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1 अक्टूबर से DPSU संभालेंगे देश की केन्द्रीय सुरक्षा फैक्ट्रियों की कमान, कर्मचारियों ने शुरू किया विरोध - jabalpur

केन्द्र सरकार के नियम अनुसार देश के 41 केन्द्रीय सुरक्षा संस्थान 1 अक्टूबर से डिफेंस पब्लिक सेक्टर यूनिट्स (Defense Public Sector Units) संभालने वाले हैं. जबलपुर में इसका विरोध शुरू हो गया है. जबलपुर की चारों फैक्ट्रियों के कर्मचारियों ने इसका विरोध शुरू कर दिया है.

1 अक्टूबर से DPSU संभालेंगे देश की केन्द्रीय सुरक्षा फैक्ट्रियों की कमान
1 अक्टूबर से DPSU संभालेंगे देश की केन्द्रीय सुरक्षा फैक्ट्रियों की कमान
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Published : Sep 30, 2021, 9:35 PM IST

जबलपुर। देश भर की सभी 41 केंद्रीय सुरक्षा संस्थान 1 अक्टूबर से डिफेंस पब्लिक सेक्टर यूनिट्स यानी (DPSU) संभालेंगे, इस योजना को लेकर केंद्र सरकार ने पहले ही अपनी स्थिति स्पष्ट कर दी थी. सरकार के इस निर्णय का फैक्ट्री में कार्यरत कर्मचारीयों ने लगातार विरोध भी किया था, ऐसे में अब 1 अक्टूबर को फैक्ट्री के सभी कर्मचारियों ने केंद्र सरकार के विरोध की तैयारी शुरू कर दी है.

कर्मचारियों को सताने लगी भविष्य की चिंता

कर्मचारियों को डर है कि अगर डिफेंस पब्लिक सेक्टर यूनिट्स केंद्रीय सुरक्षा संस्थानों को संभालेंगे तो उसके बाद कर्मचारियों का भविष्य अंधकार में चला जाएगा. हालांकि सरकार ने कर्मचारियों के सामने स्पष्ट किया था कि इससे उन्हें किसी तरह का नुकसान नहीं होगा पर कर्मचारी सरकार के इस निर्णय को मानने के लिए तैयार नहीं हैं. ऐसे में जबलपुर की चारों फैक्ट्रियों में कार्य करने वाले कर्मचारियों ने सरकार का विरोध करने की तैयारी भी शुरू कर दी है.

व्हीकल फैक्ट्री में उत्पादन पर कटौती होना शुरू

डिफेंस पब्लिक सेक्टर यूनिट्स संभालते ही व्हीकल फैक्ट्री में उत्पादन पर कटौती होना शुरू हो गई है. जानकारी के मुताबिक व्हीकल फैक्ट्री जबलपुर में सेना के लिए 450 माइंस प्रोडक्ट व्हीकल बनने का ऑर्डर था, पर अब फैक्ट्री के पास सिर्फ 121 माइंस प्रोटेक्ट व्हीकल का आर्डर है. सीधे तौर पर 329 व्हीकल की कटौती की गई है. व्हीकल फैक्ट्री जबलपुर ने अभी तक 100 व्हीकल तैयार कर लिए है. कर्मचारियों को अब मार्च तक सिर्फ 21 व्हीकल और बनाने मिलेंगे, ऐसे में कर्मचारियों को वेतन की समस्या अभी से दिखने लगी है.

गरीब के निवाले पर डाका! ऐसे होती है राशन की कालाबाजारी, पकड़े गए आरोपियों ने किए बड़े खुलासे

जबलपुर में है 4 केन्द्रीय सुरक्षा संस्थान

जबलपुर में चार केंद्रीय सुरक्षा संस्थान हैं,ऑर्डनेंस फैक्ट्री खमरिया में जहां सेना के लिए गोला बारूद बनाया जाता है, तो वहीं गन कैरिज फैक्ट्री में धनुष और सारंग जैसी बड़ी तोप बनाई जाती है, वहीं व्हीकल फैक्ट्री जबलपुर में सेना के लिए वाहन, तो ग्रे आयरन फाउंड्री फैक्ट्री में तोप और वाहनों में लगाए जाने वाले छोटे-छोटे कलपुर्जों का निर्माण किया जाता है.

जबलपुर। देश भर की सभी 41 केंद्रीय सुरक्षा संस्थान 1 अक्टूबर से डिफेंस पब्लिक सेक्टर यूनिट्स यानी (DPSU) संभालेंगे, इस योजना को लेकर केंद्र सरकार ने पहले ही अपनी स्थिति स्पष्ट कर दी थी. सरकार के इस निर्णय का फैक्ट्री में कार्यरत कर्मचारीयों ने लगातार विरोध भी किया था, ऐसे में अब 1 अक्टूबर को फैक्ट्री के सभी कर्मचारियों ने केंद्र सरकार के विरोध की तैयारी शुरू कर दी है.

कर्मचारियों को सताने लगी भविष्य की चिंता

कर्मचारियों को डर है कि अगर डिफेंस पब्लिक सेक्टर यूनिट्स केंद्रीय सुरक्षा संस्थानों को संभालेंगे तो उसके बाद कर्मचारियों का भविष्य अंधकार में चला जाएगा. हालांकि सरकार ने कर्मचारियों के सामने स्पष्ट किया था कि इससे उन्हें किसी तरह का नुकसान नहीं होगा पर कर्मचारी सरकार के इस निर्णय को मानने के लिए तैयार नहीं हैं. ऐसे में जबलपुर की चारों फैक्ट्रियों में कार्य करने वाले कर्मचारियों ने सरकार का विरोध करने की तैयारी भी शुरू कर दी है.

व्हीकल फैक्ट्री में उत्पादन पर कटौती होना शुरू

डिफेंस पब्लिक सेक्टर यूनिट्स संभालते ही व्हीकल फैक्ट्री में उत्पादन पर कटौती होना शुरू हो गई है. जानकारी के मुताबिक व्हीकल फैक्ट्री जबलपुर में सेना के लिए 450 माइंस प्रोडक्ट व्हीकल बनने का ऑर्डर था, पर अब फैक्ट्री के पास सिर्फ 121 माइंस प्रोटेक्ट व्हीकल का आर्डर है. सीधे तौर पर 329 व्हीकल की कटौती की गई है. व्हीकल फैक्ट्री जबलपुर ने अभी तक 100 व्हीकल तैयार कर लिए है. कर्मचारियों को अब मार्च तक सिर्फ 21 व्हीकल और बनाने मिलेंगे, ऐसे में कर्मचारियों को वेतन की समस्या अभी से दिखने लगी है.

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जबलपुर में है 4 केन्द्रीय सुरक्षा संस्थान

जबलपुर में चार केंद्रीय सुरक्षा संस्थान हैं,ऑर्डनेंस फैक्ट्री खमरिया में जहां सेना के लिए गोला बारूद बनाया जाता है, तो वहीं गन कैरिज फैक्ट्री में धनुष और सारंग जैसी बड़ी तोप बनाई जाती है, वहीं व्हीकल फैक्ट्री जबलपुर में सेना के लिए वाहन, तो ग्रे आयरन फाउंड्री फैक्ट्री में तोप और वाहनों में लगाए जाने वाले छोटे-छोटे कलपुर्जों का निर्माण किया जाता है.

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