जबलपुर। जबलपुर में लोग आए दिन पावर कट से परेशान है. जहां बारिश के बाद बिजली की ट्रिपिंग होना आम बात हो गई है. जरा सी तेज हवा चली और शहर में बिजली गुल हो जाती है. कई इलाकों में तो बिजली घंटों तक नहीं आती है. ईटीवी भारत ने पड़ताल की तो पता चला कि बिजली विभाग में बहुत सारे काम विभागीय लोगों की जगह निजी लोगों से करवाए जा रहे हैं और नई भर्ती नहीं की जा रही है. जिससे बिजली के फॉल्ट सुधारने में काफी वक्त लग जाता है.
अधिकारियों का कहना है पेड़ पौधों की वजह से होने वाली ट्रिपिंग के चलते दिन भर में औसतन 24 से ज्यादा शिकायतें आती हैं. शहर में बिजली विभाग के पास पर्याप्त टीम है. जो 24 घंटे इन शिकायतों को दूर करती है और विभाग का दावा है कि किसी भी शिकायत को दूर करने में 1 घंटे से ज्यादा का समय नहीं लगता. लेकिन लोगों का कहना है कि यदि फॉल्ट आता है तो कई घंटों तक बिजली बंद रहती है. बिजली कंपनियों के पास ट्रेंड कर्मचारियों की संख्या कम है. जिसके चलते फॉल्ट सुधारने में देरी होती है.
फॉल्ट सुधारने के लिए की जा रही पेड़ों की कटाई
बिना बिजली के शहरी जीवन की कल्पना तक नहीं की जा सकती. शहरों में कई जगहों पर इतनी घनी बसाहट है कि दिन के समय में बिना बिजली के तो यहां रोशनी तक नहीं रहती. इसके अलावा भी बिजली की हर पल जरूरत पड़ती है. बारिश में सबसे ज्यादा समस्या पेड़ पौधों के बढ़ जाने से होती है. कई जगहों पर बिजली की लाइन के ठीक साइड में इतने बड़े पेड़ हैं कि उनके हिलने से बिजली की तार टूट जाती है या कनेक्शन लूज पड़ जाते हैं. इसलिए मानसून के ठीक बाद मेंटेनेंस किया जाता है, जिसका काम फिलहाल जबलपुर में चल रहा है. इसके लिए शहर के अलग-अलग इलाकों में लगभग पांच-पांच घंटों तक बिजली बंद की जा रही है और पेड़ पौधों को काटा जा रहा है. इसके लिए अत्याधुनिक मशीनों का भी इस्तेमाल किया जा रहा है. कई जगहों पर बिजली के तार खराब हो गए हैं और कई जगहों पर ट्रांसफार्मर बदलने पड़े हैं.