जबलपुर। राजस्थान के दोसा जिले में एक महिला मरीज की मौत के बाद पुलिस ने महिला डॉक्टर के खिलाफ हत्या का केस दर्ज कर लिया. इससे तनाव में आकर डॉ.अर्चना शर्मा ने आत्महत्या कर ली. इस घटना के बाद जबलपुर के डॉक्टरों में रोष फैल गया. राजस्थान पुलिस के खिलाफ जबलपुर के डॉक्टरों ने विरोध प्रदर्शन किया. इस दौरान कई घंटे तक मेडिकल कॉलेज में पोस्टमार्टम नहीं किए गए.
मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों में रोष : महिला डॉक्टर की मौत के मामले को लेकर जबलपुर मेडिकल कॉलेज के पोस्टमार्टम विभाग के डॉक्टरों ने पोस्टमार्टम न करके अपना विरोध जताया. इस दौरान करीब 2 से 3 घंटे तक डॉक्टरों ने शवों का पीएम नहीं किया. डॉक्टरों ने विरोध जताते हुए काली पट्टी बांधकर प्रदर्शन किया. मेडिकल पोस्टमार्टम विभाग के डॉक्टरों का कहना है कि हम राजस्थान पुलिस की इस कार्रवाई का विरोध करते हैं.
परिजन परेशान होते रहे : डॉक्टरों ने 10 बजे से लेकर 1 बजे तक पोस्टमार्टम नहीं किया. इसके चलते परिजन बॉडी लेने के लिए परेशान होते रहे. पीएम विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. विवेक श्रीवास्तव ने बताया कि डॉक्टर इलाज के दौरान पूरी कोशिश करता है कि मरीज को बचा लें लेकिन राजस्थान पुलिस ने अधिक खून बहने के कारण हुई मरीज की मौत के बाद डॉक्टर के खिलाफ 302 का अपराध कायम कर डाला, जो सरासर गलत है.
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इसलिए ग्रामीण क्षेत्रों में नहीं जाते डॉक्टर : डॉ. विवेक ने बताया कि गांव में चिकित्सा व्यवस्था पर्याप्त नहीं होती हैं. ऐसे में अगर मरीज की मौत हो जाती है तो डॉक्टर पर मामला दर्ज होता है. यही वजह है कि डॉक्टर गाँव जाना पसंद नहीं करते हैं. वहां जाने से परहेज करते हैं. यदि शासन डॉक्टरों को समुचित सुरक्षा व्यवस्था दे तो डॉक्टर गांवों में जाकर इलाज कर सकते हैं, लेकिन यदि डॉक्टरों के साथ ऐसा होगा तो इसका विरोध जरूरी है. (Doctors of Jabalpur Medical College) (Doctors did not do post-mortem)