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हाथरस मामले में संदिग्ध बताई जा रही महिला निकली जबलपुर की डॉक्टर, आरोपों को नकारा

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Published : Oct 10, 2020, 2:47 PM IST

Updated : Oct 10, 2020, 3:24 PM IST

उत्तर प्रदेश की हाथरस में हुए कथित गैंगरेप मामले में जिस महिला को नक्सली बताया गया है, वह जबलपुर सुभाष चंद्र बोस मेडिकल कॉलेज की लेक्चरार निकली, डॉ. राजकुमारी बंसल सफाई देते हुए कहा कि वो पीड़ित परिवार को सहानुभूति देने के लिए गई थी. वह हर तरह की जांच कराने के लिए तैयार हैं.

Dr. Rajkumari Bansal
डॉ. राजकुमारी बंसल

जबलपुर। उत्तर प्रदेश की हाथरस में हुए कथित गैंगरेप मामले में जिस महिला को नक्सली बताया गया था, वह जबलपुर मेडिकल कॉलेज की लेक्चरार निकली हैं. आपने ऊपर लगे आरोप पर डॉ. राजकुमारी बंसल सफाई देते हुए कहा कि वे पीड़ित परिवार को सहानुभूति देने के लिए गई थी. उनके ऊपर जो भी आरोप लगे वह गलत और वह हर क किस्म की जांच के लिए तैयार है.

डॉ. राजकुमारी बंसल ने दी सफाई

जबलपुर सुभाष चंद्र बोस मेडिकल कॉलेज की लेक्चरर राजकुमारी बंसल का कहना है कि वे हाथरस में पीड़ित परिवार के साथ 4 दिन रह कर आईं हैं. उत्तर प्रदेश एसआईटी ने डॉक्टर राजकुमारी बंसल को अपनी संदिग्ध सूची में रखा है. जिसमें उन्हें नक्सली बताया जा रहा है, लेकिन राजकुमारी बंसल ने इस आरोप को सिरे से नकारा है. उनका कहना है कि वह जबलपुर मेडिकल कॉलेज में लेक्चरर हैं और वे हाथरस केवल इसलिए गई थी, क्योंकि उनकी पीड़ित परिवार के प्रति सहानुभूति थी. इसके अलावा उन्होंने वहां न तो किसी को भड़काया है, और न ही कोई गलत बयान दिया.

राजकुमारी बंसल का कहना है कि उन्हें जबरन फंसाया जा रहा है. उनकी पीड़ा सिर्फ इतनी थी, कि एक पीड़ित दलित लड़की का जिस तरह से प्रशासन ने रातों-रात अंतिम संस्कार कर दिया, और मामले को खत्म करने की कोशिस की. उसमें वह परिवार अकेला पड़ गया था, इसलिए वो उस परिवार के साथ सहानुभूति देने के लिए गई थी. उनकी मानसिकता किसी को उकसाने की नहीं थी. वे इस बात से व्यथित हैं, कि पीड़ित परिवार के साथ प्रशासन ने जिस प्रकार का व्यवहार किया है वह नहीं करना चाहिए था.

यूपी के हाथरस मामले में फिलहाल जांच चल रही है. जांच के दौरान मामले में नक्सल कनेक्शन की बात सामने आई थी. बताया जा रहा है कि संदिग्ध नक्सली महिला पीड़िता के घर में भाभी बनकर रह रही थी, और 16 सितंबर से लेकर 22 सितंबर तक पीड़िता के घर में रहकर नक्सली महिला बड़ी साजिश रच रही थी, और परिवार को उकसाने का काम कर रही थी. जिसके बाद से पुलिस, मध्य प्रदेश के जबलपुर की रहने वाली महिला की तलाश में जुटी हुई थी.

जबलपुर। उत्तर प्रदेश की हाथरस में हुए कथित गैंगरेप मामले में जिस महिला को नक्सली बताया गया था, वह जबलपुर मेडिकल कॉलेज की लेक्चरार निकली हैं. आपने ऊपर लगे आरोप पर डॉ. राजकुमारी बंसल सफाई देते हुए कहा कि वे पीड़ित परिवार को सहानुभूति देने के लिए गई थी. उनके ऊपर जो भी आरोप लगे वह गलत और वह हर क किस्म की जांच के लिए तैयार है.

डॉ. राजकुमारी बंसल ने दी सफाई

जबलपुर सुभाष चंद्र बोस मेडिकल कॉलेज की लेक्चरर राजकुमारी बंसल का कहना है कि वे हाथरस में पीड़ित परिवार के साथ 4 दिन रह कर आईं हैं. उत्तर प्रदेश एसआईटी ने डॉक्टर राजकुमारी बंसल को अपनी संदिग्ध सूची में रखा है. जिसमें उन्हें नक्सली बताया जा रहा है, लेकिन राजकुमारी बंसल ने इस आरोप को सिरे से नकारा है. उनका कहना है कि वह जबलपुर मेडिकल कॉलेज में लेक्चरर हैं और वे हाथरस केवल इसलिए गई थी, क्योंकि उनकी पीड़ित परिवार के प्रति सहानुभूति थी. इसके अलावा उन्होंने वहां न तो किसी को भड़काया है, और न ही कोई गलत बयान दिया.

राजकुमारी बंसल का कहना है कि उन्हें जबरन फंसाया जा रहा है. उनकी पीड़ा सिर्फ इतनी थी, कि एक पीड़ित दलित लड़की का जिस तरह से प्रशासन ने रातों-रात अंतिम संस्कार कर दिया, और मामले को खत्म करने की कोशिस की. उसमें वह परिवार अकेला पड़ गया था, इसलिए वो उस परिवार के साथ सहानुभूति देने के लिए गई थी. उनकी मानसिकता किसी को उकसाने की नहीं थी. वे इस बात से व्यथित हैं, कि पीड़ित परिवार के साथ प्रशासन ने जिस प्रकार का व्यवहार किया है वह नहीं करना चाहिए था.

यूपी के हाथरस मामले में फिलहाल जांच चल रही है. जांच के दौरान मामले में नक्सल कनेक्शन की बात सामने आई थी. बताया जा रहा है कि संदिग्ध नक्सली महिला पीड़िता के घर में भाभी बनकर रह रही थी, और 16 सितंबर से लेकर 22 सितंबर तक पीड़िता के घर में रहकर नक्सली महिला बड़ी साजिश रच रही थी, और परिवार को उकसाने का काम कर रही थी. जिसके बाद से पुलिस, मध्य प्रदेश के जबलपुर की रहने वाली महिला की तलाश में जुटी हुई थी.

Last Updated : Oct 10, 2020, 3:24 PM IST
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