जबलपुर। सुभाष चंद्र बोस मेडिकल कॉलेज के ऑर्थोपेडिक विभाग में पोस्ट ग्रेजुएशन फर्स्ट ईयर के छात्र डॉक्टर भागवत देवांगन ने हॉस्टल के कमरे में ही पंखे से लटक कर आत्महत्या कर ली है. डॉक्टर भागवत देवांगन के परिजनों ने आरोप लगाया है कि भागवत देवांगन ने रैगिंग की वजह से आत्महत्या की है. भागवत देवांगन एक होनहार छात्र थे और उन्होंने पुणे के एक मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस करने के बाद पोस्ट ग्रेजुएशन में जबलपुर में एडमिशन लिया था, लेकिन बीते कई दिनों से वे परेशान चल रहे थे.
परिजनों का कहना है कि उन्होंने फोन पर अपनी समस्या परिवार के लोगों को बताई थी. परिवार के लोगों का कहना है मेडिकल कॉलेज के उनके सीनियर भागवत को गालियां देते थे, और परेशान करते थे और बेवजह घंटों की ड्यूटी भी उनसे करवाई जाती थी. इसलिए परेशान होकर भागवत में एक महीने पहले भी नींद की गोलियां खाकर आत्महत्या करने की कोशिश की थी, और इस बार उसने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली.
पीड़ित परिजनों ने मेडिकल कॉलेज प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगाया है, कि मेडिकल कॉलेज प्रबंधन ने परेशान छात्र पर बिल्कुल ध्यान नहीं दिया, अब इस मामले में गढ़ा पुलिस जांच कर रही है जबलपुर के एडिशनल एसपी गोपाल खंडेल का कहना है कि अभी तक डॉक्टर भागवत की पोस्टमार्टम रिपोर्ट नहीं आई है. पुलिस ने भागवत देवांगन का मोबाइल अपने कब्जे में ले लिया है और पुलिस अब इससे भागवत देवांगन की मृत्यु की वजह जानने की कोशिश करेगी
एडिशनल एसपी ने कहा है कि रैगिंग के साथ दूसरे पक्षों पर भी खोजबीन की जाएगी, कि आखिर एक होनहार डॉक्टर को ऐसी क्या परेशानी थी, कि उसने अपनी जान ही दे दी, हालांकि डॉक्टर देवांगन ने मृत्यु के पहले कोई सुसाइड नोट नहीं छोड़ा था.