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नस में दौड़ रहा नशा! संस्कारधानी में सौदागरों ने नए फैशन का किया इजाद

मध्यप्रदेश की संस्कारधानी जबलपुर में नशे के सौदागरों ने नशीले इंजेक्शन्स की मंडी बना दिया है. एनडीपीएस एक्ट की सख्त सजा से बचने के लिए अब यहां चरस, गांजा, अफीम, स्मैक की बजाय नशीले इंजेक्शन्स का इस्तेमाल ज्यादा हो रहा है.

Jabalpur Black business injection
नस में दौड़ रहा नशा
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Published : Jan 21, 2023, 7:41 PM IST

जबलपुर बना नशीले इंजेक्शन्स की मंडी

जबलपुर। युवाओं की रगों में नशा दौड़ रहा है, जिंदगी को मौत के मुहाने पर पहुंचाया जा रहा है. नशे का अवैध कारोबार करने वालों पर पुलिस कार्रवाई भी कर रही है और जागरूकता अभियान भी चलाए जा रहे हैं, बावजूद इसके नशे की प्रवृत्ति कम नहीं हो रही है. ऐसे कई मामले सामने आए हैं, जब नशे ने जिंदगी छीन ली और परिवार को बर्बादी के कगार पर ला दिया.

युवाओं की नसों में जोश कम नशा ज्यादा: संस्कारधानी जबलपुर सहित सिहोरा पाटन चरगवां बरगी शहपुरा कुंडम दर्जन गांवों में युवाओं की नसों में जोश कम नशा ज्यादा दौड़ता दिखाई दे रहा है. गांवो में गत कुछ समय से चिट्ठा और इंजेक्शन और गाजा का व्यापार लगातार बढ़ रहा है. गांवो का युवा वर्ग इसकी गिरफ्त में आ गया है. जबकि जिम्मेदार पूरी तरह से बेखबर नजर आ रहे हैं. यह कहना कतई गलत नहीं होगा कि, गांवो की युवा पीढ़ी नशे के कारण बर्बाद हो रही है. नशे में धूम्रपान से लेकर शराब का सेवन तो किया ही जा रहा है. इसके अलावा जो इन दिनों नशा नसों में उतारा जा रहा है.

नशे के सौदागर: चरस, गांजा, अफीम का नाम ओल्ड फैशन हो चुका है. जब इनकी तस्करी करते पकड़े जाने पर एनडीपीएस एक्ट में उम्रकैद तक की सजा का प्रावधान है तो नशे के सौदागरों ने नया फैशन ईजाद कर लिया है. अब प्रतिबंधित दवाओं वाले नशीले इंजेक्शन का काला कारोबार तेजी से बढ़ रहा है. वजह ये कि इनमें नार्कोटिक सब्सटेंस ना होने से एनडीपीएस एक्ट की धाराएं नहीं लग पातीं. जबलपुर पुलिस के अधिकारियों के मुताबिक यही वो वजह है कि अब नशे के सौदागर नशीले इंजेक्शन की तस्करी कर रहे हैं. कार्रवाई बताती है कि, जबलपुर इसकी मंडी बन गया है. यहां बीते 12 माह में पुलिस ने 32 बड़ी कार्रवाईयों में 48 तस्करों को 8 हजार से ज्यादा नशीले इंजेक्शन्स के साथ गिरफ्तार किया है.

चोरी-छिपे होती है सप्लाई: जबलपुर पुलिस ने अब तक जिन आरोपियों को गिरफ्तार किया है. उनमें अधिकांश पैडलर्स ही शामिल हैं. पश्चिम मध्य रेलवे का जोन मुख्यालय जबलपुर देश के तमाम शहरों से रेल नेटवर्क से बखूबी जुड़ा है. पैडलर्स के आका बाहरी राज्यों से ट्रेन रुट से यहां प्रतिबंधित दवाओं के इंजेक्शन चोरी छिपे भिजवाते हैं और उन्हें जबलपुर और आस पास के शहरों में खपा दिया जाता है. ये बात समझते हुए अब पुलिस के साथ खाद्य और औषिधि प्रशासन विभाग भी योजनाबद्ध तरीके से इस नैक्सेस को तोड़ना अपना मकसद बता रहा है.

नशे पर एमपी पुलिस का एक्शन, स्कूली छात्राओं को दिलाई शपथ

कब मिलेगी निजात: इतनी बड़ी तादात में नशीले इंजेक्शन की जब्ती यह बताती है कि, पुलिस हाथ पर हाथ धरे नहीं बैठी है, लेकिन ये भी साफ है कि नशीले इंजेक्शन के सौदागर भी युवाओं की नसों में बदस्तूर जहर घोलने से बाज नहीं आ रहे हैं. अब देखना होगा कि नशीले इंजेक्शन की मंडी बन रहे जबलपुर को इस समस्या से कब निज़ात मिल पाती है.

जबलपुर बना नशीले इंजेक्शन्स की मंडी

जबलपुर। युवाओं की रगों में नशा दौड़ रहा है, जिंदगी को मौत के मुहाने पर पहुंचाया जा रहा है. नशे का अवैध कारोबार करने वालों पर पुलिस कार्रवाई भी कर रही है और जागरूकता अभियान भी चलाए जा रहे हैं, बावजूद इसके नशे की प्रवृत्ति कम नहीं हो रही है. ऐसे कई मामले सामने आए हैं, जब नशे ने जिंदगी छीन ली और परिवार को बर्बादी के कगार पर ला दिया.

युवाओं की नसों में जोश कम नशा ज्यादा: संस्कारधानी जबलपुर सहित सिहोरा पाटन चरगवां बरगी शहपुरा कुंडम दर्जन गांवों में युवाओं की नसों में जोश कम नशा ज्यादा दौड़ता दिखाई दे रहा है. गांवो में गत कुछ समय से चिट्ठा और इंजेक्शन और गाजा का व्यापार लगातार बढ़ रहा है. गांवो का युवा वर्ग इसकी गिरफ्त में आ गया है. जबकि जिम्मेदार पूरी तरह से बेखबर नजर आ रहे हैं. यह कहना कतई गलत नहीं होगा कि, गांवो की युवा पीढ़ी नशे के कारण बर्बाद हो रही है. नशे में धूम्रपान से लेकर शराब का सेवन तो किया ही जा रहा है. इसके अलावा जो इन दिनों नशा नसों में उतारा जा रहा है.

नशे के सौदागर: चरस, गांजा, अफीम का नाम ओल्ड फैशन हो चुका है. जब इनकी तस्करी करते पकड़े जाने पर एनडीपीएस एक्ट में उम्रकैद तक की सजा का प्रावधान है तो नशे के सौदागरों ने नया फैशन ईजाद कर लिया है. अब प्रतिबंधित दवाओं वाले नशीले इंजेक्शन का काला कारोबार तेजी से बढ़ रहा है. वजह ये कि इनमें नार्कोटिक सब्सटेंस ना होने से एनडीपीएस एक्ट की धाराएं नहीं लग पातीं. जबलपुर पुलिस के अधिकारियों के मुताबिक यही वो वजह है कि अब नशे के सौदागर नशीले इंजेक्शन की तस्करी कर रहे हैं. कार्रवाई बताती है कि, जबलपुर इसकी मंडी बन गया है. यहां बीते 12 माह में पुलिस ने 32 बड़ी कार्रवाईयों में 48 तस्करों को 8 हजार से ज्यादा नशीले इंजेक्शन्स के साथ गिरफ्तार किया है.

चोरी-छिपे होती है सप्लाई: जबलपुर पुलिस ने अब तक जिन आरोपियों को गिरफ्तार किया है. उनमें अधिकांश पैडलर्स ही शामिल हैं. पश्चिम मध्य रेलवे का जोन मुख्यालय जबलपुर देश के तमाम शहरों से रेल नेटवर्क से बखूबी जुड़ा है. पैडलर्स के आका बाहरी राज्यों से ट्रेन रुट से यहां प्रतिबंधित दवाओं के इंजेक्शन चोरी छिपे भिजवाते हैं और उन्हें जबलपुर और आस पास के शहरों में खपा दिया जाता है. ये बात समझते हुए अब पुलिस के साथ खाद्य और औषिधि प्रशासन विभाग भी योजनाबद्ध तरीके से इस नैक्सेस को तोड़ना अपना मकसद बता रहा है.

नशे पर एमपी पुलिस का एक्शन, स्कूली छात्राओं को दिलाई शपथ

कब मिलेगी निजात: इतनी बड़ी तादात में नशीले इंजेक्शन की जब्ती यह बताती है कि, पुलिस हाथ पर हाथ धरे नहीं बैठी है, लेकिन ये भी साफ है कि नशीले इंजेक्शन के सौदागर भी युवाओं की नसों में बदस्तूर जहर घोलने से बाज नहीं आ रहे हैं. अब देखना होगा कि नशीले इंजेक्शन की मंडी बन रहे जबलपुर को इस समस्या से कब निज़ात मिल पाती है.

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