाइन लॉस 41 से 70% पर कैसे पहुंचे. संजय दुबे का कहना है कि वे इसे 15% तक लाने की कोशिश करेंगे.

लाइन लॉस क्या होता है: लाइन लॉस का मतलब होता है कि यदि किसी पावर प्लांट से 100% बिजली निकलती है, लेकिन रास्ते में बिजली का बहुत नुकसान होता है और वह जब लोगों के घरों और कारखानों तक पहुंचती है, तो पहले मध्य प्रदेश में 100 में से मात्र 51% बिजली ही घरों और कारखानों तक पहुंच पाती थी. बाकी बिजली या तो खराब उपकरणों की वजह से बर्बाद हो जाती थी या बिजली की कुछ चोरी हो जाती थी. संजय दुबे का कहना है कि उन्होंने इन्हीं दोनों क्षेत्रों में काम किया. कुछ बिजली चोरी रोकी गई है और बड़े पैमाने पर विद्युत वितरण करने वाले उपकरणों को ठीक किया गया है. इसकी वजह से लाइन लॉस घट गए हैं. इसका एक बड़ा कारण जीआईएस सिस्टम भी है. जिसके तहत पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी ने अपनी हर लाइन और हर पोल की जिओ मैपिंग कर रखी है.

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एमपी में ऐसी कोई स्थिति नहीं: देश के कई इलाकों में विद्युत वितरण का काम निजी हाथों में चला गया है, लेकिन ऊर्जा सचिव संजय दुबे का कहना है कि मध्यप्रदेश में फिलहाल ऐसी कोई संभावना नहीं है. हम फायदे में हैं और सहज ही फायदे का सिस्टम किसी को नहीं दिया जाएगा.

Last Updated : May 1, 2023, 10:11 PM IST
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